“मुसलमानों को वोट देने से रोक रहे है मोदी सरकार बीजेपी आरएसएस शिवसेना वाले बुड्ढे बच्चे और महिलाओं पर मारपीट कर रहे हैं इस वीडियो को मीडिया वाले शेयर नहीं करेगा इसलिए इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और आर एस एस और मोदी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. राजस्थान मै नागौर जिले के शहर नावा ।”
उपरोक्त संदेश के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि लोगों की भीड़ पर पुलिस लाठीचार्ज कर रही है। संदेश में यह दावा किया गया है कि राजस्थान के नागौर जिले में मुस्लिम समुदाय के लोगों को वोट नहीं डालने दिया जा रहा है। साथ ही भाजपा, आरएसएस, शिवसेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप भी लगाया गया है कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय को वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने से रोका है। इस वीडियो को एक समान दावे के साथ प्रसारित किया गया है, जिसमें बिना यह कहते हुए कि यह राजस्थान का वीडियो है, शेयर किया गया है जैसा कि नीचे दिए गए ट्वीट में देखा जा सकता है।
मुसलमानों को वोट देने से रोक रहे है मोदी सरकार बीजेपी आरएसएस शिवसेना वाले बुड्ढे बच्चे और महिलाओं पर मारपीट कर रहे हैं इस वीडियो को मीडिया वाले शेयर नहीं करेगा इसलिए इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और आर एस एस और मोदी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
Please verify this! pic.twitter.com/F1iUcOAJP4
— 🚰Save Water,Save Gujrat,Save India🚰🚱 (@BjpCorrupt) May 5, 2019
फ़ेसबूक और ट्विट्टर पर कुछ व्यक्तिगत यूज़र्स ने इसी दावे के साथ वीडियो को शेयर किया है जैसा कि नीचे देखा जा सकता है।
गुजरात का पुराना वीडियो
वीडियो में लोगों को गुजराती में बोलते हुए सुना जा सकता है, जो इस बात का संकेत देता है कि यह वीडियो गुजरात से है। साथ ही वीडियो में गुजराती में लिखे गए कई साइनबोर्ड भी दिख रहे है। “डीलक्स पान पार्लर (अनुवादित)”, नीचे पोस्ट किए गए स्क्रीनशॉट में एक गुजराती साइनबोर्ड देखा जा सकता है।
ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल डिजिटल वीडियो जांच करने वाली टूल ‘इनविड InVID’ से की। हमने वीडियो को कई फ्रेमों में तोड़ने के बाद उनमें से एक का गूगल पर रिर्वस इमेज सर्च किया। इसके बाद हम एक ट्वीट तक पहुंचे जिसमें यह वीडियो मिला जहां लिखा गया था कि वीडियो गुजरात के विरामनगर नामक शहर का है।
In Viramgam District of Ahmedabad, we can clearly see Police beating the minorities, while chowkidars are sleeping.@vijayrupanibjp @AhmedabadPolice pic.twitter.com/0lXyu6dp9b
— Non-Polytikle Swaraj (@Polytikle) April 3, 2019
कुछ गुजराती शब्दों के साथ एक Google खोज से हमें कई समाचार लेख मिले जहाँ इस घटना की सूचना दी गई थी। हमें एक क्षेत्रीय गुजराती समाचार वेबसाइट अकिला न्यूज़ द्वारा 1 अप्रैल, 2019 को प्रकाशित एक लेख मिला, जिसका शीर्षक था, “વિરમગામમાં કબ્રસ્તાનની દિવાલ બાબતે ઠાકોર-મુસ્લિમ વચ્ચે જૂથ અથડામણ- वीरमगाम में कब्रिस्तान की दीवार के संबंध में ठाकोर-मुस्लिम दो समूहों के बीच झड़प)”। अकिला न्यूज़ के लेख में इस घटना की कई तस्वीरें थीं। हमने पाया कि कुछ तस्वीरें (नीचे स्क्रीनशॉट में 1,2,3,4 लेबल की गई) वायरल वीडियो के फ्रेम से मिल रही है।
इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि वीरमगाम शहर के भट्टीपुरा इलाके में दो समुदायों के बीच झड़पों के बाद कम से कम छह लोग घायल हो गए और 15 को हिरासत में लिया गया है। यह घटना तब हुई जब एक महिला कब्रिस्तान की दीवार पर धुले हुए कपड़े लटकाने की कोशिश कर रही थी और कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और इससे दो समूहों के लोगों के बीच हिंसक झड़प हुआ। द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक बयान में एक पुलिस अधिकारी ने यह कहा, “ इस झड़प में छह-सात व्यक्ति घायल हो गए। घटना की प्राथमिकी दर्ज की गई और जब पुलिस कर्मी आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए मौके पर पहुंचे, तो पुलिस पर पथराव किया गया। इसके बाद, पुलिस पर पथराव करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गई।“
गुजरात के विरमगाम की एक घटना का वीडियो, जो चुनाव शुरू होने से पहले का है, इस झूठे दावे से यह कहकर साझा किया जा रहा है कि मुसलमानों को लोकसभा चुनावों में मतदान से रोका जा रहा है।
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