एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है जिसमें कई लोग और बच्चे खून से लथपथ मृत अवस्था में पड़े दिख रहे हैं. इस वीडियो को हाल में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से भड़की हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में मुस्लिम कट्टरपंथी अल्पसंख्यक हिंदुओं के घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को काट रहे हैं.
अक्सर गलत जानकारी फैलाने वाले यूज़र अजय चौहान ने ये वीडियो शेयर करते हुए इसे बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार बताया. यूज़र ने इस वीडियो का स्त्रोत व्हाट्सऐप बताया है. (आर्काइव लिंक)
निशब्द #SaveBangladeshiHindus
वीडियो स्त्रोत: WhatsApp pic.twitter.com/vip6rnBkUo
— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) August 16, 2024
फ़ैक्ट-चेक
हमने इस वीडियो के फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें ये वीडियो 9 जून 2024 को एक्स पर अपलोड किया हुआ मिला. इसे रोहिंग्या कम्यूनिटी लीडर सैयद उल्लाह ने शेयर किया था. यानी, ये वीडियो कम-से-कम 2 महीने पुराना है. इस ट्वीट में रोहिंग्या कम्यूनिटी लीडर सैयद उल्लाह ने लिखा है कि 9 जून को हाबी गांव, मडगांव में 2 रोहिंग्या परिवारों पर मिलिट्री काउंसिल द्वारा ड्रोन से हमला किया गया. अराकान आर्मी ने गांव पर कब्ज़ा कर लिया और मिलिट्री काउंसिल के ड्रोन हमले में रोहिंग्या परिवार मारे गए और कई लोग घायल हो गए.
हमें ये वीडियो लिंक्ड्इन पर भी अपलोड किया हुआ मिला. इसे 9 जून 2024 को रोहिंग्या ह्यूमन राइट एक्टिविस्त Maung Hla Myint ने शेयर किया था. उन्होंने भी इस वीडियो के बारे में लिखा कि ये रोहिंग्या हैं जिनकी एक बड़े विस्फोट में मौत हो गई.
द यूरोपियन रोहिंग्या काउंसिल ने इस घटना के संबंध में 9 जून 2024 को एक बयान जारी किया और रोहिंग्या लोगों के खिलाफ अराकान सेना और म्यांमार सेना द्वारा किए गए मानवता के विरुद्ध अपराधों पर खेद व्यक्त किया.
कुल मिलाकर, शेयर किया जा रहा वीडियो पुराना है और इसका 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है. सोशल मीडिया यूजर्स ने पुराना वीडियो शेयर करते हुए झूठा दावा किया कि ये वीडियो बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं को उनके घरों में घुसकर मारे जाने का है.
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