… एक दिन आएगा जब हम तुमको भागीरथी में नहीं… भागीरथी हमारी मां है… पुण्य मां है. तुमको तुम्हारी ज़मीन के अंदर, तुमको फेंक देंगे उधर. (भीड़ नारे लगाती है, अमित शाह मुस्कुराते हुए नज़र आते हैं) इसलिए बार-बार कह रहा हूं, हम कुछ भी करेंगे… कुछ भी.

एक्टर और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती ने हाल ही में कोलकाता में आयोजित पार्टी सदस्यता अभियान कार्यक्रम में भाजपा पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए ये बयान दिया. मुसलमानों को निशाना बनाने वाले ये उत्तेजक बयान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और भाजपा पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की मौजूदगी में दिया गया जो खुले तौर पर नरसंहार के आह्वान के बराबर हैं.

मिथुन चक्रवर्ती (जिन्हें हाल ही में दादा साहब फ़ाल्के पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया) ने 1976 में मृणाल सेन की मृगया से फ़िल्मों में अपनी यात्रा शुरू की. स्टार बनने से पहले ही उन्होंने राजनीति में कदम रखना शुरू कर दिया था. नक्सली आंदोलन में शुरुआती भागीदारी से लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का समर्थन करने, फिर राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने और अब, हाल ही में भाजपा में शामिल होने तक, मिथुन चक्रवर्ती को राजनीतिक विचारधारा के साथ-साथ पार्टियां बदलने के लिए जाना जाता है.

नोमोश्कार! चश्मा-ता खुलेनी आगे. स्टेज-ए-उपस्थित आमेर आदरणीय गृह मंत्री साहब अमित शाह-जी आर बाकी शोब बोरो बोरो आमाडेर नेता, ताके शोम्मान…शामने बोशे थका अमर शोभ पूजनीयो नेता, कार्यकर्ता और भाजपा-एर “मर-के-जितेंगे” वाले सब सारे कार्यकर्ता…, (तालियां) कुछ बोलने के लिए कहा है, मैं फ़िल्म के लिए कुछ नहीं बोलूंगा. फ़िल्म के बारे में नहीं बोलूंगा क्योंकि आज का ये सभा हम सदस्य बनाने के लिए सोच रहे हैं. अपनारा शोबै बोलेन की दादा, अपनी शामने अशुं…अपनी शामने अशुं, एकटू अपनी शामने अश्ले अमरा एकटू शहज्जो पाई. आमी शामने आशा माने पिछले चुनाव-ए 37 दिन… अमी प्रचार कोरेची… खाली मुरी आर गुड़ कहे…(तालियां) किंतु परिणाम… खूब दुक्खो पेयेची. केनो पेयेची? एइमात्रो सुकांता दा बोलेन अर 3% जोड़ी पै अमरा जीतबो… अपनादेर काचे एकटा अमी वादा चाय. ताहोले अमी आगेए अश्बो. बोलुन, अमरा की एक कोटि शोधोशयो कोरटे पारबो? (भीड़ सहमति में जयकार करती है) जोर नेई… गोलये जोर नेई. शोट्टी कोरे बोलुन – एक कोटि शोधोशयो कि अमरा तोइरी कोरटे पारबो? (भीड़ जोर से जयकार करती है) ताहोले अमियो कोठा दिलम… ‘26 वो मसनद हमारा होगा (भीड़ जयकार करती है), कुछ भी करेंगे…’26 की मसनद हमारा होगा, कुछ भी करेंगे, कुछ भी. मुख्य गृह मंत्री साहब के सामने बोल रहा हूं… कुछ भी… कुछ भी के अंदर बहुत सारे मतलब छुपा हुआ है. देखिए हमारे यहां एक नेता बोलता है कि हम 70% मुस्लिम हैं, 30% हिंदू हैं… हम इनको भागीरथी में बहा देंगे. हमने सोचा मुख्यमंत्री कुछ तो बोलेगा, ऐसी बात मत करो. किसने कुछ नहीं कहा. लेकिन हम मुख्यमंत्री नहीं हैं… लेकिन हम तो बोलेंगे, तुम काट के भागीरथी में फेंक दोगे… लेकिन एक दिन आएगा जब हम तुमको काट के भागीरथी में नहीं… भागीरथी हमारी मां है… पुण्य मां है. तुमको तुम्हारी ज़मीन के अंदर, तुमको फेंक देंगे उधर. (भीड़ जय-जयकार करती है, अमित शाह मुस्कुराते हुए नजर आते हैं) इसलिए बार-बार कह रहा हूं, हम कुछ भी करेंगे… कुछ भी. हमको वो कार्यकर्ता चाहिए जो सामने आके लड़ेंगे… हमको वो कार्यकर्ता चाहिए जो सीना तारके बोलेंगे, “मार साला, देखता हूं तेरे में कितनी गोलियां हैं…” (भीड़ जयकार करती है) लेकिन साथ-साथ ये भी बोल रहा हूं… हमको वो कार्यकर्ता नहीं है जो पैसा लेके काम कर रहा है. आपसे हम हाथ जोड़कर विनती करते हैं, आप तृणमूल में शामिल हो जाएं, बीजेपी छोड़ दीजिए… पैसा लेके बीजेपी मत बनिए. पैसा लेके बीजेपी मत बनिये, हमको नहीं चाहिये.

