24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे भारत में तीन हफ़्तों का लॉकडाउन जारी करने का आदेश दिया. इस लॉकडाउन के दौरान किसी भी आवश्यक वस्तुओं की बिक्री को नहीं रोका गया. ये आदेश कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण जारी किया गया.

25 मार्च को ‘इंडिया टीवी’ के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ़ रजत शर्मा ने हॉस्पिटल बेड और बाहर खड़े मरीज़ों की तस्वीरें ट्वीट की. उन्होंने दावा किया कि इटली में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अस्पतालों में जगह नहीं है. उन्होंने लिखा -“Learn from Italy. No more spaces are available in hospitals. Please do not step out of your homes for next 21 days. #CoronavirusLockdown. (अनुवाद – इटली से सीखें. अस्पतालों में अब जगह नहीं है. प्लीज 21 दिनों तक अपने घरों से न निकलें. #CoronavirusLockdown.)” इस ट्वीट को डिलीट किये जाने से पहले इसे 6,200 बार रीट्वीट किया गया था. हालांकि, ट्वीट के आर्काइव और कैच्ड वर्ज़न को आप देख सकते हैं.

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर इन तस्वीरों की जांच के लिए कुछ रीक्वेस्ट मिली हैं.

कई यूज़र्स ने ये तस्वीरें ट्विटर और फ़ेसबुक पर शेयर की है.

फ़ैक्ट-चेक

रिवर्स इमेज सर्च से मालूम हुआ कि ये तस्वीरे क्रोएशिया की है न कि इटली की. ट्विटर यूज़र एंजेलिना ने इन्हीं तस्वीरों के सेट को 22 मार्च को शेयर किया था. उन्होंने बताया कि ये तस्वीरें क्रोएशिया की राजधानी ज़ैग्रब में आए 5.4 तीव्रता के भूकंप के बाद की हैं. इटली की बताते हुए रजत शर्मा द्वारा शेयर की गई चार में से तीन तस्वीरों को एंजेलिना ने शेयर किया था. एंजेलिना ने बताया कि ये तस्वीरें झटके के बाद मेडिकल सुविधा की गंभीर स्थिति को दिखाती है. क्रोएशिया और अन्य पड़ोसी देशों में 22 मार्च को भूकंप आया था.

अपने इस आर्टिकल में, हम सभी तस्वीरों की उनके स्रोत के ज़रिए या फ़िर स्वतंत्र रूप से जांच करेंगे. पिछले 140 वर्षों में पहली बार क्रोएशिया के ज़ैग्रब में ऐसा भूकंप आया. नीचे दी गई फ़ुटेज में आप भूकंप के झटके के बाद ज़ैग्रब के मेटरनिटी वॉर्ड और स्त्री रोग विभाग को कैसे खाली करवाया गया, वो देख सकते है. गौर करने वाली बात है कि बच्चों के साथ खड़ी महिलाओं के बाहर निकालने की तस्वीर 22 मार्च को खींची गई थी.

तस्वीर 1

ये तस्वीर ज़ैग्रब की है. इसमें महिलाओं को मैटरनिटी वॉर्ड से अपने नवजात बच्चों के साथ बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है. इस तस्वीर को ऑस्ट्रेलिया के ‘ABC न्यूज़’ ने अपने आर्टिकल में प्रकाशित किया था जिसमें क्रोएशिया में आए भूकंप के बारे में बताया गया है.

इस तस्वीर की स्वतंत्र रूप से जांच करने के लिए हमने तस्वीर में दिख रहे स्ट्रक्चर की तुलना गूगल अर्थ व्यू से की. नीचे कम्पेयर की गई तस्वीरों से साफ़ होता है कि वायरल तस्वीर प्रसूति और स्त्री रोग विभाग के बाहर की है. नीचे की दोनों तस्वीर में दिखने वाली बिल्डिंग एक ही हैं.

1. गेट के पास वाला बूथ

2. साइड में दिखने वाली सफ़ेद रंग की इमारत जिसके ऊपर का हिस्सा ग्रे कलर का है

3. प्रसूति और स्त्री रोग विभाग के कम्पाउन्ड के बाहर ब्रिक कलर की बिल्डिंग

इसके अलावा, क्रोएशिया के दैनिक ’24Sata’ ने प्रसूति और स्त्री रोग विभाग के बाहर की घटना को वीडियो रिपोर्ट में दिखाया है.

