सोशल मीडिया में एक संदेश इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि भाजपा के कई उम्मीदवारों को एक समान संख्या में वोट मिले हैं। साथ ही, यह सुझाव दिया गया है कि ईवीएम में धांधली किए बिना ऐसा परिणाम प्राप्त नहीं किया जा सकता हैं। इस दावे के मुताबिक,“बिना ईवीएम सेट किए ही अलग अलग सीट पे भाजपा प्रत्यासी को एक जितने वोट कैसे मिले ? हर लिस्ट में बीजेपी को एक ही 2,11,820 का अंक मिल रहा है।”
बिना ईवीएम सेट किए ही अलग अलग सीट पे भाजपा प्रत्यासी को एक जितने वोट कैसे मिले ?
हर लिस्ट में बीजेपी को एक ही 2,11,820 का अंक मिल रहा है।
#लोकतंत्र_का_हत्यारा
#चुनाव_आयोग #सुप्रीम_कोर्टPosted by Kavyah Yadav Aheer on Saturday, May 25, 2019
इस दावे को ट्विटर पर भी साझा किया गया है। कई लोगों ने स्क्रीनशॉट के साथ उपरोक्त संदेश व्हाट्सएप पर ऑल्ट न्यूज़ को भी भेजा है। उपरोक्त स्क्रीनशॉट में दिखाए गए सभी निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश से हैं। ये सातों निर्वाचन क्षेत्र हैं- बस्ती, बागपत, बाराबंकी, बलिया, बिजनौर, सुल्तानपुर और बुलंदशहर।
तथ्य-जांच
कई सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों द्वारा एक जैसी संख्या में वोट मिलने का यह दावा बिल्कुल गलत है। इस दावे की जांच करने के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 2019 के लोकसभा परिणामों को देखा और संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों की वोटों की संख्या की जांच की। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि उपरोक्त दावे में दिए गए निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के प्रत्येक उम्मीदवार को अलग-अलग संख्या में वोट मिले हैं, और कोई भी संख्या आपस में मिलती नहीं है। निर्वाचन क्षेत्र के नाम और भाजपा प्रत्याशी को प्राप्त मतों को नीचे दिया गया है।
निर्वाचन क्षेत्र | ईवीएम की मतगणना |
---|---|
बस्ती | 469214 |
बागपत | 519631 |
बाराबंकी | 535594 |
बलिया | 464039 |
बिजनौर | 488061 |
सुल्तानपुर | 458281 |
बुलंदशहर | 677196 |
जैसा कि ऊपर देखा जा सकता है सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहे दावों में कोई सच्चाई नहीं है।
लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार के बाद, ईवीएम के बारे में गलत सूचना फैला कर उन लोगों में संदेह पैदा करने की कोशिश की जा रही है जो ईवीएम की सत्यता को लेकर भाजपा के विरोध में हैं। इससे पहले, यह झूठा दावा किया गया था कि वायनाड में राहुल गांधी के पक्ष में डाले गए 6 लाख वोट चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से गायब हो गए थे।
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