सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक व्यक्ति पुलिस की मौजूदगी में डिस्पोज़ेबल सर्जिकल फेस मास्क जला रहा है. इस व्यक्ति के मुताबिक, इन मास्क में काले रंग के सूक्ष्म कीड़े हैं जो कोरोना महामारी फैलाते हैं. इसके बाद वो वीडियो में ज़ूम करके मास्क में काले रंग के धागे जैसा कुछ दिखता है जिसे ‘कीड़े’ बताया गया है.

वीडियो में ये व्यक्ति कहता है कि ये कीड़े गर्मी के कारण बाहर आते हैं. जब हम मास्क पहनते हैं तब हमारी सांसों की गर्म हवा से ये कीड़े दिखते हैं. सांसों के साथ ही ये कीड़े हमारे अंदर भी जाते हैं. इस व्यक्ति का दावा है कि मास्क पहनने के कारण लोगों की मौत होती है. उसने मास्क को पैसा कमाने का ज़रिया बताया है. बाद में वो लोगों को घर में बने मास्क पहनने की बात सलाह देता है.

ये वीडियो फ़ेसबुक पर इस मेसेज के साथ शेयर किया जा रहा है, “ये वीडियो बहुत ही तेजी से वायरल हो रहा है देखिए इस वीडियो वाले मास्क मे किस तरह से कीड़े होते हैं और बताया ये भी जा रहा है कि इसी वजह से वायरस और तेजी से फैल रही है”.

ये वीडियो व्हाट्सऐप पर भी वायरल है.

ऑल्ट न्यूज़ की ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप (Android, iOS) और व्हाट्सऐप नंबर (76000 11160) पर भी इसकी जांच के लिए रीक्वेस्ट आई हैं.

4 अप्रैल को यूट्यूब चैनल MPT ने भी ऐसे ही दावे वाला एक वीडियो अपलोड किया था जिसे आर्टिकल लिखे जाने तक 80 हज़ार बार देखा जा चुका है.

फ़ैक्ट-चेक

ऐसा ही दावा कई और देशों में भी शेयर किया गया है. कई वैज्ञानिकों ने इस दावे को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि ये काले कीड़े जैसे दिखने वाली चीज़ मास्क का हिस्सा ही है और ये नुकसानदायक नहीं है.

मास्क का विश्लेषण

सोशल मीडिया के दावे के मुताबिक, काले “कीड़े” सिर्फ़ गर्मी में ही दिखते हैं. लेकिन ये सही नहीं है. ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसे ही मास्क को गौर से देखा और पाया कि काले रंग के धागे मोबाइल कैमरा को ज़ूम करने से भी दिख जाते हैं. नीचे की तस्वीर में आप इसे देख सकते हैं.

एक माइक्रोबायोलोजिस्ट द्वारा मास्क का विश्लेषण

यूट्यूब चैनल ‘Microbehunter’ ने इस फेस मास्क का विश्लेषण का एक वीडियो अपलोड किया था. ये चैनल एक माइक्रोबायोलोजी/ मॉलिक्युलर बायोलॉजी से स्नातक ओलिवर चलाते हैं. वो फ़िलहाल बतौर जीव विज्ञान टीचर, एक सेकेन्डरी स्कूल में पढ़ाते हैं. उन्होंने मास्क के सूक्ष्म धागों को पोर्टेबल माइक्रोस्कोप के ज़रिए भी दिखाया था. लेकिन ये काले रंग के धागे वीडियो में हिलते हुए नहीं दिखते हैं.

वीडियो में 4 मिनट पर ओलिवर बताते हैं कि ये काले रंग के धागे कभी-कभी हमारी सांसों के कारण या तो मास्क को हल्के गर्म पानी में भिगाने से हिलते हुए दिखते हैं. इसका ये मतलब नहीं है कि ये जिंदा है. वीडियो में 5 मिनट 49 सेकंड पर वो बताते हैं कि ये सूक्षम जीव असल में कैसे दिखते हैं और ये भी बताते हैं कि ये पानी में पाए जाते हैं.

WHO ने 2 तरह के मास्क का प्रयोग करने के लिए कहा है – a) मेडिकल मास्क – फ्रन्टलाइन वर्कर्स, 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोग, या फ़िर ऐसे लोग जिन्हें कोई मेडिकल कन्डिशन हो, किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस के लक्षण हों या वो कोरोना वायरस से संक्रमित हो, तो उसे मेडिकल मास्क पहनने की सलाह दी गई है ; b) नॉन-मेडिकल – 60 साल की उम्र से कम उम्र के लोग या जिन्हें कोई बीमारी नहीं है, वो लोग कपड़े के मास्क पहन सकते हैं. कुछ स्टडीज़ में डबल मास्क और N95 मास्क पहनने की सलाह भी दी गई है.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी मास्क पहनने की सलाह दी है.

इस तरह, मास्क में काले रंग के कीड़े होने और उनकी वजह से कोरोना होने का दावा सरासर गलत है. वैज्ञानिकों ने भी इस दावे को गलत बताया है. इस दावे का फ़ैक्ट-चेक पहले भी AFP ने किया है.


पाकिस्तान को मिल रही वैक्सीन्स से लेकर कांग्रेस’ के Covid-19 वैक्सीन को लेकर ग़लत दावे तक फ़ैक्ट-चेक :

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.