तस्वीर 2

ये तस्वीर भी प्रसूति और स्त्री रोग विभाग के बाहर की ही है. तस्वीर में दिखने वाले स्ट्रक्चर को आप पहली तस्वीर में भी देख सकते है. इसके अलावा, आप 7 मिनट के एक वीडियो में नवजात बच्चों को माताओं के साथ डिपार्ट्मन्ट से बाहर निकलते हुए देख सकते हैं.

तस्वीर 3

प्रसूति और स्त्री रोग विभाग के बाहर बैठी महिलाओं की तस्वीर का पता उनके पीछे दिखने वाली बिल्डिंग और स्ट्रक्चर से चल जाता है. हमने नीचे गूगल पर मौजूद डिपार्ट्मन्ट की तस्वीर से वायरल तस्वीर को कम्पेयर किया. दिखाई दे रहे स्ट्रक्चर एक ही हैं.

1. बालकनी से दिखने वाली पहली खिड़की

2. दूसरी बालकनी के आगे दिखने वाली रेलिंग

तस्वीर 4

ये तस्वीर 22 मार्च 2020 को बॉस्निया के पत्रकार मिरनेस कोवाक ने शेयर की थी. तस्वीर में मरीज़ों के स्ट्रेचर को बाहर खड़े हुए देखा जा सकता है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा -“Heartbreaking photos of mothers with their newborns :baby: waiting outside in the cold during the #earthquake this morning in #Zagreb #Croatia.(अनुवाद – नवजात बच्चों के साथ माताओं की दिल दहला देने वाली तस्वीरें: आज सुबह आए भूकंप के बाद इतनी ठंड में बाहर इंतजार करते हुए. #Zagreb #Croatia.)”

हमें एक ट्विटर यूज़र द्वारा शेयर किया हुआ तस्वीरों का एक सेट भी मिला. इससे मालूम हुआ कि सेट की एक तस्वीर को क्रॉप कर सोशल मीडिया में वायरल किया गया. डबल रिवर्स इमेज सर्च करने से पाया कि ये तस्वीर ’24Sata’ ने अपनी रिपोर्ट में शेयर की थी. आर्टिकल में बताया गया है कि सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाली जगहों में KBC रेब्रो और पेट्रोवा हॉस्पिटल शामिल हैं. मरीज़, स्टाफ़ सभी रास्ते पर खड़े थे. हमें एक इंस्टाग्राम पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी मिला जिससे वहां की लोकेशन की पुष्टि हो पाई और मालूम हुआ कि ये ज़ैग्रब के KBC रेब्रो की तस्वीर ही है.

तस्वीर 5

बिल्डिंग के बाहर खड़े स्ट्रेचर की ये तस्वीर भी ज़ैग्रब की है. जर्नलिस्ट लैन फ्रेजर ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए ‘Virsak.info’ का एक आर्टिकल शेयर किया. उन्होंने ये भी बताया कि भूकंप उनके अस्पताल पर और भी ज़्यादा प्रेशर डाल सकता था.

फ़िलहाल COVID-19 की स्थिति की अगर बात करें तो जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के डैशबोर्ड के मुताबिक क्रोएशिया में कोरोना वायरस के पॉज़िटिव केस की संख्या 481 तक पहुंच चुकी है.

इस तरह रजत शर्मा द्वारा ट्वीट की गई चार तस्वीरें इटली की नहीं बल्कि क्रोएशिया में 22 मार्च को आए भूकंप की हैं. इसके अलावा, पांचवी तस्वीर भी क्रोएशिया के भूकंप से ही जुड़ी हुई है. इसमें से कोई भी तस्वीर इटली में कोरोना वायरस के मरीज़ों की दयनीय स्थिति को नहीं दिखाती है. शर्मा के ट्वीट को डिलीट किये जाने के बाद इसका स्क्रीनशॉट व्हाट्सऐप पर ऐसे ही झूठे दावों के साथ शेयर हो रहा है.

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 700 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 5 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 25 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.