सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है. वीडियो में भीड़ गली में खड़ी गाड़ियों के शीशे तोड़ रही है. ‘जय श्री राम’ के नारे भी सुने जा सकते हैं. दावा है कि प्रतापगढ़ ज़िले के लालगंज कस्बे में मुस्लिम समुदाय के लोग दुर्गा पूजा के पंडाल में घुसकर तोड़फोड़ कर रहे हैं और उन्होंने दुर्गा पूजा भी बंद करवा दी. इसके बाद, हिंदुओं ने मुस्लिम लोगों को घरों से निकालकर पीटा और मस्जिदों के झंडे निकाल दिए.
ट्विटर यूज़र सुजीत सिंह गहलोत ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 4 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
प्रतापगढ़ जिले के लालगंज कस्बे में दुर्गा पूजा के पंडाल में घुस कर मुस्लिम समुदाय के लोगो ने पूजा बंद करवा दी और मां दुर्गा का पताका निकाल कर फेंक दिया, उसके बाद हिंदू संगठन सक्रिय हो गए, एक एक मुस्लिम को उनके घरों से निकाल कर बुरी तरह पीटा, मस्जितों के झंडे उखाड़ कर फेंक दिए गए pic.twitter.com/21x3xQ0vvQ
— Sujeet Singh Gahlot Kanpur💯%FB (@GahlotKanpur) October 13, 2021
फ़ेसबुक यूज़र पंकज सिंह राजपूत ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया. (आर्काइव लिंक)
प्रतापगढ़ जिले के लालगंज कस्बे में दुर्गा पूजा के पंडाल में घुस कर मुस्लिम समुदाय के लोगो ने पूजा बंद करवा दी और मां दुर्गा का पताका निकाल कर फेंक दिया, उसके बाद श्री बजरंग सेना के कुछ सदस्य ओर हिंदू संगठन के लोग सक्रिय हो गए, एक एक मुस्लिम को उनके घरों से निकाल कर बुरी तरह पीटा, मस्जितों के झंडे उखाड़ कर फेंक दिए गए कारों व मोटर साइकिलों को तोड़ फोड़ दिया गया, समस्त मुस्लिम समुदाय थाने में शरण लिए हुए है, उक्त घटना पर मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर्ष व्यक्त करते हुए युवा हिंदुओ को बधाई दी,
जय श्री राम 🚩🙏💪Posted by Pankaj Singh Rajput on Monday, 11 October 2021
फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो को ध्यान से देखने पर ऑल्ट न्यूज़ ने कुछ बातें नोटिस कीं. जैसे, वीडियो में लोग जिस सफ़ेद वैन को पलट रहे रहे हैं, उसकी रजिस्ट्रेशन प्लेट पर ‘CG’ लिखा है. यानी ये गाड़ी छतीसगढ़ की थी. इसके अलावा, गाड़ी के पीछे ‘मोहबा बाज़ार’ लिखा है. ये जगह रायपुर, छतीसगढ़ में है.
आगे, हमें इस वीडियो के बारे में यूपी पुलिस फ़ैक्ट-चेक का एक ट्वीट मिला. ट्वीट के मुताबिक, ये घटना 5 अक्टूबर 2021 को कवर्धा, छत्तीसगढ़ में हुई थी. इसका प्रतापगढ़ से कोई संबंध नहीं है. ट्वीट में मीडिया आउटलेट नया भारत का आर्टिकल भी शेयर किया है. रिपोर्ट में बताया गया कि छतीसगढ़ के कवर्धा में झंडा लगाने को लेकर 2 गुटों के बीच विवाद हुआ था. इसके चलते लोग सड़क पर लाठियां, डंडे लेकर निकल आए थे. पुलिस ने इस मामले को शांत करने के लिए इलाके में धारा 144 लागू की थी.
दिनांक 05.10.2021 को कवर्धा, छत्तीसगढ़ में हुई घटना को भ्रामक रूप से उ०प्र० प्रतापगढ़ की घटना के रूप में दुष्प्रचारित किये जाने के सम्बन्ध में @pratapgarhpol द्वारा खण्डन कर मुकदमा पंजीकृत किया गया है।#UPPAgainstFakeNews#UPPolicehttps://t.co/dIZihWukAL https://t.co/swS2i6Bkkp https://t.co/hdrK4xIZyG pic.twitter.com/o0Dvnq0PU0
— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) October 13, 2021
7 अक्टूबर को एक फ़ेसबुक यूज़र ने भी ये वीडियो कवर्धा में हुए विवाद का बताकर पोस्ट किया. इसके साथ में कुछ और वीडियोज़ भी शेयर किये गए हैं. इसमें से पहले वीडियो में पुलिस भीड़ को खदेड़ रही है. वहीं दूसरे वीडियो में टूटी हुई गाड़ियां दिख रही है. तीसरे वीडियो में कुछ लोग गाड़ी पर लाठियों से हमला करते हुए दिख रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में भाजपा के बेरोजगार आतंकवादियों ने आज मुसलमानो के घरों में घुसकर तोड़फोड़ वा मारपीट की।
यहां कांग्रेस की सरकार है।
Posted by Ashraf Raza on Wednesday, 6 October 2021
इस आधार पर सर्च करते हुए ऑल्ट न्यूज़ को ABP न्यूज़ की रिपोर्ट मिली. आर्टिकल के मुताबिक, रविवार 3 अक्टूबर को एक व्यक्ति द्वारा झंडा लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था. रिपोर्ट में शामिल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति खंभे पर चढ़कर झंडा लगाते हुए दिख रहा है. इसके 2 दिन बाद कुछ लोगों ने झंडा लगाने वाले व्यक्ति की पिटाई की थी. पिटाई करने वाले आरोपियों के खिलाफ़ दक्षिणपंथी संगठनों ने रैली निकाली थी. हिंदुस्तान की 6 अक्टूबर की वीडियो रिपोर्ट में दिख रहा है कि एक व्यक्ति खंभे पर लगाए भगवा झंडे को नीचे फेंक देता है. रिपोर्ट के मुताबिक, छतीसगढ़ में झंडे को लेकर शुरू हुए विवाद में दक्षिणपंथी संगठनों ने रेली निकाली थी. इस दौरान, रेली में हिंसा भड़की थी. ये देखते हुए पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी थी और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी थी.
अमर उजाला के आर्टिकल के मुताबिक, हिंसा में शामिल 70 लोगों की पहचान की जा चुकी थी. साथ में 59 लोगों को गिरफ़्तार भी किया जा चुका है. दुकानों और गाड़ियो में तोड़फोड़ करने वाले लोगों के खिलाफ़ पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इस दौरान, कुछ पुलिसकर्मियों को चोटे भी आयी थीं. द फ़्री प्रेस जर्नल ने भी इस विवाद के बारे में वीडियो रिपोर्ट शेयर किया था.
ऑल्ट न्यूज़ ने इस मामले में प्रतापगढ़ पुलिस से भी संपर्क किया था. उन्होंने बताया कि ये वीडियो छतीसगढ़ का है. साथ में उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की कि दुर्गापूजा के दौरान इलाके में ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी.
कुल मिलाकर, छतीसगढ़ में 2 गुटों के बीच हुए विवाद का वीडियो उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का बताकर शेयर किया गया. वीडियो के साथ झूठा दावा किया गया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुर्गा पूजा रोकी थी जिसके बाद हिंदुओं ने उनकी खूब पिटाई की.
CAA-NRC, अमित शाह आदि नेताओं के बारे में बात करता शख्स DPS राजबाग में पढ़ाने वाला शकील अंसारी?
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