सोशल मीडिया पर 1 मिनट 25 सेकंड का एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है. वीडियो में इस्लाम धर्म से जुड़ी टोपी पहने कुछ लोग एक ख़ाकी वर्दी पहने व्यक्ति को मार रहे हैं. वीडियो में कुछ लोग बोल रहे हैं कि इस व्यक्ति ने दारू पी हुई है. दावा है कि ओल्ड सिटी हैदराबाद में मुस्लिम समुदाय के लोग एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट कर रहे हैं. ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर इस वीडियो की पड़ताल के रिक्वेस्ट आये हैं.
फ़ेसबुक पेज ‘రాజశేఖర్ కట్టర్ హిందూ’ ने ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
ఓల్డ్ సిటీలో ఇప్పుడు పోలీసుల పరిస్థితి ఇది. తరువాత హిందువుల పరిస్థితి ఏంటిది
Posted by రాజశేఖర్ కట్టర్ హిందూ on Thursday, 3 December 2020
फ़ेसबुक पेज ‘BJP Mahender Chowkidhar’ ने ये वीडियो पोस्ट किया. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
ఓల్డ్ సిటీలో ఇప్పుడు పోలీసుల పరిస్థితి ఇది. తరువాత హిందువుల పరిస్థితి ఏంటిది
Posted by BJP Mahender Chowkidhar on Thursday, 3 December 2020
कई फ़ेसबुक ग्रुप में ये वीडियो शेयर किया गया है. वीडियो शेयर करते हुए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सरकार पर निशाना साधा गया है.
फ़ैक्ट-चेक
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें ये वीडियो 13 नवंबर 2020 की दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में मिला. आर्टिकल में इसे अजमेर दरगाह बाज़ार में हुई घटना का बताया गया है. रिपोर्ट में जिस व्यक्ति को मारा जा रहा है उसकी पहचान एक आरएसी जवान के रूप में की गई है. नवभारत टाइम्स ने भी इस वीडियो के बारे में एक आर्टिकल पब्लिश किया है.
इस घटना से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने अजमेर के एसपी कुंवर राष्ट्रदीप से बात की. उन्होंने बताया, “इस मामले में जांच चल रही है. प्रथम दृष्टया ये बात सामने आई है कि जिस व्यक्ति को वीडियो में पीटा गया, वो एक आरएसी का जवान था. वो उस वक़्त नशे में था. उसने किसी ज़ायरीन (हज करने वाले यात्री) के साथ बदतमीज़ी की थी जिसके बाद लोगों ने उत्तेजित होकर उसकी पिटाई की थी. इस मामले में आरएसी जवान की गलती पाई गई है, जिस कारण उसे सस्पेन्ड कर दिया गया है. उसके साथ मारपीट करने वाले लोगों ने जवान के खिलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई है. वहीं आरएसी जवान ने भी मारपीट का आरोप लगाते हुए कुछ लोगों के खिलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई है. दोनों केस में जांच चल रही है. आरएसी जवान के नशे में होने की बात कुछ हद तक सही पाई गई जिस वजह से उसे सस्पेन्ड कर दिया गया है.” आगे एसपी बताते हैं कि इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं पाया गया है.
इस तरह, अजमेर दरगाह के किसी हज यात्री से बदतमीज़ी करने के आरोप तले एक आरएसी जवान की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर झूठे सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया गया. इसे हैदराबाद का बताकर टीआरएस पर निशाना साधा गया.
हालिया किसान प्रदर्शन के बारे में फैलाई गयीं कुछ अन्य ग़लत जानकारियों के बारे में जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ का ये वीडियो देखें.
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