16 फ़रवरी को ‘इंडिया टुडे’ ने जामिया मिलिया इस्लामिया में 15 दिसंबर, 2019 को हुई घटना की एक्सक्लूज़िव फ़ुटेज दिखाई. जामिया में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना का एक CCTV वीडियो वायरल होने के बाद ये फ़ुटेज दिखाई गई. ये फ़ुटेज दिल्ली पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने चैनल को दी थी. इसी क्लिप को ‘विश्वसनीय क्लिप’ बताकर चलाया गया. ये दावा किया गया कि इसमें दिखाई दे रहे एक छात्र ने हाथ में पत्थर लेकर रीडिंग रूम में प्रवेश किया था.

अन्य मीडिया संगठनों ने इस क्लिप को चलाते हुए दावा किया कि छात्रों के हाथ में पत्थर हैं. ऐसी ही ख़बर कई अंग्रेज़ी ख़बरों के आउटलेट्स – ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’, ‘मिरर नाउ’, ‘रिपब्लिक भारत’, ‘टाइम्स नाउ’, ‘द क्विंट’, ‘DNA’ ने चलाई है. कुछ हिंदी चैनलों, जैसे ‘ज़ी न्यूज़’, ‘आज तक’, ‘इंडिया टीवी’, ‘NDTV इंडिया’ और ‘न्यूज़ नेशन’ ने भी यही खबर चलाई.

‘ऑपइंडिया’ और ‘स्वराज्य’ नाम की वेबसाइट्स ने भी ये ख़बर चलाई.

फ़ैक्ट-चेक

चैनल ने दावा किया कि छात्र के दोनों हाथों में पत्थर था. इस दावे की पड़ताल के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने जामिया के सोर्स से CCTV फ़ुटेज के लिए संपर्क किया. हमें इसका हाई रिज़ोल्शयून वीडियो मिला. ये वीडियो ‘इंडिया टुडे’ द्वारा चलाई गई फ़ुटेज का ही है. ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो को स्लो मोशन में चलाया और इसे फ़्रेम दर फ़्रेम देखा. इससे ये साफ़ हुआ कि छात्र ने एक हाथ में पर्स पकड़ा हुआ है जबकि उसके दूसरे हाथ की मुट्ठी जिस तरह से बंद है, ये मालूम पड़ता है कि उसने जो भी चीज़ पकड़ी है, वो चपटी है. मारने के लिए फेंके जाने वाला पत्थर वैसा चिपटा नहीं हो सकता है. हाथ को गौर से देखने पर वो पत्थर कम और मोबाइल ज़्यादा दिखाई देता है.

घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है – छात्र जब रीडिंग रूम में घुसता है तो उसके दाहिने हाथ में भूरे रंग का पर्स और दूसरे हाथ में कोई समतल चीज़ दिखती है (शायद मोबाइल). ऊपर दिए गए वीडियो में 10 सेकंड पर वो फ़्रेम से बाहर चला जाता है और 17 सेकंड पर वापस आता है. ये भूरे रंग का पर्स अब उसके बाएं हाथ में नज़र आता है.

पर्स

वीडियो में कई फ़्रेम्स में पर्स देखा जा सकता है. हालांकि सबसे ज़्यादा अच्छे तरीके से ये 1 मिनट 22 सेकंड पर नज़र आता है जब वो छात्र अपनी बाहें फ़ैलाए हुए दिखता है.

पर्स का एक और क्लियर शॉट 2 मिनट 27 सेकंड पर दिखता है. नीचे की तस्वीर को अगर कोई ध्यान से देखे तो पर्स के दोनों फ्लैप देखे जा सकते हैं. दोनों के बीच की जगह में काले रंग की छाया भी दिखती है.

समतल चीज़

छात्र ने अपने दूसरे हाथ में किसी समतल चीज़ को पकड़ा है जो कि शायद मोबाइल हो सकता है. वीडियो में ये उतनी साफ़ तरीके से नहीं दिखाई दे रहा है जितनी साफ़ पर्स दिखाई दे रही है. इसलिए पाठकों से अनुरोध है कि वे पूरे वीडियो को देखें और ख़ुद विश्लेषण करें. हमने आपको एक क्लियर स्क्रीनशॉट देने की कोशिश की है. इसमें कुछ मुख्य बातें हैं. एक पत्थर का आकार ऊबड़-खाबड़ होता है. लेकिन छात्र के हाथ में मौजूद चीज़ सिमेट्रिकल और चपटी है.

नीचे के वीडियो में आप छात्र के हाथ में कुछ समतल चीज़ देख सकते हैं.

इस तरह मीडिया संगठनों ने बिना किसी बेसिक विश्लेषण के, पुलिस का बचाव करते हुए ये दिखा दिया कि छात्र पत्थर लेकर रीडिंग रूम में घुसा था. जिस छात्र को पत्थरबाज़ बताया गया, उसने अपने एक हाथ में पर्स और दूसरे हाथ में किसी चपटी चीज़ को पकड़ रखा था. इसी छात्र को पहले भी गलत तरीके से 30 जनवरी को घायल हुआ छात्र बताकर दो तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हुई थीं.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.