भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. ये 1986 में राजीव गांधी की राजघाट यात्रा की एसोसिएटेड प्रेस की कवरेज का एक फ़ुटेज है. दावा है कि राजीव गांधी की यात्रा के दौरान एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) ने एक झाड़ी के पीछे हलचल देखकर तुरंत गोलियां चला दी थीं जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई. बाद में पता चला कि जिस व्यक्ति की मौत हुई वो एक भिखारी था.

नीचे BJYM के राष्ट्रीय वीपी नीरज जैन का ट्वीट है जिसमें ये वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया गया है.

ये दावा ट्विटर और फ़ेसबुक, दोनों पर वायरल है.

पंजाब में एक फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा पीएम मोदी के काफ़िले को रोका गया था. इस घटना को गृह मंत्रालय ने ‘सुरक्षा उल्लंघन’ बताया था. और वहीं भाजपा समर्थक न्यूज़ चैनलों ने इसे प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश बताया था. ये वीडियो इस घटना के बाद से शेयर किया जा रहा है.

भ्रामक दावा

गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को AP आर्काइव्ज़ यूट्यूब चैनल पर असली वीडियो मिला. डिस्क्रिप्शन के अनुसार, अक्टूबर 1986 में स्वर्गीय महात्मा गांधी की जयंती समारोह में भाग लेने के दौरान पीएम राजीव गांधी पर गज़ेबो में छिपे एक सिख व्यक्ति ने गोली चलाई थी. लेकिन उस व्यक्ति को पकड़ लिया गया था और राजीव गांधी को कोई चोट नहीं लगी थी.

3 अक्टूबर 1986 की वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में ये बात कंफ़र्म की गई है कि आरोपी व्यक्ति ने घर में बने हथियार का इस्तेमाल कर गोलियां चलाईं थी. इस घटना में 6 लोग मामूली रूप से घायल हुए थे. आरोपी व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया था. व्यक्ति ने शुरू में अपना नाम मनमोहन देसाई बताया था लेकिन फिर कई बार उसने अपना नाम बदला था. लॉस एंजिलिस टाइम्स ने भी ऐसी ही रिपोर्ट दी थी. लॉस एंजिल्स टाइम्स की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि शांति बनाए रखने के लिए एक पुलिस प्रवक्ता ने घोषणा की थी कि गोली चलाने वाला व्यक्ति का सिख चरमपंथियों से कोई संबंध नहीं था.

हत्या की कोशिश के लगभग एक महीने बाद इंडिया टुडे ने रिपोर्ट में उस दिन का पूरा विवरण दिया था. इसमें बताया गया था कि गोली चलाने वाले व्यक्ति को कैसे हिरासत में लिया गया था. इंडिया टुडे ने उस व्यक्ति की पहचान करमजीत सिंह के रूप में की थी.

नीचे, करमजीत सिंह का इंटरव्यू दिया गया है.

कुल मिलाकर, जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर राजघाट जा रहे थे. तब एक बंदूकधारी व्यक्ति ने उनकी हत्या करने की कोशिश की थी. लेकिन वो असफल रहा और उसे हिरासत में ले लिया गया. ये दावा पूरी तरह से ग़लत है कि एसपीजी ने एक भिखारी पर गोली चलाई थी. इस घटना में किसी की मौत नहीं हुई थी लेकिन 6 लोग मामूली रूप से घायल हुए थे.

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