एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें एक कमरे में दो लोग आपस में लड़ते हुए दिखाई देते हैं. एक व्यक्ति लाठी से दूसरे की पिटाई कर रहा है. वहीं पास खड़े कई लोग इसे देख रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये घटना ज़िला न्यायालय यमुनानगर, हरियाणा का है जहां एक व्यक्ति ने न्याय से असंतुष्ट होकर न्यायालय में न्यायाधीश को पीटना शुरू कर दिया.
अक्सर फ़र्ज़ी ख़बर फैलाते हुए पाए जाने वाले भाजपा समर्थक जितेंद्र प्रताप सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि हरियाणा के यमुनानगर जगाधरी में एक शख्स डिस्टिक कोर्ट में जज को ही पीट दिया क्योंकि वह न्याय से संतुष्ट नहीं था. (आर्काइव लिंक)
यमुनानगर जगाधरी हरियाणा
एक शख्स डिस्टिक कोर्ट में जज साहब को ही मारने लगा क्योंकि वह न्याय से संतुष्ट नहीं था pic.twitter.com/dkV3koxYFe
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) August 18, 2024
इसी प्रकार Omniscient Chautala नाम के पैरोडी अकाउंट ने भी वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
हमने वीडियो को स्लो मोशन में देखा तो पाया कि कमरे के बाहर एक बोर्ड लगा है जिसपर साफ-साफ पूरा दिखाई नहीं देता, लेकिन उसपर ‘नोटरी’, कोर्ट, और जगाधरी जैसे शब्द साफ दिखाई दे रहे हैं. हमने इस बारे में और जानकारी जुटाने के लिए की-वर्डस सर्च किया. हमें मामले से जुड़ा एक आर्टिकल दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर पब्लिश्ड मिला. इस रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के जगाधरी कोर्ट में टाइपिस्ट रवि प्रताप और मुंशी रमेश चंद के बीच हाथापाई हुई थी. ये विवाद 650 रूपये को लेकर हुआ था जिसमें रमेश चंद ने बताया कि उसने टाइपिस्ट रवि प्रताप से क्लेम टाइप करवाया था. सेक्टर 17 थाना की पुलिस ने इसको लेकर मामला दर्ज कर लिया है. यानी, वीडियो में पिटते हुए दिख रहा शख्स न ही न्यायधीश है और न ही ये मामला न्याय को लेकर असंतुष्टि से जुड़ा है.
इस मामले को लेकर दैनिक भास्कर ने एक वीडियो रिपोर्ट भी किया है.
दास्तान-ए-हरियाणा ने भी अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो पोस्ट करते हुए इसे टाइपिस्ट और मुंशी के बीच विवाद बताया है.
कुल मिलाकर, सोशल मीडिया यूजर्स हरियाणा के जगाधरी कोर्ट में टाइपिस्ट और मुंशी के बीच पैसों को लेकर हुए विवाद का वीडियो झूठे दावे के साथ शेयर कर रहे हैं कि एक व्यक्ति ने न्याय से असंतुष्ट होकर न्यायालय में न्यायाधीश को पीटना शुरू कर दिया.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.