(नोट: इस आर्टिकल के लेखक प्रोफेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स से जुड़े हैं.)

हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में सफेद शर्ट में एक व्यक्ति राइफल से गोली चला रहा है. कई लोगों ने इसे शेयर करते हुए कहा कि ये बजरंग दल का कार्यकर्ता है.

ज़ी न्यूज़ ने रिपोर्ट में दावा किया की हाथों में हथियार लिए दिख रहे लोग सिविल ड्रेस में पुलिसवाले हैं. इस रिपोर्ट में ज़ी न्यूज़ ने सिविल ड्रेस में कुल तीन लोगों को हाथों में हथियार लिए हुए दिखाया. इसमें से दो के हाथ में ऑटोमैटिक हथियार है जबकि सफेद शर्ट में फायरिंग कर रहे आदमी के हाथ में बोल्ट-एक्शन राइफल है. ज़ी न्यूज़ ने सफेद शर्ट वाले इस व्यक्ति का फायरिंग करते हुए वीडियो चलाया और दावा किया कि वो शख्स बजरंग दल का कार्यकर्ता नहीं बल्कि एक पुलिसवाला है. ज़ी न्यूज के रिपोर्टर ने कहा कि हरियाणा पुलिस की एडीजी ममता सिंह के साथ कई पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में थे. बाद में ज़ी न्यूज़ ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया. (आर्काइव लिंक)

फैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि दो सिविल ड्रेस में हाथों में हथियार लिए व्यक्ति के हाथ में गैस-ऑपरेटेड ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल है जो भारत के आम नागरिक के लिए अधिकृत नहीं है. जबकि सफेद शर्ट में जो व्यक्ति वीडियो में फायरिंग कर रहा है उसके हाथ में लाइसेंस के साथ आम नागरिक के लिए अधिकृत 0.315″ बोल्ट-एक्शन स्पोर्टिंग राइफल थी जिसके वुडन स्टॉक को रिप्लेस कर सिंथेटिक स्टॉक लगाया गया था. लाइसेंस होल्डर सिविलियन आमतौर पर हथियार के बट को मोड़ने, वाहन में कम जगह लेने और उसे आधुनिक दिखाने के लिए हथियार को मोडिफ़ाई करवाते हैं. ध्यान देने लायक बात ये भी है की पुलिसकर्मियों को उनके मन मुताबिक हथियार मोडिफ़ाई करने की अनुमति नहीं होती है. असल में सफेद शर्ट में फायरिंग करते हुए शख्स के हाथ में एक सिविल ट्रेड हथियार है जिसे लाइसेंस के साथ कोई भी भारतीय नागरिक खरीद सकता है. जबकि वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मी के हाथ में ऑटोमैटिक अत्याधुनिक हथियार थे जिसे ज़ी न्यूज की रिपोर्ट में भी देखा जा सकता है.

हमने इस मामले पर हरियाणा पुलिस की ADG ममता सिंह से बात की. सिविल ड्रेस वाले मुद्दे पर उन्होंने बताया कि माहौल बिगड़ने पर वहां कई ज़िलों की पुलिस आयी. ज़िले की पुलिस, आईआरबी (इंडियन रिजर्व बटालियन), क्राइम यूनिट, सीआईए (क्राइम इन्वेस्टगेशन एजेंसी) की यूनिट आयी थी. उन्होंने बताया कि क्राइम और सीआईए की यूनिट सिविल ड्रेस में होती है. सफेद शर्ट में फायरिंग कर रहे व्यक्ति के वीडियो के बारे में उन्होंने बताया कि उनके पास ये वीडियो आया है जिसकी जांच करने के लिए उन्होंने इसे नूंह (पुराना नाम मेवात) के SP को ट्रांसफर कर दिया है. उन्होंने कहा कि नूंह SP से उन्होंने जवाब मांगा है कि ये व्यक्ति कौन है, इसके पास लीगल हथियार है या अवैध हथियार है, और इसने किस कैपेसिटी में गोली चलाई. उन्होंने कहा कि ज़ी न्यूज़ को उन्होंने इस व्यक्ति के बारे में नहीं कहा कि वो पुलिसवाला है. बल्कि ज़ी न्यूज़ ने उनसे पूछा था कि क्या सिविल ड्रेस में पुलिस मौजूद थी, इसपर उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर क्राइम यूनिट और सीआईए यूनिट सिविल ड्रेस में मौजूद थी.

सफेद शर्ट में दिख रहा शख्स बजरंग दल से जुड़ा अशोक बाबा है

इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में अशोक बाबा ने कबूला कि वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स वो स्वयं है और उसने ही मंदिर के परिसर से फायरिंग की थी. उसने ये भी कहा कि वो गौ रक्षक है.

बजरंग दल फरीदाबाद से जुड़ा है अशोक बाबा.

हमें बजरंग दल फरीदाबाद का 2022 का एक लेटर मिला जिसपर अशोक बाबा के नाम के साथ उसका पद गौ रक्षा प्रमुख लिखा है. यानी कि अशोक बाबा बजरंग दल से जुड़ा हुआ है.

हमें अशोक बाबा के फेसबुक प्रोफाइल पर 22 जून 2023 को पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला जिसमें वो कह रहा है कि वो बजरंग दल फरीदाबाद का विभाग संयोजक है.

यानी कि नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा में सिविल ड्रेस में भी पुलिसवाले तैनात थे. लेकिन, ज़ी न्यूज़ ने फायरिंग करते हुए बजरंग दल से जुड़े अशोक बाबा का वीडियो चलाते हुए झूठा दावा किया कि वो भी पुलिसवाला है.

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