एक ट्विटर यूजर, कृष्ण मोहन शर्मा ने दो तस्वीरें पोस्ट कीं : एक में, किसी रैली में मंच पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ दिख रहे हैं, जबकि दूसरी में खुले मैदान में खाली पड़ी कुर्सियां दिखती हैं। इन तस्वीरों के साथ पोस्ट किए गए संदेश में यह लिखा है — “वाराणसी : नाश्ते का पैकेट कुर्सियों पर रखा होने के बावजूद जनता नहीं आयी चेहरे की मायूसी बता रही है अमित शाह और योगी सोचने पर मजबूर हैं।” इस पोस्ट का कहना है कि लोगों ने शाह-योगी की रैली में आने से परहेज किया, भले ही उन्हें लुभाने के लिए खाने के पैकेट कुर्सियों पर रखे गए हो। शर्मा, जो अपनी पहचान NSUI के पूर्व समन्वयक के रूप में बताते हैं, उनके ट्वीट के लगभग 900 रिट्वीट हुए हैं। जिन लोगों ने शर्मा के ट्वीट को रिट्वीट किया था, उनमें AAP विधायक अलका लांबा भी थीं।
इन तस्वीरों को इसी संदेश के साथ @Pooja_pandit ने भी पोस्ट किया, जिसने 700 से ज्यादा रिट्वीट्स अर्जित किए हैं।
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रीति चौबे ने भी ऐसे ही संदेश के साथ इसे ट्वीट किया था।
नाश्ते का पैकेट कुर्सियों पर रखा होने के बावजूद जनता नहीं आयी,चेहरे की मायूसी बता रही है अमित शाह जी, और योगी जी सोचने पर मजबूर हैं।
वैसे डॉक्टर पांडेय जी,अपना इलाज खोज लीजिये,चंदौली गवाने के बाद कि आपको कहाँ का राज्यपाल बनना है?
लिख लीजिये,23 मई को ताकी सनद रहे| pic.twitter.com/MPUYjnJOdt— Preeti Chobey (@preeti_chobey) April 2, 2019
पुरानी तस्वीरें
खाली कुर्सियों वाली तस्वीर की रिवर्स सर्च करने पर, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर मूल रूप से 2018 की है। अमित शाह और योगी आदित्यनाथ, वाराणसी की एक रैली में भाजपा के “युवा उद्घोष” कार्यक्रम के शुभारंभ पर मंच साझा करते हुए देखे गए थे।
अमर उजाला द्वारा 21 जनवरी, 2018 को प्रकाशित एक फोटो स्टोरी में यह भी कहा गया है कि केवल नेताओं को ही नहीं, बल्कि प्रशासन और पुलिस को भी खाली कुर्सियों की चिंता थी। इस बारे में न्यूज़ तक की एक वीडियो रिपोर्ट नीचे पोस्ट की गई है।
कई दूसरे लोगों ने ट्विटर और फेसबुक पर ये तस्वीरें इसी संदेश के साथ शेयर की हैं।
निष्कर्षतः खाली कुर्सियों के साथ शाह-योगी की रैली की पुरानी तस्वीरें, हाल की बताकर शेयर की गईं।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.