19 नवंबर को मुंबई भाजपा के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा कथित रूप से दिए गए एक बयान पर ट्वीट किया – “वोट देने के लिए हम पैसे देते है, लेकिन 200-200 रुपए लेकर महिलाएं पोलके (मतलब ब्लॉउज में) में रख लेती है और पुरुष दारू पी लेते है, फिर भी कांग्रेस तुम्हारे क्षेत्र से हार जाती है।” वीडियो और साथ का संदेश यह दर्शाता है कि कांग्रेस विधायक अपनी पार्टी द्वारा चुनाव से पहले मतदाताओं को रिश्वत देने के बारे में बात कर रहे थे। इस लेख को लिखने के समय तक इस वीडियो को 26,000 बार देखा गया है।

सच क्या है?

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि सुरेश नखुआ द्वारा अपलोड किए गए 1:18 मिनट के वीडियो को जीतू पटवारी के बयान के संदर्भों को हटाने के लिए क्लिप किया गया था। फेसबुक यूजर सुजीत पटेल ने पटवारी के बयान का एक लंबा वीडियो पोस्ट किया है, जिससे पता चलता है कि पटवारी कांग्रेस की नहीं, बल्कि भाजपा की चुनावी रणनीति के बारे में बात कर रहे थे। वोट के लिए अपील करते हुए पटवारी ने भाजपा को “गरीब-विरोधी” बताया और कहा कि इस पार्टी ने हाशिये के लोगों के लिए कुछ नहीं किया है और अभी भी नकद और शराब की रिश्वत देकर वोट हासिल करने का प्रयास करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावों के दौरान महिलाओं ने 200-500 रुपये की रिश्वत ली और अपनी “ब्लाउज” में रखा जबकि मर्दों ने शराब लिए।

2:54 मिनट के वीडियो में पटवारी को यह कहते सुना जा सकता है- “एक्चुअल में क्या है ये बीजेपी गरीबो के विरोध की पार्टी है…. अब तुम लोग समझते नहीं हो। चुनाव आता है जब 500-200 रुपये लेके पोलके में रख लेती है महिलाएँ|”

जब भीड़ में से महिलाओं ने कांग्रेस विधायक के रिश्वत के आरोपों का विरोध किया तो उन्होंने आगे कहा- “चुनाव में कांग्रेस पार्टी क्यों हारी चलो बताओ पार्षद में यहाँ…..जेन्ट्स दारू पी लेते है सच कह रहा हु मैं| मेरा अनुभव है ये|मुझे डराने से कुछ नहीं होगा|”

प्रिय बंधुओ

जेसा की भाजपा द्वारा एक विडीयो वायरल किया जा रहा है जिसमें जीतू पटवारी जी बस्ती के रहवासियों के मकान तोडेजाने पर रहवासियों को समझाइश देते है कि 200 – 500 पैसे लेकर महिलाएं ओर पुरूष दारू की लालच मे भाजपा को चुन लेते है ओर यहि भाजपा जनता के घरो को उजाडने मे कोई कसर नहीं छोडती। इसमे Jitu Patwari जी ने गलत क्या कहा? पेसे ओर दारू के लालच में ना आए भाजपा को राऊ से भगाए। उन्होंने ये भी कहा वे निरंतर जनता के हित कि लडाई में जनता के साथ है। सदैव मदद करेंगे।

भाजपा ने अधूरा विडियो दिखाकर राऊ कि जनता को गुमराह किया है पुरा विडीयो देखे।

Posted by Sujeet Patel on Monday, 19 November 2018

पटवारी के बयान की टाइम्स नाउ (Times Now) समेत विभिन्न समाचार संगठनों ने भी रिपोर्ट की थी, जिन्होंने उनके बयान का इस प्रकार अनुलेखन किया- “बीजेपी एक गरीब विरोधी पार्टी है, वे आपकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देंगे। आप लोग इसे समझते नहीं हैं। जब चुनाव आते हैं, तो महिलाएं रिश्वत के रूप में 200-500 रुपए लेती हैं और इसे अपने ब्लाउज में रखती हैं।”

हालांकि, इससे सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं पर झूठी कथा के साथ वीडियो को शेयर करने पर कोई रोक नहीं लगी।

सोशल मीडिया पर वायरल

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने क्लिप की हुई वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया – “दिग्विजय सिंह के खास जीतू पटवारी कांग्रेस के चुनावी हथकंडे बताते हुए”

एक और भाजपा नेता, विकास प्रीतम सिन्हा ने ऐसी ही कथा के साथ वह वीडियो पोस्ट किया – “मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और राहुल गांधी की आँख के तारे जीतू पटवारी बता रहे हैं कि कैसे उनकी पार्टी पैसा और नशा बाँटकर सालों साल सत्ता पर राज करती रही है और अब जब यह तरीका कारगर नहीं हो रहा है तो देखिए कैसे वोटर्स को धमका रहे हैं.”

रेल मंत्री पीयूष गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किए जाने वाले कई उपयोगकर्ताओं ने भी इसी दावे के साथ उस वीडियो को शेयर किया। उनमें से एक गीतिका स्वामी के ट्वीट को 21,000 से अधिक बार देखा गया।

हालांकि जीतू पटवारी के बयान की प्रकृति ने विवादों को जन्म दिया, फिर भी, उसके अर्थ को लेकर कोई विवाद नहीं है। कांग्रेस विधायक अपनी पार्टी की चुनावी रणनीति का वर्णन नहीं कर रहे थे, बल्कि दावा कर रहे थे कि भाजपा चुनावों से पहले हाशिये के लोगों को रिश्वत देकर वोटों को सुरक्षित करती है और इसके कारण कांग्रेस चुनाव हारती है। मध्य प्रदेश में चुनावों के इस अंतिम दौर में माहौल बनाने/बिगाड़ने के लिए भ्रामक पोस्ट किए जा रहे हैं। पहले भी, एक कांग्रेस के नेता की तस्वीर का दुरुपयोग करके उसे वेश्यावृत्ति के रैकेट से जोड़ा गया था। इसी प्रकार, म.प्र. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मांस खाते हुए दिखलाने के लिए एक फ़ोटोशॉप की हुई तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई थी।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.