सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप इस दावे के साथ शेयर किया गया है कि ये कश्मीर का है. वीडियो की क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं है साथ ही बैकग्राउंड में एक अरबी गाना सुना जा सकता है. वीडियो का कोई संदर्भ नहीं है, जिससे लगता है कि घटना हाल की है.

एक ट्विटर यूज़र ने हैशटैग #india_is_the_terrorist_country, #help_Kashmir, #Modi_is_a_terrorist, #save_kashmir, और #free_kashmir के साथ ये वीडियो पोस्ट किया. इसे 18 हज़ार बार देखा गया.

जॉर्डन के एक फ़ेसबुक यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए उर्दू में लिखा, “भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ या ज़्यादा सटीक तौर पर इस्लाम के ख़िलाफ, बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान की तैयारी के लिए इस्लाम के आलावा सभी धर्म के लोगों को तुरंत कश्मीर छोड़ने की चेतावनी दी है.” इस पोस्ट को 1,800 से ज़्यादा बार शेयर किया गया.

वीडियो वेरिफ़िकेशन

पहला वीडियो : भीड़ को पीटती पुलिस

फ़ैक्ट-चेक 1: ऑल्ट न्यूज़ ने रिवर्स इमेज सर्च करने पर देखा कि ये वीडियो करीब 2019 का है. ये हमें यूट्यूब पर मिला, जिसे सोशल मीडिया न्यूज़ नामक चैनल ने अपलोड किया था.

क्योंकि इस वीडियो की क्वालिटी अच्छी है, इसलिए हमें बैकग्राउंड में ‘माँ वैष्णो स्टेशनर्स’ लिखा हुआ दिखा. गूगल पर कीवर्ड सर्च करने से हमें मालूम पड़ा कि पूरे भारत में इस नाम से कई दुकानें हैं लेकिन ज़्यादातर दुकानें गोरखपुर में हैं.

ट्विटर पर एक और कीवर्ड सर्च से मालूम पड़ा कि दिसंबर 2019 में गोरखपुर में CAA-NRC प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों ने एक-दूसरे पर पथराव किया था. ANI ने वायरल वीडियो में मिलते-जुलते ज़गह से एक वीडियो पोस्ट किया था.

दोनों वीडियो का विश्लेषण करने पर हमने देखा कि वीडियो में नीले शटर वाली लाल और सफेद इमारत एक जैसी है.

न्यूज़मोबाइल ने मां वैष्णो स्टेशनर्स को गोरखपुर के नाकस चौक पर जियोलोकेटेड किया था. गूगल मैप्स पर स्टोर का होर्डिंग वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे होर्डिंग से मेल खाता है.

दूसरा वीडियो : मेगाफ़ोन में बोल रहा मुस्लिम आदमी

फ़ैक्ट-चेक 2: ऑल्ट न्यूज़ ने रिवर्स इमेज सर्च करने पर देखा कि ये वीडियो भी 2019 का है. अब्दुल गफ्फ़ार ने इस एक मिनट के वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड किया था.

वीडियो में जिसे मेगाफ़ोन पर बोलते हुए देखा जा सकता है वो व्यक्ति ज़्यादातर हिन्दी/उर्दू में ही बात करता था. हालांकि, उसने कुछ अंग्रेज़ी वाक्यांश का भी इस्तेमाल किया. शुरुआत में उसने कहा कि वो कश्मीर में एक पुलिस अधिकारी हुआ करता था. वीडियो के अंत में, उसने भारतीय सेना पर हिंसा के कई आरोप लगाए. ये वीडियो कब और किस ज़गह शूट किया गया ये हमें पता नहीं चल सका. हालांकि, ये वीडियो करीब दो साल पुराना है.

कश्मीर में नागरिकों की हत्या कर रहे अज्ञात बंदूकधारियों की घटना से जोड़कर पुराने वीडियोज़ ग़लत तरीके से शेयर किए गए.


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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.