सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि सूडान में मुसलमानों ने फ़्रांस की एम्बेसी को आग के हवाले कर दिया. वीडियो शेयर करने वाले ये लिख रहे हैं, “सूडान में फ्रांस की अंबेसी को मुसलमानों ने किया आग के हवाले ऐ ज़ालिमों! तुम दुनिया के मुसलमानों पर लाख ज़ुल्म व सितम करो,बर्दाश्त किया जा सकता है लेकिन नबी की शान में गुस्ताख़ी हम हर्गिज़ बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं चाहे तुम हमें आतंकवादी कहते फिरो या जिहादी.” उनका कहना है कि फ़्रांस की एम्बेसी को इसलिए जलाया गया है क्यूंकि हाल ही में फ़्रांस के टीचर सेमुएल पैटी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पढ़ाते वक्त क्लास को चार्ली हेब्दो से सम्बंधित पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था. टीचर सेमुएल पैटी की मॅास्को में जन्मे एक टीनेजर ने इसी वजह से हत्या कर दी थी.

इसके अलावा ट्विटर पर RajaAti17492920, msjoha8, Riyajulhaq3, HifzanSiddique ने ये वीडियो शेयर किया है.

फ़ेसबुक पर भी कई लोगों ने ये वीडियो शेयर करते हुए यही दावा किया है.

 

बताया जा रहा है कि सूडान के ग़ैरतमंद मुसलमानों ने फ्रांस की अंबेसी का घेराव करके आग लग दी है…

जो कि बहुत उम्दा काम किया है।

बतला दो गुस्ताख ए नबी को गैरत ए मुस्लिम जिंदा है ।

#WeLoveMuhammadﷺ 🌺

Posted by मोहम्मद इमरान खान on Sunday, 25 October 2020

ऑल्ट न्यूज़ की ऑफ़िशियल ऐप पर भी इस वीडियो की पड़ताल की रिक्वेस्ट आई है.

फ़ैक्ट-चेक

इस वीडियो के एक फ़्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें ये वीडियो सितम्बर, 2012 में यूट्यूब पर मिला. इसे पोस्ट करते हुए यूज़र ने अरबी भाषा में लिखा है, فيديوا إقتحام السفارة الأمريكية في السودان….أكشن” इसका लगभग अनुवाद है- ‘सूडान में US एम्बेसी पर हमले का वीडियो.’

इस आधार पर जब हमने कीवर्ड्स सर्च किया तो हमें सितम्बर 2012 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिसमें बताया गया है कि सूडान में कई फ़ॉरेन एम्बेसीज़ पर हमला हुआ था. अल जज़ीरा की 15 सितम्बर, 2012 की रिपोर्ट के अनुसार, ट्यूनीशिया, यमन, सूडान और अन्य जगहों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन में अमेरिकी, ब्रिटिश और जर्मन दूतावासों को निशाना बनाया गया. ऐसा US में बनी एक फ़िल्म के ट्रेलर में इस्लाम विरोधी दृश्य के कारण हुआ था. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस वीडियो में पैगम्बर मोहम्मद का अपमान किया गया था. अल जज़ीरा की वीडियो रिपोर्ट के शुरूआती कुछ हिस्से अभी वायरल हो रहे वीडियो से मेल खाते हैं.

हमने देखा कि CNN ने 14 सितम्बर, 2012 की रिपोर्ट में अभी वायरल हो रहा वीडियो दिखाया है. रिपोर्ट के अनुसार इस वीडियो में प्रदर्शनकारी सूडान के खार्तूम में जर्मन एम्बेसी पर हमला कर रहे थे.

द गार्डियन की एक रिपोर्ट में बताया गया है, “जिस फ़िल्म से मुसलमानों में इतना आक्रोश पैदा हुआ वो कैलिफ़ोर्निया के नकुला बेसली नकुला ने बनाई थी. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इस फ़िल्म को ‘निंदनीय’ बताया.” सितम्बर, 2020 के द वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि फ़िल्म मेकर को एक अन्य फ़्रॉड केस में गिरफ़्तार किया गया था.

तो जैसा कि स्पष्ट है, इस वीडियो का हाल की किसी घटना से कोई संबंध नहीं है. ये 2012 में सूडान में हुए हिंसक प्रदर्शन का है.

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