[चेतावनी: वीडियो के विज़ुअल्स कुछ लोगों के लिए परेशान करने वाले हो सकते हैं. पाठकों को अपने विवेक के इस्तेमाल से इसे देखने की सलाह दी जाती है]

एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. वीडियो में कुछ लोग लोहे की छड़ और डंडों से एक व्यक्ति पर हमला कर रहे हैं. इसे शेयर करते हुए सवाल पूछा गया है कि क्या राजस्थान के जोधपुर में इंटरनेट इसलिए बंद किया ताकि मुस्लिम खुलेआम हिंदुओं का “कत्ल” कर सके?

ये वीडियो ट्विटर पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है. (वीडियो का आर्काइव्ड लिंक)

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

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व्हाट्सऐप पर किए गए रिक्वेस्ट में से एक कैप्शन के मुताबिक, ये वीडियो बांग्लादेश का है जहां एक हिंदू नेता को कथित तौर पर इफ़्तार पार्टी में शामिल होने से मना करने पर पीटा गया था. इस दावे के साथ वीडियो ट्विटर पर भी वायरल है.

ट्विटर पर इसे शेयर करने वालों की लिस्ट में @UmaShankar2054, @KaranGu44058621, @mr_subodhkumar, @yogeshDharmSena, और @TheSachai शामिल हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ पहले ही इस दावे को ख़ारिज कर चुका है कि बांग्लादेश में एक अल्पसंख्यक हिंदू नेता को इफ़्तार पार्टी में शामिल होने से मना करने पर नहीं पीटा गया था. पूरी रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.

अब वायरल हो रहे वीडियो के बारे में बात करते हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने इसके फ़्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 1 मई की अमर उजाला की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, घटना हरियाणा के यमुनानगर गांव में हुई थी. आर्टिकल में पीड़ित व्यक्ति की पहचान सुल्तानपुर के एक ट्रक चालक कमलजीत के रूप में की गई है. रिपोर्ट में हमलावरों के बारे में बहुत कम जानकारी दी गई है. लेकिन इसमें लिखा है कि हमला व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण किया गया था और हमलावरों में से दो लोग कमलजीत के गांव के ही थे.

आगे की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट मिली. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, पीड़ित का पूरा नाम कमलजीत सिंह है. और उसकी मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, उसके चेहरे, हाथ और पैर पर गंभीर चोटें आई हैं.

पुलिस से बात करते हुए कमलजीत ने बताया कि करीब 10 दिन पहले कनिपला गांव के रिकी से पैसों के विवाद को लेकर उसकी फ़ोन पर कहासुनी हो गई थी. रिकी ने इस विवाद की वजह से उस पर हमला करने की योजना बनाई थी. हमले के दिन इशाक़ खान ने कमलजीत को गांव में डेयरी पर आने को कहा था.

कमलजीत ने बताया, “सुबह 11 बजे के आस-पास दो कारों में करीब 10 लोग आए. इन लोगों के पास लाठी, तलवार, लोहे के पाइप और धारदार हथियारें थी. रिकी हाथ में तलवार लिए हुए था. इन्हें देखकर मैंने दुकान से भागने की कोशिश की लेकिन वे लोग दुकान में घुस गए और मुझ पर हमला कर दिया. उन्होंने मेरे पैरों पर तलवारों से हमला किया और मुझे मारने की कोशिश में वे मुझे पीटते रहे. उन्होंने मेरे सिर पर भी हमला किया. मैं मदद के लिए चिल्लाया, जब लोग इकट्ठा होने लगे तो ये लोग मुझे जान से मारने की धमकी देते हुए अपनी कारों में बैठ कर भाग गए.”

यमुनानगर पुलिस ने ट्विटर पर बयान जारी कर बताया कि दो आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. एक कनिपाला निवासी रिकी और दूसरा खंडरा गांव निवासी इशाक़ है.

ऑल्ट न्यूज़ ने DSP प्रमोद कुमार से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि घटना का कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है. DSP ने कहा, “हमने आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया है और मामले का कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है. सोशल मीडिया पर किए गए दावे निराधार हैं. लोगों को इन पर ध्यान नहीं देना चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा, “सभी आरोपी और पीड़ित एक-दूसरे को जानते हैं, और किसी व्यक्तिगत विवाद पर बदला लेने के लिए ये हमला किया गया था. रिकी हिंदू जाट समुदाय से है. असल में, दोनों समुदाय के लोग थे.”

हमने सधौरा थाने के एक पुलिस अधिकारी से भी संपर्क किया जिन्होंने बताया कि अब तक कुल चार गिरफ़्तारियां की गई हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने FIR की कॉपी चेक की. इसमें पीड़ित कमलजीत ने खुद कहा है कि हमला पैसों के विवाद को लेकर हुआ था. इसके अलावा, व्हाट्सऐप पर पुलिस द्वारा शेयर किए गए एक प्रेस नोट में बताया गया है कि अपराध जांच एजेंसी (CIA) -1 ने दो और लोगों को गिरफ़्तार किया है – मंजिंद्र सिंह उर्फ ​​जिंद्रा और गुरु सेवक उर्फ़ ​​सेबी.

कुल मिलाकर हरियाणा के यमुनानगर में एक व्यक्ति को निजी दुश्मनी के चलते बेरहमी से पीटा गया. इस घटना का एक वीडियो ग़लत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हुआ कि मुसलमानों ने एक हिंदू लड़के की पिटाई की. आरोपी दोनों समुदायों से है और पीड़ित के मुताबिक मुख्य आरोपी रिकी है. पुलिस ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि रिकी हिंदू जाट समुदाय से है.

 

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