चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की तारीख़ की घोषणा कर दी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 मार्च को बंगाल में रैली की. इसी के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक शख्स लोगों को नोट थमा रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में भाजपा कार्यकर्ता लोगों को आदित्यनाथ की रैली में शामिल होने के लिए पैसे बांट रहा है.
पोस्ट्स के साथ वायरल टेक्स्ट है, “पश्चिम बंगाल में सीएम योगी की रैली में भीड़ जुटाने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने देर रात बाटें पैसे.”
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता बीरेन्द्र कुमार यादव ने 2 मार्च को ये वीडियो ट्वीट करते हुए यही दावा किया.
पश्चिम बंगाल में सीएम योगीजी की रैली में भीड़ जुटाने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने देर रात बाटें पैसे😅..@yadavakhilesh pic.twitter.com/dyWYJcOhRK
— Birendra Kumar Yadav🇮🇳 (@BirendraYdvSP) March 2, 2021
ट्विटर यूज़र @sudheer__ydv और कुछ फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी यही दावा किया.
पुराना वीडियो ग़लत दावे के साथ वायरल
वीडियो में 25 सेकंड पर एक व्यक्ति नज़र आता है जिसकी टी-शर्ट पर लिखा है, “अबकी बार 65 पार.”
इससे हिंट लेते हुए हमने कीवर्ड सर्च किया और पाया कि ये भाजपा के कैंपेन का हिस्सा था. भाजपा ने ये नारा 2019 में झारखण्ड विधानसभा चुनाव में दिया था. कई मीडिया आउटलेट्स में इस नारे के बारे में लिखा था. (पहला आउटलेट, दूसरा आउटलेट, तीसरा आउटलेट और चौथा आउटलेट)
हम झारखण्ड में विजय के विश्वास के साथ चुनाव मैदान में हैं। झारखण्ड में भाजपा अबकी बार 65 पार के इरादे से चुनाव मैदान में है- श्री @PrakashJavdekar, केंद्रीय मंत्री #AbkiBaar65Paar
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) November 17, 2019
झारखण्ड और बिहार के न्यूज़ आउटलेट न्यूज़ विंग ने ये वीडियो 17 अक्टूबर, 2019 को पोस्ट किया था. इसके डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की रैली में आने वाले लोगों को 200-200 रुपये बांटे जा रहे थे. ऑल्ट न्यूज़ स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि करने में असमर्थ था.
आज तक ने भी इस वायरल वीडियो का फ़ैक्ट-चेक किया है.
2019 का एक वीडियो जिसमें एक भाजपा कार्यकर्ता लोगों को कथित रूप से पैसा बांट रहा है, सोशल मीडिया पर बंगाल चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. यूज़र्स ने ग़लत दावा किया कि बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ की रैली में आने के लिए लोगों को पैसे दिए जा रहे थे.
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