पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठा के पैरोडी ट्विटर हैंडल @Nationallist_Om ने एक दाढ़ी वाले व्यक्ति की तस्वीर को साझा करते हुए दावा किया है कि मुस्लिम व्यक्ति विभिन्न जाति के नाम का प्रयोग करके झूठी IDs बनाते है और फिर सोशल मीडिया में जातीय टिपण्णी करते हैं, ताकि हिन्दुओं का बंटवारा कर सके। तस्वीर को साझा करने के लिए इस संदेश का प्रयोग किया जा रहा है –“साइबर जिहाद से सावधान! मुस्लिम लड़के दलित , ओबीसी और ब्राह्मण नाम की फेक id बनाकर फेसबुक पर कर रहे है जातिगत अभद्र टिप्पणी… ताकि हिंदुओं में आपसी फूट पैदा हो और मुसलमान अपने गज़वा ए हिन्द के लक्ष्य में कामयाब हो जायें”। इस लेख को लिखते समय तक Nationallist_Om के ट्वीट को करीब 3,000 से ज्यादा शेयर और 2,000 से अधिक बार रीट्वीट किया जा चूका है। (आर्काइव)

ट्वीट की गई इंफोग्राफिक तस्वीर में एक संदेश में कहा गया है –“यादव की ID बनाकर ब्राह्मण को गाली..ब्राह्मण की ID बनाकर दलित को गाली…असल में निकला “मोहम्मद अहमद जिहाद का नया पैंतरा #साईबर जेहाद’ हिंदुओं में फूट डालो”

संदेश में आगे दावा किया गया है कि हिमाचल पुलिस ने मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार किया है जिसने रामायण और गीता पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए फेसबुक पर एक फर्ज़ी आईडी बनाई थी। संदेश के मुताबिक,“हिमाचल: पुलिस ने किया मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार, फेसबुक पर हिन्दू नाम से ID बनाकर देता था रामायण”

[पढ़िए: पहले @Nationalist_Om द्वारा साझा की गई गलत जानकारिया 1,2,3 और 4]

इस दावे को फेसबुक पर भी साझा किया गया है।

इसे वास्तव में 2017 से सोशल मीडिया में साझा किया जा रहा है। पिछले साल इसे फेसबुक पेज योगी आदित्यनाथ की सेना द्वारा साझा किया गया था।

तथ्य जांच

ऑल्ट न्यूज़ पहले भी इस दावे की पड़ताल कर चूका है, जब योगी आदित्यनाथ की सेना ने इसे एक बड़े खुलासे के रूप में साझा किया था। हमने पाया था कि इस गलत सूचना को ज़ीशान-उल-हसन उस्मानी नामक एक व्यक्ति की तस्वीर के साथ साझा किया गया है, जो फेसबुक पर खुद को डेटा साइंस, ब्लॉकचेन और एआई कंसल्टेंट बताते हैं और वह पाकिस्तान से हैं। ये व्यक्ति ट्विटर पर भी हैं और योगी आदित्यनाथ की सेना द्वारा साझा की गई तस्वीर ज़ीशान के फेसबुक प्रोफाइल से पोस्ट की गई थी।

सितम्बर 2017 में भी यह दावा वायरल था, जिसे अंशुल सक्सेना और सोनम महाजन जैसे दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोगों द्वारा साझा किया गया था।

सक्सेना ने एक प्रेस नोट को साझा किया था, जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में मोहम्मद अहमद नाम के एक शख्स को ABVP के पूर्व जिला प्रभारी और हिंदू युवा वाहिनी के उपाध्यक्ष सुंदरम सिंह की तस्वीरों का इस्तेमाल करके फेसबुक पर एक फर्ज़ी आईडी बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। प्रेस नोट के मुताबिक, अहमद ने आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री को साझा करने के लिए इस आईडी का इस्तेमाल किया और सांप्रदायिक दंगा भड़काने के लिए रामायण और गीता पर अपमानजनक टिप्पणी भी की। यह वर्तमान में किये गए वायरल सोशल मीडिया पोस्ट जैसा ही है। हालांकि, यह ध्यान देने लायक है कि वायरल दावे में अहमद को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है जबकि प्रेसनोट के दावे में अहमद को उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार बताया गया है।

ट्विटर पर टाइम सर्च करने से, हमें पता चला कि इस प्रेस नोट को 27 सितम्बर, 2017 को हमीरपुर पुलिस द्वारा पोस्ट किया गया था।

इससे यह साफ होता है कि 2017 में पुलिस द्वारा एक मुस्लिम व्यक्ति को सोशल मीडिया में हिन्दू व्यक्ति के रूप में नफरतभरी टिपण्णी करने के आरोप में गिरफ्तार करने की घटना को सालों से अलग-अलग दावों और भ्रामक सूचनाओं के साथ साझा किया जा रहा है। यह एक अलग घटना थी, जिसे मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए साझा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, यह घटना उत्तर प्रदेश में हुई थी मगर कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ता इस घटना को किसी भी व्यक्ति के प्रोफाइल की तस्वीर के साथ इसे हिमाचल प्रदेश का बताकर साझा कर रहे हैं।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.