कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर (पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी) के साथ कथित बलात्कार और हत्या के एक हफ़्ते बाद, उन परिस्थितियों के बारे में ऐसे कई सिद्धांत सार्वजनिक चर्चा में सामने आये हैं जिनमें उसकी हत्या की गई. युवा डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर सेमिनार रूम से मिला था. 13 अगस्त को जांच CBI को सौंपे जाने से पहले, संजय रॉय (31 साल), एक सिविक वालंटियर को कोलकाता पुलिस ने इस अपराध के मुख्य संदिग्ध के रूप में गिरफ़्तार किया था.

14 और 15 अगस्त की दरमियानी रात को इस भयानक अपराध के विरोध में और न्याय की मांग के लिए कोलकाता के अलग-अलग प्रमुख स्थानों पर भारी भीड़ जमा हो गई. उपद्रवियों ने आधी रात के बाद RG कर अस्पताल परिसर में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस पर पथराव किया. ये आर्टिकल लिखे जाने तक इस मामले में कम से कम 30 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

इसके तुरंत बाद, ये दावा सोशल मीडिया पर शेयर किया जाने लगा कि मामले में महत्वपूर्ण सबूतों को मिटाने के लिए सेमिनार रूम में तोड़फोड़ की गई थी. हमें 15 अगस्त की रात 1 बजकर 48 मिनट पर डॉक्टरों के बीच व्हाट्सऐप ग्रुप चैट का स्क्रीनशॉट मिला जब ये तोड़फोड़ जारी था. चैट में एक शख्स ने लिखा, ”सेमिनार रूम शायद जल गया है.” एक ने इसकी पुष्टि करते हुए लिखा, “हां. पूरी तरह.” देखते ही देखते ये स्क्रीनशॉट वायरल हो गया.

रात 2 बजकर 2 मिनट पर वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने ट्वीट किया, “#RGKarCollege का इमरजेंसी रूम जहां बलात्कार और हत्या हुई थी हिंसक भीड़ ने उसे नष्ट कर दिया है. इस समय तक पुलिस ने स्थिति को कुछ नियंत्रण में कर लिया था.”

17 अगस्त को, रिपब्लिक वर्ल्ड ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसका टाइटल था, “क्या दंगाइयों ने सबूत मिटाने के मकसद से RG कर सेमिनार रूम में तोड़फोड़ की? नया वीडियो सामने आया.”

जैसा कि ऊपर देखा गया है, टाइटल के आगे लिखे वाक्यों का हिंदी अनुवाद है, “एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है जो इस फ़ैक्ट पर संकेत देता है कि भीड़ ने जानबूझकर सबूत मिटाने के लिए सेमिनार रूम में तोड़फोड़ की थी.”

ये दावा सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया. कुछ फ़ेसबुक पोस्ट में भी यही दावा किया गया:

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कई X (ट्विटर) यूज़र्स ने भी आधी रात की हिंसा की तस्वीरें ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया.

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फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले, ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि कोलकाता पुलिस के ऑफ़िशियल X हैंडल ने पत्रकार बरखा दत्त के ट्वीट को कोट करते हुए बताया है, “अपराध स्थल सेमिनार रूम, बिल्कुल उसी अवस्था में है और उसे छुआ नहीं गया है.”

इस पर पत्रकार बरखा ने जवाब देते हुए लिखा कि उनका ट्वीट तथ्यात्मक रूप से सही था और उन्होंने ये दावा नहीं किया कि सेमिनार रूम को नष्ट किया गया है.

इसके बाद, हमने RG कर अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद अलग-अलग न्यूज़ आउटलेट्स की रिपोर्टिंग के फ़ुटेज चेक किये. NTT के स्वतंत्र पत्रकार तमाल साहा घटनास्थल पर गए और एक रिपोर्ट को लाइवस्ट्रीम किया जो उस वक्त शुरू हुई जब पुलिस स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रही थी.

लाइवस्ट्रीम में लगभग 42 मिनट पर पत्रकार अस्पताल की इमारत में प्रवेश करते हैं और उन गेटों को चेक करते हैं जिससे कोई ऊपर जा सकता है. तमाल साहा ने ज़िक्र किया कि उस वक्त समय 2 बजकर 30 मिनट हो रहा था. वो निजी सुरक्षा गार्ड्स से भी बात करते हैं. लगभग 58 मिनट के बाद, वो सीढ़ियों से ऊपरी मंजिलों पर जाते हैं. लाइव रिपोर्ट में दूसरी मंजिल पर एक स्टोर रूम का लकड़ी का दरवाजा टूटा हुआ और उसके फ्रेम से थोड़ा सा अलग दिखाया गया है. हालांकि, तीसरी (ये वही मंजिल है जहां सेमिनार रूम स्थित है) और चौथी मंजिल के दरवाजे वैसे ही हैं. ये वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है और पत्रकार ने भी जांच करते वक़्त ऐसा दावा किया है. उनके साथ मौजूद एक निजी सुरक्षा गार्ड ने पुष्टि की कि बदमाश ऊपरी मंजिलों तक नहीं पहुंच सके और वो कमरा बंद था.

ABP आनंद ने भी हमले के फ़ुटेज शेयर किए जहां कुछ अपराधियों को ये कहते हुए सुना जा सकता है, ‘चलो सेमिनार हॉल में चलते हैं.’ हालांकि, बुलेटिन में बताया गया है कि बदमाश सिर्फ दूसरी मंज़िल तक ही जा सके जो घटना स्थल, चेस्ट डिपार्टमेंट सेमिनार हॉल से एक मंजिल नीचे है. ABP आनंद पर पत्रकार संदीप सरकार की रिपोर्टिंग तमाल साहा की रिपोर्टिंग की पुष्टि करती है. ABP आनंद फ़ुटेज में दूसरी मंजिल का लकड़ी का दरवाजा टूटा हुआ दिख रहा है.

एबीपी आनंद के फ़ुटेज के उपर दिए गए स्क्रीनशॉट पर टिकर में बंगाली में लिखा है: “सेमिनार हॉल तीसरी मंजिल पर, बदमाश दूसरी मंजिल तक गए थे.”

ऑल्ट न्यूज़ के पास 16 अगस्त, 2024 को रात 11 बजकर 52 मिनट पर ली गई एक तस्वीर भी है. इस तस्वीर में सेमिनार रूम को बाहर से बंद, सील और ठीक हालत में देखा जा सकता है. इसमें पांच पुलिसकर्मी पहरा देते नज़र आ रहे हैं. हमने पुलिस सूत्रों के माध्यम से फ़ोटो तक पहुंच बनाई पर हमें इसे पब्लिश करने की अनुमति नहीं है.

ऑल्ट न्यूज़ ने RG कर अस्पताल के उसी विभाग के एक संकाय सदस्य से भी बात की. उन्होंने हमें बताया कि 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को हुई तोड़फोड़ से चेस्ट डिपार्टमेंट सेमिनार हॉल (घटनास्थल) को कोई नुकसान नहीं हुआ था.

कुल मिलाकर, वायरल दावा ग़लत है कि कोलकाता के RG कर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग का सेमिनार हॉल जहां डॉक्टर का शव मिला था, 14 और 15 अगस्त की रात को हुई तोड़फोड़ में जला दिया गया था.

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About the Author

Indradeep, a journalist with over 10 years' experience in print and digital media, is a Senior Editor at Alt News. Earlier, he has worked with The Times of India and The Wire. Politics and literature are among his areas of interest.