26 फरवरी की सुबह, पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपो पर भारतीय वायुसेना की बमबारी की खबरों के साथ भारत जगा। कई न्यूज़ चैनलों ने कथित रूप से भारतीय वायुसेना के जेट विमानों के पाकिस्तानी सीमा के अंदर होने के वीडियो प्रसारित किए हैं। इंडिया टुडे ने दावा किया है कि यह वीडियो, सुबह 3:30 बजे हुए भारत के सीमा-पार के हमले का पहला दृश्य है। दूसरे न्यूज़ चैनलों ने वीडियो का प्रसारण ‘हमले के बाद लिए गए होने’ के रूप में किया है।
अपने वीडियो क्लिप में News18 एंकर ने कहा, “अभी आप अपनी स्क्रीन पर जो देख रहे हैं, वह भारतीय वायुसेना के कई जेट विमानों द्वारा अंदर जाकर जैश के शिविरों पर हमला करने के बाद, बदले में पाकिस्तानी वायुसेना की गतिविधियां हैं। कितना नुकसान हुआ अभी हम नहीं जानते, लेकिन हमारे पास शुरुआती तस्वीरें हैं, हमें बताया गया है कि यह हमले के बाद का पहला फुटेज है।” -(अनुवादित) यह ट्वीट अब डिलीट कर लिया गया है।
यह फुटेज, इंडिया टुडे, इकोनॉमिक्स टाइम्स, आज तक, टाइम्स नाउ और न्यूज़18 समेत विभिन्न न्यूज़ चैनलों द्वारा प्रसारित किया गया है। यह वीडियो जिओ टीवी के ट्विटर हैंडल द्वारा भी जारी किया गया है।
https://www.youtube.com/watch?v=w45O1hvSqHM
यह वीडियो आग बरसाते एक लड़ाकू जेट को दिखलाता है। इस वीडियो का व्यापक रूप से, पाकिस्तानी क्षेत्र के विरुद्ध भारतीय वायुसेना द्वारा की गई सीमा-पार कार्रवाई के ‘वास्तविक’ फुटेज के रूप में इस्तेमाल किया गया है। इस वीडियो के दृश्य दिखलाई पड़ने के साथ चैनल के एंकर कहते है, “आपकी स्क्रीन पर अभी बड़ी तस्वीर है, बम बरसाते इन जेटों में से एक का बड़ा वीडियो, जिसे इंडिया टुडे ने हासिल किया है, तड़के 3:30 बजे बालाकोट क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर 1000 किलोग्राम बम बरसाते हुए। यह इंडिया टुडे पर पहला और एक्सक्लुसिव है।” -( अनुवादित)
उम्मीद के अनुसार, इस वीडियो को व्यापक रूप से ट्विटर और फेसबुक पर शेयर किया गया है। उदाहरण के लिए, नीचे दिए गए एक सोशल मीडिया यूजर द्वारा पोस्ट किए ट्वीट को 700 से ज्यादा बार रिट्वीट किया गया।
Supreme Court banned Pataki on Deepawali but Indian army celebratedit in a majestic way. #Surgicalstrike2 pic.twitter.com/zEaR5Op6dS
— Chakravarty Sulibele (@astitvam) February 26, 2019
फेसबुक पर, सिर्फ ‘द इंडिया आई‘ पेज से इसे 4,40,000 से ज्यादा बार देखा गया, इस पेज ने इंडिया टीवी के प्रसारण से लेकर पोस्ट किया है।
भारतीय वायुसेना ने सीमा पार जाकर उड़ाए जैश के कई ठिकाने
भारतीय वायुसेना ने सीमा पार जाकर उड़ाए जैश के कई ठिकाने… वायुसेना ने मिराज 12 जेट से आतंकी कैम्पों पर बरसाए 1000 किलों बम
Posted by The India Eye on Monday, 25 February 2019
क्या है वीडियो की सच्चाई?
खबरों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप पर भारतीय वायुसेना का हवाई हमला 26 फरवरी 2019 को सुबह 3:30 बजे के आसपास किया गया था। ऑल्ट न्यूज़ को पता चला कि भारतीय वायुसेना के हमले की खबरों में कई न्यूज़ चैनलों द्वारा इस्तेमाल किया गया यह वीडियो, पहली बार 2017 में पोस्ट किया गया था।
सितंबर 2017 में एक यूट्यूब चैनल ने ‘Flares at night Paf F-16‘ शीर्षक से एक वीडियो अपलोड किया। वह वीडियो नीचे पोस्ट किया गया है। इसमें 0:34वें मिनट से आगे देखा जा सकता है कि इसी वीडियो के एक हिस्से का न्यूज़ चैनलों द्वारा इस्तेमाल किया गया है।
https://www.youtube.com/watch?v=eNHs7FMtSwc
इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यही वीडियो 24 फरवरी को एक पाकिस्तानी फेसबुक पेज द्वारा पोस्ट किया गया। इसे ‘फैन्स ऑफ इमरान खान‘ पेज द्वारा पोस्ट किया गया था। 25 फरवरी को भी एक पाकिस्तानी यूजर द्वारा इसे इस संदेश के साथ ट्वीट किया गया कि यह पाकिस्तानी लड़ाकू जेटों को चोलिस्तान क्षेत्र में सैन्य अभ्यास करते दिखलाता है।
यह निर्णायक रूप से स्थापित करता है कि चूंकि यह वीडियो सोशल मीडिया में 2017 से ही है, इसलिए, यह भारतीय वायुसेना द्वारा की गई सीमा-पार की कार्रवाई का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। फिर यह सवाल उठता है कि कैसे यह वीडियो कई मीडिया संगठनों द्वारा बार-बार और लगातार कार्रवाई के फुटेज के रूप में चलता रहा?
शुरू में पाकिस्तानी हैंडल्स द्वारा झूठे संदेश के साथ शेयर हुआ
ऑल्ट न्यूज़ को पता चला कि कई समाचार संगठनों द्वारा हमले के रूप में इस्तेमाल किया गया यह वीडियो, एक पाकिस्तानी ट्विटर यूजर द्वारा 26 फरवरी की सुबह 6 बजे इस दावे के साथ पोस्ट किया गया था, कि यह भारतीय वायुसेना के खिलाफ ‘पलटवार’ करते पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को दिखलाता है।
BREAKING: Pakistani JF17 immediate retaliate back to Indian Air Force volition at Line of Control.
Pakistan Retaliate Karne Ka Soche Ga Nahi, Pakistan Retaliate Karega!! #PMIK pic.twitter.com/37OSr3e3a0
— Arsalan Siddiqy (@ArsalanISF) February 26, 2019
यह वीडियो 26 फरवरी की सुबह 10:35 बजे एक पाकिस्तानी पत्रकार द्वारा भी पोस्ट किया गया, जिसके बाद ऐसा लगता है कि भारतीय मीडिया ने बिना जरूरी सत्यापन किए इसे उठा लिया।
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