सोशल मीडिया में एक वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित है, जिसमें भाजपा के लोगों को भीड़ द्वारा प्रताड़ित होते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ साझा किये गए सन्देश के अनुसार, “उत्तर भारत में #BJP के लिए अच्छे दिन। #CAA_NRC_NPR के समर्थन में डोर टू डोर अभियान के दौरान भाजपा के नेताओं का स्वागत कैसे किया जाता है।” (अनुवाद)
acche din for #BJP in northeast India.
During the door to door campaign in the favour of #CAA_NRC_NPR how the people welcoming BJP leaders pic.twitter.com/vlwcothyX3— shaik sharif (@sharifhyd525) January 19, 2020
यह वीडियो फेसबुक पर कई यूज़र्स व्यापक रूप से साझा कर रहे हैं।
ऑल्ट न्यूज़ के अधिकृत मोबाइल एप्प पर इस वीडियो की तथ्य-जांच करने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं।
पुराना वीडियो, झूठा दावा
ऑल्ट न्यूज़ इस समान वीडियो की पड़ताल पिछले साल ही कर चूका है, जब यह इस दावे से प्रसारित था कि भाजपा के सदस्यों को प्रताड़ित करने वाले लोग “रोहिंग्या और बांगलादेश के शरणार्थी” है।
यह घटना कोलकाता की नहीं, बल्कि 2017 में दार्जिलिंग में हुई थी। पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को खदेड़ा और उनसे दुर्व्यवहार किया गया था। घोष 5 अक्टूबर, 2017 को दार्जिलिंग में थे, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा द्वारा अलग गोरखालैंड के लिए 104 दिनों की हड़ताल को रद्द किया था। इस घटना के बारे में कई मीडिया संगठनों ने खबर प्रकाशित की थी, जिसमें ABP न्यूज़ भी शामिल है। इस वीडियो को चैनल ने अक्टूबर 2017 में प्रसारित किया था जब यह घटना हुई थी।
पश्चिम बंगाल में हुई तीन साल पुरानी घटना के वीडियो को इस झूठे दावे से साझा किया गया कि भाजपा नेताओं को उत्तर भारत में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) का डोर टू डोर प्रचार करते वक्त लोगों द्वारा प्रताड़ित किया गया।
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