भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका के राजकीय दौरे पर हैं. इसी बीच वॉशिंगटन राज्य के 7वें कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रमिला जयपाल और मैरईलैंड के सीनेटर वैन होलेन के नेतृत्व में एक लेटर के माध्यम से 70 से अधिक अमेरिकी सीनेटर और प्रतिनिधि सभा के सदस्यों ने राष्ट्रपति बाइडन से भारतीय पीएम मोदी के साथ बैठक के दौरान मानवाधिकार और लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखने पर चर्चा करने का आग्रह किया. इस लेटर पर 18 सीनेटर और प्रतिनिधि सभा के 58 सदस्यों ने हस्ताक्षर किया था.
Today, @SenVanHollen & I are leading over 70 of our colleagues in calling on @POTUS to address India’s human rights record with PM Modi. We must ensure freedom of the press, religious tolerance, internet access, & the diversity of political thought. https://t.co/ezUxX4aaYK
— Rep. Pramila Jayapal (@RepJayapal) June 20, 2023
22 जून को भाजपा समर्थक आशुतोष दूबे ने ट्वीट करते हुए दावा किया कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी सांसदों के एक समूह के साथ अपनी बैठक रद्द कर दी क्योंकि उन्होंने उनसे मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल से भारत विरोधी कांग्रेस सदस्य प्रमिला जयपाल को बाहर करने से इनकार कर दिया था. दूबे ने इस जानकारी को ब्रेकिंग न्यूज़ बताते हुए ट्वीट किया और ट्वीट के थ्रेड में विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान भी कोट किया और इस खबर का श्रोत News Riveting नाम की वेबसाइट को बताया. (आर्काइव लिंक)
Details: “Don’t think her report has a fair understanding of the situation in Jammu and Kashmir or a fair characterization of what the Government of India is doing. I have no interest in meeting her,” the External Affairs Minister said.
— ADV. ASHUTOSH J. DUBEY 🇮🇳 (@AdvAshutoshBJP) June 22, 2023
डिफेंस एनालिस्ट राकेश कृष्णन सिम्हा ने भी ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया और विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक बयान कोट किया. (आर्काइव लिंक)
नरेन मुखर्जी ने भी ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
इसी प्रकार कई अन्य यूज़र्स ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया.
फ़ैक्ट-चेक
आशुतोष दूबे ने अपने ट्वीट के थ्रेड में विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान कोट किया था. हमने उस बयान को सर्च किया तो पाया कि ऐसा बयान एस जयशंकर ने 2019 में दिया था. हमें न्यूज़ एजेंसी ANI का 20 दिसंबर 2019 का ट्वीट मिला जिसमें विदेश मंत्री ने प्रमिला जयपाल की कश्मीर पर रिपोर्ट के बारे में कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि उनकी रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर की स्थिति की उचित समझ है या भारत सरकार जो कर रही है उसका उचित वर्णन है. उन्हें प्रमिला जयपाल से मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
EAM S Jaishankar on reports that India cancelled meeting with US Congresswoman Pramila Jayapal over her report on Kashmir: Don’t think it(report) is fair understanding of situation in J&K or fair characterization of what Govt of India is doing. I have no interest in meeting her. pic.twitter.com/EkWFZcR1nr
— ANI (@ANI) December 20, 2019
प्रमिला जयपाल ने भी 2019 में ट्वीट करते हुए कहा था कि इस बैठक का रद्द होना बेहद विचलित करने वाला था. यह दर्शाता है कि भारत सरकार किसी भी असहमति को सुनने को तैयार नहीं है.
The cancellation of this meeting was deeply disturbing.
It only furthers the idea that the Indian government isn’t willing to listen to any dissent at all. https://t.co/EMeqIr05VJ
— Rep. Pramila Jayapal (@RepJayapal) December 19, 2019
19 दिसंबर 2019 को ‘द वाशिंगटन पोस्ट‘ ने रिपोर्ट किया था कि अमेरिकी सांसदों द्वारा कश्मीर में भारत सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाली एक कांग्रेस सदस्य को बाहर करने की मांग को अस्वीकार करने के बाद भारत के विदेश मंत्री ने कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों के साथ एक बैठक अचानक रद्द कर दी.
कुल मिलाकर, आशुतोष दूबे, राकेश कृष्णन समेत, News Riveting समेत कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा 2019 में प्रमिला जयपाल से मीटिंग रद्द करने की खबर को 2023 में ब्रेकिंग न्यूज़ बताकर शेयर किया. आशुतोष दूबे ने बाद में एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि कुछ लोग इस खबर को 2019 का बता रहे हैं.
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