30 मई के आस-पास कई ट्विटर यूज़र्स ने 1 मिनट लंबा वीडियो पोस्ट किया जिसमें देखा जा सकता है कि एक आदमी दूसरे को कार के सामने थप्पड़ मार रहा है, उठक-बैठक करवा रहा है और कार के बोनट पर से उसे थूक चटवा रहा है.

वायरल वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “हिंदू का थूक चाटने को मजबूर किया जा रहा मुस्लिम शख्स, संभवतः रमज़ान में उसका रोज़ा तोड़वाने के लिए.” ट्विटर यूज़र @BurpingI ने इस कैप्शन के साथ वीडियो पोस्ट किया है जिसे 10,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. हिंसक और विचलित करने वाला विज़ुअल होने के कारण ऑल्ट न्यूज़ इस लेख में इसे नहीं लगा रहा है. पाठक वीडियो यहां देख सकते हैं. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया और इससे जुड़े कई रिज़ल्ट सामने आए. यही वीडियो टीवी9 गुजराती के यूट्यूब चैनल पर 7 अप्रैल को पब्लिश किया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना सूरत के लिम्बायत इलाके की है. ब्रॉडकास्ट के दौरान रिपोर्टर पारुल ने बताया कि जो व्यक्ति दूसरे को थप्पड़ मार रहा है उसका नाम सलमान है. ABP गुजराती के द्वारा पब्लिश की गई वीडियो रिपोर्ट में भी यही बात कही गई.

8 अप्रैल को इस घटना के बारे में दैनिक भास्कर और दिव्य भास्कर ने भी ख़बर छापी थी. ख़बरों के मुताबिक सलमान ने हिंसक व्यवहार किया क्योंकि वह नहीं चाहता था कि विक्टिम रमज़ान नाम के शख्स के ख़िलाफ़ गवाही दे. यह वीडियो के 38वें सेकेंड पर सुना भी जा सकता है. विक्टिम को लगातार थप्पड़ मारने के दौरान सलमान कहता है, “क्या अब तू रमज़ान का नाम लेगा? मैं (तुझे) SCP के पास ले चलूं? क्या तू रमज़ान का नाम लेगा? चल कपड़े उतार. तुझे नंगा करके परेड कराऊं?” सम्भवतः ‘रमज़ान’ नाम की वजह से उस अफवाह को हवा मिली कि इसका रमज़ान त्योहार से कोई सम्बंध है.

दिव्य भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो में दिख रही कार सूरत नगर निगम के वन विभाग की थी. कार पर ‘SMC’ लिखा हुआ देखा जा सकता है. दिव्य भास्कर की ख़बर में ये भी कहा गया है कि लिम्बायत पुलिस इंस्पेक्टर। VM मकवाना ने कहा है आरोपी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की जाएगी. ऑल्ट न्यूज़ ने मकवाना से बात की तो उन्होंने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है. “वीडियो में दिख रहे दोनों लोग मुस्लिम समुदाय के हैं, इसलिए सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा निराधार है कि मुस्लिम शख्स को हिंदू के द्वारा पीटा गया और उसका थूक चाटने को मजबूर किया गया.” आरोपी और पीड़ित दोनों एक ही समुदाय के हैं.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.