हाल ही में फ़्रेंच टीचर सेमुएल पैटी की पेरिस में 18 वर्षीय टीनेजर अब्दुलाख अन्ज़ोरोव ने हत्या कर दी थी. सेमुएल ने क्लास को अभिव्यक्ति की आज़ादी पढ़ाने के दौरान पैगम्बर मोहम्मद पर बना चार्ली हेब्दो का एक विवादित कार्टून दिखा दिया था. इसी के चलते युवक को टीचर पर गुस्सा आया और उसने उनकी हत्या कर दी.

इस घटना के बाद मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए ग़लत सूचनाएं फ़ैलने लगीं. कुछ दिनों पहले, सुरेन्द्र पूनिया ने एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया था कि वो टीचर फ़्रांस में शरणार्थियों का स्वागत कर रहे थे और अब इसी की कीमत उन्हें चुकानी पड़ी.

मधु किश्वर, जो ट्विटर पर अक्सर ग़लत सूचनाएं शेयर करती रहती हैं, ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “फ्रांस के नागरिक मुस्लिमों द्वारा नमाज़ के लिए रोड और साईडवॉक पर कब्ज़ा किये जाने के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं… फ़्रेंच लोगों ने ऊंची आवाज़ में फ़्रेंच राष्ट्रगान गा कर प्रतिक्रिया दी. कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर ये “संकटग्रस्त” इस्लामी भारत में शरण लेने आयें और “सबका-साथ-संत” इनके स्वागत के लिए कोई विशेष कानून बना दें.”

इस वीडियो को हाल में शेयर कर ये जताया गया कि ये घटना फ़्रेंच टीचर की हत्या से जुड़ी हुई है.

ये क्लिप फ़ेसबुक पर भी शेयर की जा रही है.

पुराना वीडियो

हमने इस वीडियो के फ़्रेम्स निकाल कर जब यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो 2017 की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. इनके मुताबिक एक स्थानीय मस्जिद के बंद होने के बाद उत्तर-पश्चिमी पेरिस के उपनगर, क्लिशी में रोड पर नमाज़ पढ़ने करीब 2,000 लोग जमा हुए थे.

कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स में वायरल वीडियो के जैसे ही विज़ुअल दिखाई देते हैं.

द लोकल फ़्रांस ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हाल ही में मेयर ने पास के एक मस्जिद को बंद करने का फैसला किया जिसमें रोज़ 5,000 तक लोग रोज़ प्रार्थना करते थे. उसी के विरोध में सभी मुस्लिम उपासक सड़क पर ही नमाज़ अदा कर रहे थे. प्रशासन ने नयी मस्जिद खुलवायी तो थी, लेकिन वो 1.5 किलोमीटर दूर थी और लोगों ने कहा कि इतनी दूर जाना मुश्किल होता है. शुक्रवार को किये गये प्रदर्शन का मकसद क्लिशी के बीच में एक प्रार्थना स्थल बनाने के लिए स्थानीय परिषद को मनाना था.” ये भी गौर किया जाये कि पश्चिमी यूरोप में फ्रांस सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है.

2017 के वीडियो और न्यूज़ रिपोर्ट में लोगों को एक बैनर थामे देखा जा सकता है, जिसपर लिखा है, “सड़क पर ग़ैर कानूनी तरीक़े से नमाज़ पढ़ना बंद करो. (STOP AUX PRIÈRES DE RUE ILLÉGALES!)”

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, “इस प्रार्थना के विरोध में फ़्रेंच नेता आ गये जिन्होंने कहा कि ये ‘सार्वजनिक स्थान का ग़लत इस्तेमाल’ है.” जब लोग नमाज़ पढ़ रहे थे तब नेता और उनके साथ खड़े लोग इसके विरोध में फ़्रांस का राष्ट्रगान गाने लगे.

नमाज़ पढ़ने वालों में से एक ने AFP न्यूज़ एजेंसी से कहा, “वो हमारे मुंह पर मार्शीएज़ (Marseillaise) गा रहे थे, जबकि हम भी फ़्रांस के लोग ही हैं. लॉन्ग लिव फ्रांस!”

पेरिस के क्लिशी में मुस्लिम समुदाय के एक 3 साल पुराने प्रदर्शन का वीडियो मधु किश्वर ने टीचर की हत्या से जोड़कर शेयर किया. असल में, वहां एक स्थानीय मस्जिद के बंद किये जाने का विरोध लोग सड़क पर नमाज़ पढ़ रहे थे. और फ़्रांस के कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया था. ये एक ऐसा देश है जहां चर्च और राज्य को बेहद सख्ती के साथ अलग-अलग देखा जाता है.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.