कोलंबिया विश्वविद्यालय में रंजनी श्रीनिवासन नाम की एक भारतीय PHD स्कॉलर ने पिछले सप्ताह अमेरिकी सरकार द्वारा अचानक वीज़ा रद्द कर दिए जाने के बाद खुद ही डिपोर्ट हो गईं. इस घटना पर रिपोर्ट आने के कुछ ही घंटों के भीतर एक प्रदर्शन में फ़िलिस्तीन के पक्ष में हिंदी में नारे लगाती एक महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. दावा किया जाने लगा कि फ़ुटेज में दिख रही महिला रंजनी श्रीनिवासन हैं. वीडियो में महिला साथी प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करते हुए “आज़ादी” के नारे लगाते हुए दिखती है.
14 मार्च को अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम द्वारा X पर एक वीडियो शेयर करने के बाद कई मीडिया हाउसों ने रंजनी के अमेरिका छोड़ने की सूचना दी. क्रिस्टी नोएम ने लिखा था, “जब आप हिंसा और आतंकवाद की वकालत करते हैं तो उस विशेषाधिकार को रद्द कर दिया जाना चाहिए और आपको इस देश में नहीं रहना चाहिए. मुझे ये देखकर खुशी हुई कि कोलंबिया विश्वविद्यालय के आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वालों में से एक स्वयं निर्वासन के लिए सीबीपी होम ऐप का इस्तेमाल किया.”
अगले दिन, मोजो स्टोरी (@themojostory) ने नारे लगाने वाली महिला की पहचान रंजनी श्रीनिवासन के रूप में करते हुए X पर एक वीडियो कोलाज शेयर किया. (आर्काइव)
#WATCH | Who is Ranjani Srinivasan? The Indian student at Columbia who self-deported from the USA after her visa was revoked, days after Mahmoud Khalil’s arrest for pro-Palestine protests. #RanjaniSrinivasan #ColumbiaUniversity #Palestine #Israel #Trump #India pic.twitter.com/xvpO7FCviK
— Mojo Story (@themojostory) March 15, 2025
मोजो स्टोरी ने इस मुद्दे पर एक फ़ुल-लेंथ शो किया जो यूट्यूब पर मौजूद है. नारेबाज़ी का वीडियो 15 मिनट 8 सेकेंड के बाद से स्क्रीन पर चलाया गया.
द पैम्फ़लेट नामक एक यूट्यूब चैनल के 1 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं और जो खुद को “नए युग का डिजिटल मीडिया” बताता है. इस चैनल ने रंजनी श्रीनिवासन पर एक वीडियो रिपोर्ट जारी की जिसमें उन्हें हमास समर्थक बताया गया और कहा गया कि वो अपने किए का फल भुगत रही हैं. 36 सेकंड पर चैनल ने वायरल वीडियो में दिख रही महिला की पहचान रंजनी श्रीनिवासन के रूप में की.
X यूज़र पल्लवी सीटी (@pallavict) ने भी वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ये रंजनी श्रीनिवासन हैं” और फ़िलिस्तीन समर्थक नारों के कारण उनका वीजा रद्द कर दिया गया था. (आर्काइव)
This is Ranjani Srinivasan,
PhD scholar at Columbia Univ,USAHer visa was revoked becoz of her
Azadi for Palestine slogansNow will Stalin & Vijay support this Tamilian 4 her political stand or berat her 4 sloganeering in Hindi?
Catch 22 situation?😂pic.twitter.com/0vz8vLtYdk
— PallaviCT (@pallavict) March 15, 2025
ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी ऐसे ही दावों के साथ शेयर किया गया था.
