23 अप्रैल, 2023 से कुछ ओलंपिक पदक विजेता और भारतीय पहलवान दिल्ली में भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन पर कथित यौन उत्पीड़न के कई मामले लगाए गए हैं जिसमें से एक POCSO एक्ट का मामला भी शामिल है.

28 मई, 2023 को जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन किया तो विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित विरोध करने वाले दूसरे पहलवान, संसद भवन के पास महिला महापंचायत करने वाले थे. जैसे ही उन्होंने जंतर मंतर पर से नए संसद भवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें रोक दिया और दिल्ली के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में हिरासत में ले लिया.

सोशल मीडिया पर विरोध के दौरान क्लिक की गई साक्षी मलिक की एक कथित तस्वीर वायरल है जिसमें देखा जा सकता है कि वो ज़मीन पर गिरी हैं और उनके चेहरे पर एक पुलिस अधिकारी ने अपना पैर रखा है जिसका जूता साफ नज़र आ रहा है. सुल्तानपुर से आप विधायक मुकेश अहलावत ने ये तस्वीर ट्वीट की जिन्होंने भारत की तुलना तालिबान से की और देश की स्थिति पर सवाल उठाया. (आर्काइव)

कीर्ति पाठक AAP (@kirtispathak) नामक एक और वेरिफ़ाइड यूज़र ने भी ये तस्वीर ट्वीट करते हुए पूछा कि क्या ये साक्षी मलिक हैं. कीर्ति पाठक के ट्विटर बायो के मुताबिक, ये राजस्थान में AAP की राज्य उपाध्यक्ष हैं.

खुद को ट्विटर पर ‘पत्रकार-लेखक’ बतानेवाली जिया उस सलाम (@ziyaussalam) ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा, “अगर भारत के लिए पदक जीतने वाली महिला पहलवान की ये तस्वीर आपको परेशान नहीं करती है, तो इस फासीवादी शासन का कुछ भी नहीं हो सकता.” बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया.

फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले, हमने देखा कि पहलवान साक्षी मलिक ने 28 मई को विरोध प्रदर्शन के दौरान हाथापाई के वक्त हल्के नीले रंग की टी-शर्ट पहनी थी. इसे इस वीडियो में भी देखा जा सकता है जिसे उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया था. (आर्काइव)

इसके बाद, हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 30 जनवरी, 2021 का द एशियन एज का एक आर्टिकल मिला. ये आर्टिकल किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में था. इस रिपोर्ट में ये तस्वीर शेयर की गई है और कैप्शन दिया गया है, “शुक्रवार को नई दिल्ली में सिंघू बॉर्डर पर कथित स्थानीय ग्रामीण और किसान लोगों के बीच झड़प के दौरान कथित तौर पर पुलिस SHO (अलीपुर) प्रदीप पालीवाल पर हमला करने वाले एक किसान को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. (तस्वीर: PTI).”

न्यूज़लॉन्ड्री के 29 जनवरी 2021 के एक आर्टिकल में भी इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था और तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति की पहचान पंजाब के नवांशहर ज़िले के काजमपुर गांव के किसान, 22 साल के रंजीत सिंह के रूप में की गई थी.

आगे सर्च करने पर हमें 1 फ़रवरी, 2021 का द टाइम्स ऑफ़ इंडिया का एक आर्टिकल मिला. इसमें भी इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. आर्टिकल में लिखा था कि कैसे रंजीत सिंह पर दिल्ली पुलिस ने एक स्टेशन हाउस ऑफ़िसर (SHO) पर तलवार से हमला करने और घायल करने का आरोप है. उन्हें दिल्ली पुलिस ने हत्या की कोशिश और अलग-अलग धाराओं के तहत गिरफ़्तार किया था. उनके भाई जसप्रीत सिंह के मुताबिक, रणजीत कीर्ति किसान यूनियन के सदस्यों के साथ सिंघू बॉर्डर धरने पर गए थे.

