कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें भीड़ कुछ युवकों की पिटाई कर रही है जो नग्न अवस्था में दिख रहे हैं. भीड़ से अलग-अलग आवाज़ आती है कि कपड़ा पहनो, ये नंगे नहाने की जगह है. वहीं पिट रहे युवक लोगों से माफ़ करने को कहते हुए सुने जा सकते हैं. वायरल दावे में इस घटना को यूपी के काशी का बताया जा रहा है. दावा है कि एक मंदिर में महादेव के दर्शन करने गए दलित समाज के लोग हिन्दू बनकर गंगा में स्नान करने गए थे तो लोगों ने पीट दिया. दावे में दलितों की पिटाई को सही ठहराया गया है.

2 अक्टूबर 2024 को वेरिफ़ाइड X यूज़र शैलेश वर्मा ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “देश में *** पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं जब अपने मंदिर को छोड़कर दूसरे के मंदिर में जाएंगे तो नंगे करके ही पीटे जाएंगे यूपी *** समाज के लोग हिन्दू बनकर गंगा में स्नान करके काशी के मंदिर मे महादेव के दर्शन करने गए थे तब ऊंची जाति के लोगों ने नंगे करके पीटा और जाओ मंदिर में दर्शन करने के लिए जब तक सुधरते नहीं तब तक पिटो ओर पीटते रहो जब तक आंखे न खुल जाए.” (आर्काइव लिंक)

10 अक्टूबर 2024 को सपा कार्यकर्ता लौटन राम निषाद ने भी ऐसे ही दावे के साथ वीडियो ट्वीट किया था लेकिन बाद में उन्होंने ये पोस्ट हटा दिया. (आर्काइव लिंक)

19 सितम्बर 2024 को वेरिफ़ाइड एक्स यूज़र बनवारी लाल-बैरवा ने भी वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “देश में दलित पूरी तरह सुरक्षित हैं लेकिन अगर वह मनुवादियों की गंगा या मंदिर में जाएंगे तो इसी तरह पुरस्कृत किए जाएंगे.” (आर्काइव लिंक)

फैक्ट-चेक

हमने इस वीडियो को ध्यान में रखते हुए की-वर्डस सर्च किया. यूट्यूब पर हमें इस घटना से जुड़ी कई वीडियो रिपोर्ट मिलीं. 12 सितम्बर 2024 को आज़ाद हिन्दुस्तान लाइव ने एक रिपोर्ट में बताया है कि घटना 10 सितंबर 2024 की रात 8 बजे मध्य प्रदेश के खरगौन ज़िले के महेश्वर में हुई थी जहां नग्न अवस्था में नहा रहे युवकों को स्थानीय लोगों ने पीटा था .(आर्काइव लिंक)

आगे हमें, 13 सितंबर 2024 की दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली. इसमें लिखा है कि युवकों की एक टोली अहिल्या घाट पहुंची और नर्मदा में नग्न अवस्था में मस्ती करने वाले युवकों को बाहर निकाला और उनकी पिटाई भी कर दी. कुछ लोगों ने पुलिस को भी इसकी सूचना दी लेकिन पुलिस के आने से पहले नग्न अवस्था में नहा रहे युवक स्थानीय लोगों से माफी मांगते हुए भाग लिए. (आर्काइव लिंक)

इसके अलावा, यूपी पुलिस की फैक्ट चेक विंग ने भी एक ट्वीट में ये स्पष्ट किया कि वीडियो काशी का नहीं है. और इसे भ्रामक दावों के साथ शेयर करने वाले लौटन राम निषाद पर वाराणसी पुलिस ने अभियोग पंजीकृत किया.

फैक्टचेकर को महेश्वर थाने के इंचार्ज पंकज तिवारी ने बताया कि इस घटना में किसी भी पक्ष ने शिकायत दर्ज नहीं कराई थी और युवकों को नग्न स्नान करने की वजह से पीटा गया था इसमें कोई जाति या धर्म का ऐंगल नहीं है.

कुल मिलाकर, ये घटना काशी की नहीं बल्कि मध्यप्रदेश की है जहां नर्मदा नदी में कुछ युवक नग्न अवस्था में मस्ती कर नहा रहे थे. इससे नाराज़ लोगों ने उनकी पिटाई की थी. इस घटना का वीडियो अब भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.

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