कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक मिनट का वीडियो शेयर किया है जिसमें भारतीय जवान ज़मीन पर लेटे हैं. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि हाल ही में लद्दाख में चीन के साथ हुई मुठभेड़ के बाद का वीडियो है.

पत्रकार राणा अयूब को जवाब देते हुए मनदीप सिंह ब्रार नाम के यूज़र ने वीडियो पोस्ट करके लिखा, “चीनियों ने गलवान वैली में हमारे जवानों के साथ जो किया उसे देखकर खून खौल रहा है.”

एक और ट्विटर यूज़र ने यही वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च करने के बाद पाया कि HIILU ALL IN ONE नाम के चैनल ने पिछले साल इसी वीडियो का तीन मिनट लंबा वर्जन पोस्ट किया था जिसे अब लद्दाख में भारतीय सैनिकों का बताकर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में लिखे डिस्क्रिप्शन के मुताबिक सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 93 जवानों को ले जा रही एक सिविल बस का 30 अक्टूबर 2019 को सिलचर के रास्ते में एक्सीडेंट हो गया था.

यह क्लू मिलने के बाद हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया और 30 अक्टूबर 2019 से 31 अक्टूबर 2019 के रिज़ल्ट्स देखे. हमें नार्थ ईस्ट नाउ पर पब्लिश हुई एक रिपोर्ट मिली जिससे डिस्क्रिप्शन में बताई हुई बात मैच करती है. रिपोर्ट के मुताबिक 30 अक्टूबर 2019 को पूर्वी जयंतिया पहाड़ी में उमतारा की खाई में एक बस गिर गई, इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 2 नागरिक, 20 BSF सहित 22 लोग घायल हुए.

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि BSF की टीम 2 सिविल बसों, 3 भारी वाहनों और एक बोलेरो से अपने बेस पर वापस लौट रही थी. इन बसों में से एक उमतारा के नेशनल हाइवे 6 पर फिसल कर गिर गई.

यह वीडियो पिछले साल भी ग़लत जानकारी के साथ शेयर किया गया था. कभी बताया गया कि एक्सीडेंट में BSF जवानों की मौत हो गई, कभी बताया कि भारतीय सैनिक पाकिस्तान में मारे गए. इन्हें Factly और टाइम्स फ़ैक्ट चेक द्वारा फ़ैक्ट-चेक किया गया था.

नवंबर 2019 में Factly ने मेघालय BSF को जानकारी पाने के लिए ई-मेल किया. रणधीर रंजन (2IC – Operations, Ftr HQ BSF Meghalaya) ने जवाब दिया, “बस एक्सीडेंट में BSF का कोई भी हताहत नहीं हुआ था. हालांकि जवानों को ले जा रही सिविल बस के एक हेल्पर की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. जो भी जवान घायल हुए थे वो अब सुरक्षित हैं और अलग-अलग अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है.”

Screenshot from Factly’s fact check report

यानी इस वीडियो में BSF के जवान दिख रहे हैं जिनका पिछले साल मेघालय में रोड एक्सीडेंट हो गया था. भारत-चीन मुठभेड़ में उनके मारे जाने का दावा बेबुनियाद है. बॉर्डर पर तनाव की वजह से सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरों और वीडियोज़ के ज़रिए फ़ेक न्यूज़ की बाढ़ आ गई है.

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About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.