सुदर्शन न्यूज़ ने 3 जून को एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें कुछ लोग RT-PCR कोरोना टेस्ट किट बिना सैम्पल कलेक्ट किये भरते दिख रहे हैं. चैनल ने दावा किया कि वार्ड ब्वॉय ‘हसन’ कोरोना टेस्ट किट बिना इस्तेमाल किये फेंक रहा है. गौर करें कि वीडियो में 3 लोग दिखते हैं जिसमें से एक टेस्ट किट भर रहा है, दूसरा व्यक्ति टेस्ट किट की ट्यूब पर नाम लिख रहा है और तीसरा व्यक्ति टेस्ट किट भरने वाले व्यक्ति के पीछे बैठा है. सुदर्शन न्यूज़ ने इनमें से एक व्यक्ति का नाम हसन बताया है. (आर्काइव लिंक)
वार्ड बॉय “हसन” #COVID टेस्टिंग किट को बिना लोगों की जांच के ही तोड़ कर फेंकता हुआ.
बेहद मुश्किल दौर में हर किट प्रतीक है किसी की जीवन रक्षा का लेकिन हसन के मन मे आखिर है क्या ?@bastipolice @dmbas_ @CMOfficeUP @MoHFW_INDIA @drharshvardhan @AdgGkr @myogiadityanath @UPGovt pic.twitter.com/tHvqdNkneo
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) June 3, 2021
सुदर्शन न्यूज़ के CMD और एडिटर-इन-चीफ़ सुरेश चव्हाणके ने भी ये वीडियो हसन के नाम से ट्वीट किया है. (आर्काइव लिंक)
“हसन” वार्ड बॉय #COVID टेस्टिंग किट को तोड़ कर फेंकता हुआ, बिना लोगों की जांच के ही.
बेहद मुश्किल दौर में हर किट प्रतीक है किसी की जीवन रक्षा का लेकिन हसन के मन मे आखिर है क्या?@CMOfficeUP @MoHFW_INDIA @drharshvardhan @AdgGkr @myogiadityanath @UPGovt
pic.twitter.com/wwsTBEhYau— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) June 3, 2021
कुछ यूज़र्स ने सुदर्शन न्यूज़ का वीडियो ट्वीट किया है.
उप्र के बस्ती जिले में “हसन” वार्ड बॉय COVID टेस्टिंग किट को लोगो की बगैर जाँच किये तोड़ कर फेंकता हुआ !
किट तो मात्र प्रतीक है,
आप अंदाजा लगा सकते हो कि आखिर ये राक्षस कितना घातक इरादा रखता है ??इसके कुकृत्य पर FIR दर्ज़ हो चुकी है !#जाहिलयत pic.twitter.com/gdWmzqXzUK
— श्रीष त्रिपाठी 🇮🇳 (@Shrish_1987) June 3, 2021
फ़ेसबुक पर भी ये वीडियो वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मई को उत्तर प्रदेश के बस्ती से बिना सैम्पल लिए RT-PCR किट भर रहे 2 स्वास्थ्यकर्मियों का वीडियो वायरल होने के बाद उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की गई थी. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए ज़िला प्रशासन ने जांच का आदेश दिया था. रिपोर्ट में इन आरोपियों के नाम लैब टेक्नीशियन नीतेश कुमार और वार्ड ब्वॉय मोहम्मद हसन बताए गए हैं. ज़िला प्रशासन के आदेश पर चीफ़ मेडिकल ऑफ़िसर (CMO) डॉ. अनुज कुमार ने हसन को सस्पेन्ड कर दिया था. वहीं उन्होंने नीतेश का कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने के लिए डिस्ट्रिक्ट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (DUDA) को ख़त भी लिखा है.
PTI ने रिपोर्ट किया है कि ये घटना उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले के महरीपुर गांव के मंझरिया प्राइमेरी हेल्थ सेंटर में हुई थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि लैब टेक्नीशियन नीतेश कुमार किट खोलता है और बुज़ुर्ग व्यक्ति का सैम्पल लिए बिना उसे बंद कर देता है. वार्ड ब्वॉय हसन बुज़ुर्ग व्यक्ति की डिटेल्स फ़ॉर्म में भरता हुआ दिखता है.
बस्ती के डीएम ने ट्विटर पर लिखा कि इस मामले में 2 लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई है और तात्कालिक कार्रवाई करते हुए वार्ड ब्वॉय को सस्पेन्ड कर दिया गया है.
संबंधित प्रकरण में दोनों के विरुद्ध FIR दर्ज करते हुए सेवा समाप्ति की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है,जिसमें वार्ड बॉय को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए बर्खास्तगी की कार्यवाही प्रचलित कर दी गयी है।@CMOfficeUP @UPGovt @ChiefSecyUP @InfoDeptUP @GauravKSD https://t.co/J5mPBR3g3x
— DM BASTI (@dmbas_) June 2, 2021
ऑल्ट न्यूज़ ने स्थानीय पत्रकार से इस मामले में बात की. उसने बताया कि इस घटना के पीछे का मकसद अभी तक साफ़ नहीं हुआ है लेकिन FIR दर्ज होने के बाद दोनों को सस्पेन्ड कर दिया गया था.
अगर आप ध्यान से वीडियो देखेंगे तो एक व्यक्ति (जिसकी पहचान मीडिया रिपोर्ट में हसन के रूप में की गयी है) खाली ट्यूब उठाता है और उसमें मरीज़ का नाम लिखकर ट्यूब दूसरे व्यक्ति (जिसकी पहचान मीडिया रिपोर्ट में नीतेश के रूप में की गई है) को देता है. नीतेश ट्यूब में बिना सैम्पल वाला स्वैब डालता है. इसके अलावा, वीडियो में नीतेश के पीछे भी एक व्यक्ति दिखता है. लेकिन उसके बारे में मीडिया रिपोर्ट्स या FIR में कोई ज़िक्र नहीं है. SHO सदानंद पांडे ने हमें बताया कि FIR में 2 लोगों का नाम दिया गया है. वीडियो में हसन को पहली ट्यूब नीतेश को देने के बाद दूसरी ट्यूब हाथ में लेते हुए देखा जा सकता है. SHO ने बताया कि प्रारंभिक जांच में और भी कई लोगों के रिज़ल्ट से छेड़खानी करने की बात सामने आई है.
कुल मिलाकर, सुदर्शन न्यूज़ ने मामले के आरोपियों में से सिर्फ़ मुस्लिम वॉर्ड ब्वॉय का नाम चलाकर ख़बर को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की. सुदर्शन न्यूज़ पहले भी कई बार ऐसा किया है. पिछले महीने, नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन के मामले में 7 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. लेकिन सोशल मीडिया पर सिर्फ़ मुस्लिम आरोपियों के नाम शेयर किये गए थे.
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