8 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद निवासी बंधू प्रकाश पाल, उनकी गर्भवती पत्नी और बेटे की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड के बाद भाजपा ने दावा किया कि बंधू प्रकाश पाल आरएसएस के कार्यकर्ता थे, हालांकि मृतक के परिवारजनों ने इस बात से इनकार किया कि पाल का किसी भी राजनितिक पार्टी से कोई संबंध है। घटना के बाद आरएसएस और भाजपा समर्थको ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा था। इसी बीच सोशल मीडिया में डेली हंट का एक समाचार लेख प्रसारित हुआ, जिसका शीर्षक था –“पश्चिम बंगाल मे BJP ने ही कराई थी अपने कार्यकर्ता की हत्या, बजरंग दल के 11 कार्यकर्ता गिरफ्तार”।
यह समाचार लेख ट्विटर पर वायरल है। फेसबुक पर भी इस लेख को साझा किया जा रहा है।
पुरानी भ्रामक खबर
डेली हंट का यह लेख 4 जून 2018 को प्रकाशित हुआ था और अभी भी ऑनलाइन उपलब्ध है, हालांकि यह खबर भ्रामक है। दरअसल NDTV की मार्च 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में रामनवमी जुलुस के दौरान दो गुटों के बीच हिंसा हुई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी थी। इस घटना के दो महीने बाद कई मीडिया संगठनों जैसे – राजस्थान पत्रिका, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, डेक्कन क्रॉनिकल, ने जून 2018 में एक रिपोर्ट प्रकाशित कर बताया कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी की हिंसा के मामले में 11 बजरंगदल के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई है।
5 जून 2018 की न्यूज़ लॉन्ड्री के लेख के मुताबिक, इस घटना पर सबसे पहले ANI ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके बाद अन्य मीडिया संगठनों ने भी यह खबर उठाया। ANI ने बाद में अपनी खबर को डिलीट कर दिया था, न्यूज़ लॉन्ड्री द्वारा ANI से डिलीट करने का कारण पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह खबर भ्रामक थी, इसके बाद अन्य मीडिया संगठनों ने भी अपने लेख को हटा लिया था।
न्यूज़ लॉन्ड्री की रिपोर्ट के मुताबिक, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी रामनवमी में हुई हिंसा की घटना से संबधित थी, ना कि भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत से।
2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद, पश्चिम बंगाल में तनावपूर्ण स्थिति उत्त्पन हुई थी, जिसमें एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत हुई थी। इसके बाद फेसबुक पर और ट्विटर पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के ऑफिशल हैंडल ने इस पुरानी भ्रामक खबर को साझा किया था, जिसकी ऑल्ट न्यूज़ द्वारा की गई पड़ताल आप यहां पर पढ़ सकते है।
इस तरह सोशल मीडिया में साझा की जा रही डेली हंट की खबर कि भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में 11 बजरंगदल के कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया है, गलत है। पुरानी और गलत रिपोर्ट जिसे कई प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों ने बाद में हटा दिया था, हालिया मुर्शिदाबाद हत्याकांड के बाद सोशल मीडिया पर साझा की गई।
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