सोशल मीडिया पर एक ट्रक का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कई लाशें ले जाई जा रही हैं. इस के साथ जो मेसेज शेयर हो रहा है वो ये है – “अपने अपने घरों में ही रहो”* ये कोई प्रधानमंत्री का फैसला नही है। ये फैसला तो कुदरत का है। और इस फैसले को जिस देश ने नही माना उसकी हालत क्या हुई है वो जरा देख लें। *ईरान के एक अस्पताल के बाहर का नजारा जरा उन तक पोहचा दो जो लोग आज भी अपने घरों में टिक नही सकते।*
*”अपने अपने घरों में ही रहो”* ये कोई प्रधानमंत्री का फैसला नही है। ये फैसला तो कुदरत का है। और इस फैसले को जिस देश ने नही माना उसकी हालत क्या हुई है वो जरा देख लें।
*ईरान के एक अस्पताल के बाहर का नजारा जरा उन तक पोहचा दो जो लोग आज भी अपने घरों में टिक नही सकते।*
Posted by Main Shaheen Bagh Hu on Thursday, 26 March 2020
कई लोगों ने इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है.
ऑल्ट न्यूज़ को अपने ऑफिशियल व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर और ऑफिशियल एंड्रॉइड ऐप पर इस दावे की सच्चाई जानने के लिए कई रीक्वेस्ट्स मिलीं.
2019 का ये वीडियो मक्का से है
ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो को कई फ़्रेम्स में तोड़ा. इन फ़्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया गया तो मालूम पड़ा कि ग़ुलाम अब्बास नाम के यूट्यूब यूज़र ने इसे 16 अगस्त, 2019 को अपलोड किया था. इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा हुआ था – “हज 2019 (1440) मक्का से लाइव हज के दौरान हुईं 58 मौतें साउदी अरब. (अंग्रेज़ी डिस्क्रिप्शन का हिंदी ट्रांसलेशन.)”
हमें मक्का से ऐसे और भी वीडियोज़ मिले जिसमें ऐसे ही ट्रक्स को देखा जा सकता है.
2019 में 9 अगस्त, शुक्रवार की शाम हज यात्रा शुरू हुई थी. ये 14 अगस्त की शाम को ख़त्म हुई. 14 अगस्त को बताया गया कि यात्रा के दौरान 39 लोगों की मौत हो गयी. हर साल मक्का में लाखों लोग आते हैं. बूढ़े लोग वहां से गर्मी से सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं. कई लोग मर भी जाते हैं. यहां भारी भीड़ के कारण भगदड़ भी काफ़ी आम है.
ऑल्ट न्यूज़ स्वतंत्र रूप से तो इस वीडियो को वेरिफ़ाई नहीं कर सका. लेकिन इतना तो पक्का है कि ये वीडियो कोरोना वायरस के संक्रमण शुरू होने से काफ़ी पहले का है. इसके अपलोड होने की तारीख अगस्त 2019 है जबकि दुनिया में कोरोना वायरस का पहला केस नवंबर 2019 में रिपोर्ट किया गया था.
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 900 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 6 लाख के आस-पास कन्फ़र्म केसेज़ सामने आये हैं और 27 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.
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