लेकिन आज मैं बहुत बड़ी बात बोलके जा रहा हूं आपके सामने, कि भाईलोग सुनलो – अगर आप हमारे झार का एक फल तोड़ोगे तो हम आपका झार का चार फल तोड़ देंगे… यही बात है, यही सच्चाई है. नहीं तो हम कभी जीत नहीं पाएंगे. ये हमको मारेंगे, हमारे हिंदू मतदाताओं को वोट नहीं देने देंगे और उसी तरह वो जीतेंगे. अगर वो हमारे हिंदू मतदाताओं को वोट नहीं देने देते, तो अगले साल हम भी तैयारी करेंगे और आपके वो मतदाता भी वोट नहीं देंगे. ये मिथुन चक्रवर्ती बोल रहा है… मिथुन चक्रवर्ती अभिनेता नहीं… वो ’68 का मिथुन चक्रवर्ती बोल रहा है… 28 साल का मिथुन चक्रवर्ती. हम राजनीति किये हैं भैया, खून की राजनीति की है हमने. हमको सब मालूम है, कौन किधर से क्या करने वाला है, सब मालूम है। खाली आपका साथ चाहिए, आपकी हिम्मत चाहिए और वो सीना चाहिए.

बस, मैं सर से अनुमति ले रहा हूं, सुनील जी से, मंगल जी से और सर से की हम… नवंबर से मैं 20 दिन पार्टी के लिए रखूंगा, 10 दिन मैं अपना काम करने के लिए रखूंगा… इसलिए बोल रहा हूं के काम नहीं करूंगा तो मैं खाऊंगा क्या? तो इसलिए काम तो करना पड़ेगा… नवंबर, दिसंबर या तो अगले मार्च से जो हमको आदेश देंगे उस तरह से… मैं हर जिले में जाउंगा, हर जिला, हर जगह, हर गांव, हर जगह मैं छूकर आऊंगा. वहां मिथुन चक्रवर्ती को नहीं देखेंगे… मैं आपलोग से ही मांगने जाउंगा के आप तैयार हैं जो बूथ में बैठा है उसको मार के भागा देते हैं…क्यों भागा देते हैं? हम लड़ नहीं पाते. लेकिन हमको अभी वो योद्धा चाहिए जो उस कुर्सी में बैठेगा, बोलेगा मार… हम नहीं जाएंगे। (तालियां) एकतु बेशी हिंदी-ते बोले पेल्लम, किंतु अपनारा शोब बुझेन अमी की बोलची. एक कोटि वोट अपना देबेन तो? एक कोटि सदस्य अपना देबेन तो? ताहोले ’26-एर मसनत अमादेर…अमरा राज कोरबो.

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. जय हिन्द. वंदे मातरम्.

तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर का बयान

मिथुन चक्रवर्ती ने किसी का नाम लिए बिना, मई 2024 में एक लोकसभा चुनाव रैली में TMC विधायक हुमायूं कबीर की विवादास्पद बयान का ज़िक्र किया था जिसमें उन्होंने भाजपा समर्थकों को भागीरथी नदी में फेंकने की धमकी दी थी. मुर्शिदाबाद ज़िले के शक्तिपुर क्षेत्र में एक बूथ-स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए, भरतपुर विधायक ने कहा था, “… मैं आपको वास्तविकता दिखाऊंगा, और अगर मैं आपको दो घंटे के भीतर भागीरथी के पानी में नहीं फेंक सका, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.” मैं ये सुनिश्चित करूंगा कि आप शक्तिपुर क्षेत्र में न रह सकें… अगर आपको लगता है कि आप मुर्शिदाबाद जिले में 30% हैं, तो हम 70% हैं. अगर आप सोचते हैं कि आप काजीपारा में मस्जिदें तोड़ देंगे क्योंकि आप रामनगर में बहुसंख्यक हैं और मुसलमान आराम से बैठ जाएंगे, तो ऐसा कभी नहीं होगा. मैं भाजपा को चेतावनी दे रहा हूं…”

चुनाव आयोग ने TMC नेता की निंदा की और उनकी टिप्पणी के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया. बाद में कबीर ने अपने बयान पर माफी मांगते हुए कहा, ”मैं उत्साहित हो गया था और पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए मैंने भागीरथी में कूदने की बात कही थी. हालांकि, मैंने किसी समुदाय का नाम नहीं लिया था.”

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Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.