सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें बुर्का पहनी कई लड़कियां एक दरवाज़े से गुज़र रही हैं, साथ ही कुछ लोग शायद इनकी तारीफ कर रहे हैं या इन्हें परेशान कर रहे हैं. वीडियो में एक पुलिस अधिकारी महिलाओं को आगे बढ़ने का निर्देश देते हुए दिख रहा है. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों के अंदर हिजाब पहनने पर लगे बैन को हटा दिया है और इसलिए महिलाएं हिजाब पहनकर कर्नाटक के एक विश्वविद्यालय में प्रवेश कर रही हैं.

24 हज़ार से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स वाले ट्विटर यूज़र @Aafrin7866 ने 22 मई को ये वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया कि अब कर्नाटक के सभी कॉलेजों से हिजाब बैन हटा दिया गया है. यूज़र ने कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और राहुल गांधी को इसके लिए धन्यवाद देते हुए टैग किया. इस ट्वीट को 30 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है और 160 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

@putin_pandit नामक एक और यूज़र ने भी उसी दिन यही दावे करते हुए ये वीडियो शेयर किया. कैप्शन में लिखा है: “आज से कर्नाटका के किसी भी कॉलेज में हिजाब पर कोई रोक टोक नहीं होगा.” ट्वीट को 22 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है और 400 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

@ShihabChoturfan के ट्विटर बायो के मुताबिक, ये अकाउंट यूट्यूबर Shihab Chottur का पैरोडी फ़ैन पेज है. इस हैन्डल ने भी इसी तरह के दावे के साथ वीडियो शेयर किया. शिहाब छोटूर केरल के निवासी हैं जो पिछले साल हज करने के लिए पैदल ही मक्का की यात्रा पर निकले थे. (आर्काइव)

इसके अलावा कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ऐसा ही दावा किया है. ऐसी दावों वाली पोस्ट नीचे देखी जा सकती हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

@ShihabChoturfan के ट्वीट पर हमें कुछ ऐसे कमेंट्स मिले जिनमें इस वीडियो को पुराना बताया गया है. साथ ही कुछ यूज़र्स ने ये भी बताया कि वीडियो उस वक्त का है जब कर्नाटक में हिजाब पर बैन को लेकर विवाद शुरू हुआ था.

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इसके बाद हमने वीडियो से कई की-फ़्रेम लेकर और उनमें से कुछ फ़्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें कई सोशल मीडिया पोस्ट मिले. हमने देखा कि ये सभी पोस्ट फ़रवरी 2022 की हैं.

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इससे साबित होता है कि वीडियो हाल का नहीं बल्कि पुराना है और वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा ग़लत है.

फ़रवरी, 2022 में कर्नाटक के एक कॉलेज ने क्लास के अंदर हिजाब पर बैन लगा दिया था और फिर भाजपा सरकार ने ये कहते हुए हिजाब पर बैन लगाने का आदेश जारी किया कि “कोई भी ऐसा पहनावा जो समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था को भंग करेगा” उसकी अनुमति नहीं दी जाएगी. इस आदेश को चुनौती दी गई और कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इसे बरकरार रखा. इस मामले को फिर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई और शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2022 में स्पिल्ट वर्डिक्ट सुनाया. कोर्ट ने कहा है कि वो तीन जजों की बेंच के सामने याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी.

23 मई को एमनेस्टी इंडिया ने नवगठित कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार से हिजाब बैन हटाने की अपील की. (आर्काइव)

इसी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य मंत्री जी परमेश्वर ने ANI से कहा, “हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं. अभी हमें कर्नाटक के लोगों से की गई पांच वादों को पूरा करना है. (आर्काइव)

इसके अलावा, ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट मौजूद नहीं है जिसमें ये बताया गया हो कि कर्नाटक सरकार ने ये बैन हटा लिया है.

कुल मिलाकर, इस वीडियो के साथ वायरल हो रहा ये दावा झूठा है कि कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने हिजाब बैन हटा लिया है.

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