फ़ैक्ट-चेक
शुरुआत में हमने देखा कि वायरल वीडियो में दिखने वाली महिला और रंजनी श्रीनिवासन दोनों की शक्ल में काफी अंतर है. वे बिल्कुल भी एक जैसे नहीं लगतीं. नीचे वीडियो के दो फ़्रेमों के बीच तुलना की गई है जहां महिला का चेहरा साफ तौर पर दिखाई दे रहा है और रंजनी की एक तस्वीर है जो हमें न्यूयॉर्क टाइम्स के एक आर्टिकल से मिली है:
इसके बाद ऑल्ट न्यूज़ ने ये पता लगाने की कोशिश की कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला कौन थी. और हम स्वतंत्र रूप से उसकी पहचान कर पाए. उस महिला को व्यक्तिगत रूप से जानने वाले कई सोर्स ने हमें उसकी पहचान की पुष्टि की है. हमने अपने सोर्स से जो पता किया उसे पुख्ता करने के लिए महिला के उपलब्ध सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल को भी चेक किया. ये रंजनी श्रीनिवासन नहीं हैं. हम वीडियो में दिख रही महिला के बारे में ज़्यादा जानकारी का खुलासा नहीं कर सकते.
वायरल वीडियो पर अल जज़ीरा का लोगो दिख रहा है. अल जज़ीरा का X टाइमलाइन देखने पर मालूम चला कि उन्होंने वीडियो 23 अप्रैल, 2024 को शेयर किया था.
A video showing protesters at Columbia University expressing support for Palestine and chanting the Kashmiri slogan ‘azaadi’, meaning ‘freedom’, has sparked debate and discussion. pic.twitter.com/Zx24ZiN1uY
— Al Jazeera English (@AJEnglish) April 23, 2024
हमें अप्रैल 2024 की अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट भी मिली. रिपोर्ट में वीडियो को कोलंबिया विश्वविद्यालय में 19 अप्रैल के प्रदर्शन के फ़ुटेज के रूप में शेयर किया गया था. रिपोर्ट में लिखा है, “फ़िलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने जब इस उर्दू नारे का इस्तेमाल किया तो हड़कंप मच गया. कुछ लोगों ने इसे परिसर में यहूदी-विरोध का उदाहरण बताया.”
करीब से जांच करने पर, हमने देखा कि न्यूज़ आउटलेट ने कोलंबिया यू कैंपस (@CampusJewHate) पर डॉक्यूमेंटिंग ज्यू हेट्रेड नाम के एक X अकाउंट को क्रेडिट दिया था. एक कीवर्ड सर्च से हमें असली वीडियो मिला, जिसे 20 अप्रैल, 2024 को शेयर किया गया था. इस ट्वीट में बरनार्ड कॉलेज को टैग किया गया था जो कोलंबिया विश्वविद्यालय का एक संबद्ध कॉलेज है. इसे ध्यान में रखते हुए, कीवर्ड सर्च से हमें 19 अप्रैल की घटना पर कुछ भारतीय मीडिया की रिपोर्ट्स भी मिलीं.
‘अमेरिका में भी नहीं’
ऑल्ट न्यूज़ ने रंजनी श्रीनिवासन से संपर्क किया.
वीडियो के साथ वायरल दावों को ग़लत कहते हुए, रंजनी ने हमें बताया कि वे 5 अगस्त, 2023 से 22 अप्रैल, 2024 तक अमेरिका में नहीं थीं, इस दौरान वे चेन्नई और बेंगलुरु की फ़ील्ड-वर्क यात्रा पर थीं. रंजनी ने 19 अप्रैल, 2024 को अमेरिका में नहीं होने के अपने दावे के समर्थन में ऑल्ट न्यूज़ के साथ सबंधित उड़ान टिकट भी शेयर किए.
जब ऑल्ट न्यूज़ ने रंजनी से बात की, तो हमने नोटिस किया कि उनकी हिंदी में दक्षिण भारतीय मूल का असर था और उनकी हिंदी में उतनी सहजता नहीं थी जितनी वायरल वीडियो में ‘आज़ादी’ के नारे लगाने वाली महिला की थी.
कुल मिलाकर, वायरल वीडियो में आज़ादी के नारे लगा रही महिला रंजनी श्रीनिवासन नहीं हैं. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने उनकी ग़लत पहचान की है. मीडिया आउटलेट मोजो स्टोरी ने भी बिना वेरिफ़ाई किए रंजनी के बारे में अपनी रिपोर्ट में इस वीडियो का इस्तेमाल किया.
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