एक ट्विटर यूजर गिरीश भारद्वाज (Girish Bharadwaja), जो खुद को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का सदस्य बताते हैं और जिन्हें रेल मंत्री पियुष गोयल के कार्यालय का ट्विटर अकाउंट फॉलो करता है, ने 28 अक्टूबर को ट्वीट किया- “शांति प्रेमियों द्वारा कर्नाटक के तुमाकुरु में सांड पर एसिड हमला। क्या सिकुलर इसकी निंदा करेंगे? इस पर पेटा अधिनियम? – (अनुवादित)“
सोशल मीडिया में मुस्लिम समुदाय के लिए हिंदुत्व हैंडल्स द्वारा “शांति प्रेमियों” शब्दों का उपयोग आम है।
भारद्वाज के ट्वीट को रीट्वीट करने वाले 1,800 से अधिक लोगों में शेफाली वैद्य भी थीं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं। इस दावे को रीट्वीट करने वाले कई अन्य लोगों को पियुष गोयल का कार्यालय फॉलो करता है (1, 2, 3)।
पियुष गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किए जाने वाले एक अन्य ट्विटर हैंडल, नेशन फर्स्ट पिंकू (Nation First Pinku) (@imPK_Lucknowi), ने ट्वीट किया कि “शांति प्रेमियों” ने “तुमाकुरु” में एक सांड पर एसिड हमला किया।
यही दावा फेसबुक पर भी व्यापक था; यूजर प्रेम कपूर और चंद्रकांथ लिंगायत ने वही तस्वीरें प्रसारित कीं और उनकी पोस्ट के संयुक्त रूप से लगभग 1300 से ज्यादा शेयर हुए है। तस्वीरों को ‘वी सपोर्ट रिपब्लिक’ (We Support Republic) नामक समूह पर भी प्रसारित किया गया।
एक फेसबुक पेज सिक्किम टुडे (Sikkim Today) ने इस दावे को तोड़-मरोड़कर यह कहते हुए पेश किया की सांड पर “तुमाकुरु में अवैध बांग्लादेशियों” ने हमला किया था। फेसबुक और ट्विटर पर वायरल सभी पोस्ट में एक ही संदेश है (सिक्किम टुडे के अपवाद के साथ), जो इस संदेश के व्हाट्सएप पर प्रसारित होने की संभावना का संकेत देता है।
सांड पर अज्ञात बदमाशों ने हमला किया
सोशल मीडिया में वायरल तस्वीरों को फेसबुक यूजर हरीश कुमार द्वारा शेयर किया गया था। यह घटना “तुमाकुरु” में होने के वायरल दावों से अलग, उनकी पोस्ट में कहा गया था कि कुछ “बदमाशों” ने अरालेपेट, तुमकुर में सांड पर एसिड हमला किया (यह पोस्ट अब हटा दिया गया है)।
ऑल्ट न्यूज़ ने हरीश कुमार से संपर्क किया जिन्होंने बताया कि उन्हें इस घटना में शामिल अपराधियों की जानकारी नहीं थी। घायल सांड तुमकुर की सड़कों पर घूम रहा था तो कुमार और उनकी टीम ने उन्हें देखा था। उसे पशु चिकित्सा अस्पताल ले जाने के बाद, उन्होंने जाना कि सांड पर एसिड से हमला किया गया था। यह घटना पिछले हफ्ते हुई थी और सांड अब ठीक हो रहा है।
ऑल्ट न्यूज़ ने तुमकुर शहर पुलिस स्टेशन से भी पता लगाने के लिए संपर्क किया कि क्या किसी को इस अपराध के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। मगर पुलिस इस घटना से अनजान थी।
गिरीश भारद्वाज और भाजपा से उनकी निकटता
ट्विटर यूजर गिरीश भारद्वाज जिन्होंने सोशल मीडिया में अफवाहों को जन्म दिया, भारतीय जनता पार्टी के करीब है (या उनकी ऑनलाइन गतिविधियां ऐसा सुझाव देती हैं)। न केवल पियुष गोयल का कार्यालय भारद्वाज को ट्विटर पर फॉलो करता है, बल्कि उनकी फेसबुक प्रोफाइल भी शीर्ष भाजपा नेताओं में उनकी लोकप्रियता दिखलाती है।
इसके अलावा, उनकी ट्विटर गतिविधियों की खोजबीन से ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वह सेवा भारती से भी जुड़े हुए हैं।
पशु क्रूरता के एक मामले को, जिसमें अपराधियों की पहचान अभी बाकी है, सत्ताधारी पार्टी के करीब एक व्यक्ति द्वारा सांप्रदायिक रंग दिया गया था। पहले भी, ऑल्ट न्यूज़ ने कई उदाहरण बताए हैं, जिनमें पीएम मोदी समेत भाजपा नेताओं द्वारा फॉलो किए जाने वाले ट्विटर यूजर्स ने गलत जानकारी, कई बार अपमानजनक भाषा के साथ, प्रसारित की है।
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