16 अक्टूबर को एक रियल एस्टेट व्यवसाय के मालिक के घर में काम करने वाली 32 साल की महिला को खाने में पेशाब मिलाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. ग़ाजियाबाद पुलिस ने घर के मालिक की शिकायत के आधार पर 15 अक्टूबर को घरेलू सहायिका के खिलाफ FIR दर्ज की.

कई मीडिया आउटलेट्स ने इस घटना की जानकारी दी और इस घटना की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हुई. अब इस घटना को ‘यूरिन जिहाद’ करार दिया जा रहा है. राईटविंग और मेनस्ट्रीम मीडिया अक्सर उन मामलों में ‘ज़िहाद’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं जहां आरोपी मुस्लिम समुदाय से होता है. पहले भी, ‘लव जिहाद’ और ‘थूक जिहाद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाले साजिश के सिद्धांत पेश करने के लिए किया गया है.

इंडिया टीवी (@indiatvnews) ने नौकरानी का एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें कथित तौर पर उसे खाना पकाने के बर्तन पर पेशाब करते हुए दिखाया गया है. इस ट्वीट के कैप्शन लिखा गया है: “गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपबल्कि सोसाइटी में यूरिन जिहाद का मामला सामने आया है..शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि नौकरानी आटे में पेशाब मिलाकर रोटियां बनाती थी जिससे पूरे परिवार का लीवर फेल हो गया.” (आर्काइव)

इस घटना को ‘यूरिन जिहाद’ बताने वाले कैप्शन के साथ यही वीडियो इंडिया टीवी के फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम हैन्डल पर भी पोस्ट किया गया है.

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न्यूज़ आउटलेट हिंदुस्तान ने शुरू में इस घटना पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी जिसमें हिजाब और बुर्का में खाना बना रही एक महिला की प्रतिनिधि छवि थी. बाद में, उन्होंने तस्वीर को वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट से बदल दिया.

अक्सर सांप्रदायिक ग़लत सूचना फ़ैलाने वाले एक्स यूज़र दीपक शर्मा (@SonOfभारत7) ने घरेलू सहायिका के इस वायरल वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया: “घर पे आती थी खाना बनाने वाली..खाने पीने की चीज़ों में मिलाती थी पेशाब…पूरा घर बीमार हुआ तोटेस्ट में पेशाब मिला..कैमरा छुपाकर लगाया ज़ब मालकिन ने तों पता चला कि खाना बनाने वाली मिला रही थी खाने पीने की चीज़ों में अपना पेशाब…खाना बनाने वाली कौन है ये बताने की जरूरत नहीं.” यहां ये संकेत देने की कोशिश की गई कि नौकरानी अवश्य एक विशेष समुदाय से ताल्लुक रखती है. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

सबंधित की-वर्डस सर्च करने पर हमें कई रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें उस आरोपी घरेलू सहायिका के नाम का ज़िक्र था. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला की पहचान रीना के रूप में हुई है. इसमें ये भी बताया गया है कि रीना ने खाना पकाने के बर्तन में पेशाब करने और उसे आटे के साथ मिलाकर रोटी बनाने की बात स्वीकार की और उसने ऐसा अपने मालिकों से बदला लेने के लिए किया, जो उस पर कड़ी नज़र रखते थे और अक्सर छोटी-छोटी गलतियों के लिए उस पर चिल्लाते थे.’ 

ग़ाजियाबाद पुलिस ने रीना के खिलाफ़ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और ये जानने के लिए जांच शुरू की गई है कि क्या आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास है.

ऑल्ट न्यूज़ ने ACP वेव सिटी लिपि नागायच से संपर्क किया, जिन्होंने कहा कि मामला किसी भी तरह से सांप्रदायिक नहीं है और आरोपी और शिकायतकर्ता दोनों हिंदू समुदाय से हैं. उन्होंने ये भी बताया कि घरेलू सहायिका का नाम ‘रीना कुमारी’ है और आरोपी के पति का नाम प्रमोद है.

हमने मामले में दर्ज़ FIR भी देखी. इसमें आरोपी का नाम ‘रीना’ और उसके पति का नाम ‘प्रमोद कुमार’ बताया गया है.

कुल मिलाकर, ये साफ़ है कि उपरोक्त घटना में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है और इंडिया टीवी ने इसे सांप्रदायिक घटना के रूप में ग़लत तरीके से रिपोर्ट किया और यहां तक ​​कि इसे ‘यूरिन जिहाद’ बता दिया. जबकि इस मामले में आरोपी एक हिंदू महिला थी. इंडिया टीवी ने बाद में घटना से जुड़े सांप्रदायिक दावों का खंडन करते हुए एक फ़ैक्ट-चेक पब्लिश की, लेकिन इसे ‘यूरिन जिहाद’ करार देने वाले अपने पोस्ट्स को नहीं हटाया.

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