[डिस्क्लेमर: वीडियो में काफी हिंसा है. रिडर्स को अपने विवेक के इस्तेमाल से वीडियो देखने की सलाह दी जाती है.]

2022 के विधानसभा चुनावों में 10 मार्च को पंजाब में आम आदमी पार्टी की शानदार जीत हुई. इसे तख़्ता पलट के रूप में देखा जा सकता है. मुख्यमंत्री पद के लिए भगवंत मान 16 मार्च को शपथ लेंगे.

चुनाव के नतीज़े घोषित होने के बाद, भाजपा दिल्ली के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने एक वीडियो क्लिप पोस्ट की. वीडियो में हाईवे पर कुछ लोग एक व्यक्ति पर हमला कर रहे हैं. भीड़ में शामिल लोगों में से एक ने व्यक्ति को पत्थर से भी मारा. इसके बाद हमलावर वहां से भाग गए. वीडियो क्लिप में हमलावरों को पंजाबी में बात करते हुए सुना जा सकता हैं. नवीन कुमार जिंदल ने ट्वीट करते हुए लिखा, “पंजाब में गुंडा राज शुरू हो गया है.” इसे आर्टिकल लिखे जाने तक 15 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ मिले हैं. (आर्काइव लिंक)

फ़ेसबुक यूज़र तिलक पंडित ने 13 मार्च को ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘पंजाब में गुंडा राज शुरू हो गया है… अभी तो ये शुरुआत है RTO #ऑफ़िसर के साथ #केजरीवाल, #भगवंत मान के गुंडों ने खूनी खेल खेला.. यह आज की वीडियो है #पंजाब की… अभी तो शपथ भी नहीं ली शराबी #भगवंत मान ने तो यह हाल कर रहे हैं पंजाब का..” आर्टिकल लिखे जाने तक इस पोस्ट को करीब 2 हज़ार बार शेयर किया जा चुका हैं.

कई फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने ये वीडियो क्लिप शेयर की. (पहला लिंक, दूसरा लिंक) इस लिस्ट में सरकार समर्थक फ़ेसबुक पेज जैसे ‘सम्राट धना भारती जी के दीवाने‘ (2 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स) शामिल हैं. इस वीडियो को शेयर करने वाले एकाउंट्स की लिस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें.

वीडियो वेरिफ़िकेशन

ऑल्ट न्यूज़ ने पंजाब स्थित रोज़ाना के प्रवक्ता और फ़ैक्ट-चेकर भगवंत सिंह रूपल से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि कई लोगों ने 10 मार्च को ये वीडियो पंजाबी टेक्स्ट ‘ਪੰਜਾਬ RTO ਪਠਾਨਕੋਟ ਵਿੱਚ RTO ਨਾਲ ਲੜਾਈ ‘ के साथ पोस्ट किया था. इसका मोटे तौर पर अनुवाद है – “पंजाब RTO पठानकोट में RTO के साथ लड़ाई.”

CrowdTangle पर सर्च करके हमने देखा कि इस वीडियो क्लिप को इस कैप्शन के साथ शेयर करने वाले पहले पेजों में से एक ‘इंडियन ट्रक ड्राइवर‘ नाम का पेज है.

हमने पंजाब के कई पत्रकारों से बात की. उनमें से एक ने नाम उजागर न करने की शर्त पर ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “मैंने पठानकोट में इस मामले से संबंधित पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की थी. उन्होंने मुझे बताया कि ये घटना पंजाब के होशियारपुर ज़िले के हाजीपुर में हुई है.

उन्होंने हमारा हाजीपुर थाने के SHO पंकज शर्मा से संपर्क कराया. फ़ोन कॉल पर हुई बातचीत में पंकज शर्मा ने कहा, “इस वीडियो को सोशल मीडिया पर ग़लत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. ये पठानकोट का नहीं बल्कि हाजीपुर का है. घटना 5 मार्च के आसपास पुलिया रोड पर हुई थी. दो दिन बाद हमने FIR दर्ज की थी. अभी तक 4 लोगों को ग़िरफ्तार किया जा चुका है. जहां तक ​​पीड़ित की बात है तो वो हमले में बाल-बाल बच गया है.”

भगवंत सिंह रूपल ने हाजीपुर पुलिस स्टेशन से FIR हासिल की. यूपी के बिजनौर ज़िले में चांदपुर शहर के हिनराखेड़ी थाना के निवासी रवि कुमार के पुत्र सुरिंदर सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है. FIR के अनुसार, सुरिंदर सिंह एक बोलेरो में कुलियां लुबाना गांव से गुज़र रहे थे, तभी मुकेरिया के बटाला थाना के महमूदपुर निवासी मिल्खा सिंह के पुत्र दिलजीत सिंह उर्फ़ ​​काला ने उन पर हमला कर दिया. दिलजीत कुछ और लोगों के साथ एक इनोवा में सवार थे. इन लोगों ने सुरिंदर के साथ मारपीट की. उन्होंने उनकी कार में भी तोड़फोड़ की. उनमें से एक ने सुरिंदर के सिर पर पत्थर से वार किया और वो एक खेत में बेहोश हो गए.

FIR के आरोपियों में दिलजीत के अलावा अजय कुमार, बंटी, शांति और 5 अनजान लोगों के नाम शामिल हैं. उन पर IPC की धारा 307 [हत्या का प्रयास], 323 [स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सज़ा], 324 [खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना], 427 [पचास रुपये तक की राशि का नुकसान], 148 [दंगा, घातक हथियार के साथ हथियारबंद], 149 [गैरकानूनी समूह के सभी सदस्य एक साथ अपराध के दोषी], और 506 [आपराधिक धमकी के लिए सज़ा] लगाई गई है.

ऑल्ट न्यूज़ ने भगवंत सिंह रूपल की मदद से सुरिंदर सिंह से भी बात की. उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “मैं एक माइनिंग कंपनी में सिक्यूरिटी सुपरवाइज़र के रूप में काम करता हूं. मुझे ये नौकरी 4 महीने पहले मिली थी. मेरा काम हमारे परिसर से गुज़रने वाले सभी वाहनों के चालान की जांच करना है. हमलावरों के पास एक डॉक्यूमेंट नहीं था. इस बात को लेकर काफी बहस हुई और बाद में बात लड़ाई तक पहुंच गई.” ये पूछे जाने पर कि क्या लड़ाई राजनीतिक वजहों से हुई थी तो सुरिंदर सिंह ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं था .

कुल मिलाकर, पंजाब के हाजीपुर में एक व्यक्ति के साथ मारपीट करने वाले कुछ लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि ये घटना AAP के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद हुई थी. पंजाब पुलिस और पीड़ित दोनों ने इस दावे को ग़लत बताया. इसके अलावा, चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए गए थे. जबकि ये घटना 5 मार्च को हुई थी.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.