आगे, हमें न्यूज़18 का 30 जनवरी, 2021 का IANS का आर्टिकल मिला जिसमें एक ज़ूम आउट तस्वीर थी. इसका क्रेडिट PTI को दिया गया था. तस्वीर के साथ कैप्शन दिया गया है: “नई दिल्ली: शुक्रवार, 29 जनवरी को नई दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर कथित स्थानीय ग्रामीणों और किसानों के बीच झड़प के दौरान कथित तौर पर पुलिस SHO (अलीपुर) प्रदीप पालीवाल पर हमला करने वाले एक किसान को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है., 2021. (PTI फ़ोटो).”

टाइम्स नाउ ने 30 जनवरी, 2021 को एक आर्टिकल पब्लिश किया. इस आर्टिकल का टाइटल है, “सिंघु बॉर्डर वायलेंस: पुलिस पर तलवार से हमला करने वाला आदमी गिरफ़्तार, अन्य 43 गिरफ़्तार”. आर्टिकल में फ़ोटो का क्रेडिट ANI को दिया गया है. इस रिपोर्ट में भी कहा गया है: “SHO (अलीपुर) प्रदीप पालीवाल पर हमला करने वाले व्यक्ति की पहचान पंजाब के कजामपुर गांव निवासी 22 साल के रंजीत सिंह के रूप में हुई है.”

न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट में भी प्रदर्शनकारी किसान रणजीत सिंह और पुलिस कर्मियों के बीच हुई खींचातानी के बारे में बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है: “ये सारी चीजें पत्रकारों और दर्शकों द्वारा कैमरे में शूट की गई थी. ऐसे ही एक वीडियो में रणजीत सिंह मौजूद थे. इससे पहले कि वो फ्रेम में आते, भीड़ के सदस्यों को बैरिकेड्स के पार पथराव करते और किसानों पर चिल्लाते हुए देखा जा सकता है. एक पुलिसकर्मी उनके बीच चल रहा है. लेकिन वो असल में उन्हें रोक नहीं रहा. एक पॉइंट पर, उनमें से एक ने उनकी लाठी को खींचने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने धीरे से उसे वापस खींच लिया. इस व्यक्ति ने फिर एक किसान से एक और लाठी छीनी और बैरिकेड के पार एक किसान पर निशाना साधना शुरू कर दिया. इसी वक्त, रणजीत अपने बेल्ट में बंधी तलवार के साथ, बैरिकेड वाले क्षेत्र में वापस गया. उसने न तो किसी पर हमला किया और न ही तलवार तानी थी. इसके बाद वो बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र में वापस चला गया. जवाब में दिल्ली पुलिस के जवानों ने रणजीत को धक्का दिया तो रणजीत ने उन्हें पीछे धकेल दिया. देखते ही देखते कई पुलिसकर्मियों ने उन पर लाठियों से प्रहार करना शुरू कर दिया. रणजीत ने अपनी तलवार निकाली और उठाई, लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोच लिया और उन्हें नीचे गिरा दिया और उनकी पिटाई की.”

17 मार्च को रणजीत सिंह जेल से रिहा हुआ जिसके बाद 18 मार्च, 2021 को पब्लिश बीबीसी न्यूज़ पंजाबी ने रणजीत सिंह एक इंटरव्यू लिया. इस वीडियो में घटना के फ़ुटेज हैं जो 19 सेकेंड, 32 सेकेंड और 1 मिनट 1 सेकेंड पर दिखते हैं.

कुल मिलाकर, हम ये कह सकते हैं कि वायरल तस्वीर में जमीन पर गिरा व्यक्ति पंजाब का किसान रणजीत सिंह है न कि ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक. इस तस्वीर को PTI से जुड़े व्यक्ति ने 29 जनवरी, 2021 को सिंघू बॉर्डर के पास लिया था.

श्रेयतमा दत्ता ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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