महाराष्ट्र में चल रहे हनुमान चालीसा विवाद के बीच एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. ये तस्वीर रमज़ान के मौके पर मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर नमाज़ अदा करते लोगों की है.
कई यूज़र्स ने ट्विटर पर इसे शेयर किया है.
This is outside Bandra Railway station (can’t miss the famous stone entry gate). Image available in public domain. Can do a reverse lookup through Google Lens. pic.twitter.com/0OlhMJVage
— Jambudweep Moolnivasi (@ShwetankSeeks) April 24, 2022
Bandra Railway Station (west) in Mumbai
But हनुमान चालीसा not allowed.हनुमान चालीसा घर पर पढ़ें क्यूँ कि सड़क जाम है…
ठाकरे सरकार pic.twitter.com/t5jtfWWdgQ— 🥀 राष्ट्रवादी विनीत मिश्रा (बीजेपी) 🇮🇳 (@vinit_pandit243) April 28, 2022
ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.
फ़ैक्ट-चेक
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर ये तस्वीर हमें गेटी इमेजेज पर मिली. इसके खींचे जाने की तारीख 17 अगस्त, 2012 है. इसे 2012 में रमज़ान के महीने में बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर क्लिक किया गया था.
द अटलांटिक के 17 अगस्त 2012 के एक आर्टिकल में भी इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
गौरतलब है कि 2012 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण थे. इस तरह तस्वीर को ग़लत तरीके से महाराष्ट्र में शिवसेना के कार्यकाल में चल रहे हनुमान चालीसा विवाद के रूप में शेयर किया जा रहा है.
‘हनुमान चालीसा’ विवाद
राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए एक सार्वजनिक ‘अल्टीमेटम’ दिया, जिसके बाद ये विवाद शुरू हो गया. राज ठाकरे ने सरकार को चेतावनी दी कि 3 मई तक लाउडस्पीकर हटाया जाय नहीं तो उनकी पार्टी मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा बजाएगी.
MP-MLA दंपति नवनीत कौर राणा और रवि राणा ने इसका समर्थन किया. उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि वे उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करेंगे. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने इसका काफी विरोध किया गया और उन्हें बाहर जाने से रोकने के लिए दंपति के आवास के बाहर इकठ्ठा हो गए. बाद में दंपति ने अपनी बात वापस ले ली लेकिन उनके खिलाफ़ एक FIR दर्ज की गई. और उन्हें कई IPC धाराओं के तहत 23 अप्रैल को ग़िरफ्तार किया गया, जिसमें देशद्रोह और समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने के आरोप शामिल थे.
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