लखीमपुर हिंसा का बताकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है जिसमें 3 गाड़ियां कथित रूप से लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर से गुज़रते हुए दिख रही हैं. वीडियो में महिंद्रा थार और टॉयोटा फ़ॉर्च्यूनर गाड़ी दिखती हैं. इस घटना में 4 किसानों की मौत हो गयी थी. घायल प्रदर्शनकारियों और चश्मदीदों ने आरोप लगाया कि थार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा (मोनू) था. वहीं अजय मिश्रा ने दावा किया था कि घटनास्थल पर वो और उनका बैटा मौजूद ही नहीं था. कई मीडिया संगठनों ने भाजपा का समर्थन करते हुए किसानों पर आरोप लगाया था. उनका कहना था कि प्रदर्शनकारियों ने गाड़ी पर पथराव किया था जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस दावे को सही ठहराने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया गया है.

फ़िलहाल सोशल मीडिया पर एक और वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें पुलिस एक व्यक्ति से पूछताछ कर रही है. दावा है कि ये व्यक्ति दूसरी गाड़ी (फ़ॉर्च्यूनर) में बैठा था. उस गाड़ी में इस व्यक्ति के अलावा और 5 लोग बैठे थे. इसने दावा किया कि ये गाड़ी अंकित दास की है. रिपोर्ट के मुताबिक, अंकित पूर्व कांग्रेस सांसद अखिलेश दास का भतीजा है. भाजपा सदस्य और समर्थक ये वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि लखीमपुर घटना के पीछे कांग्रेस का हाथ है. नीचे अमित मालवीय और प्रीति गांधी का ट्वीट है. ट्वीट में उन्होंने पूछा है कि कांग्रेस नेता लखीमपुर में क्या कर रहे थे?

इसके अलावा, पत्रकारों में अमन चोपड़ा और हिमांशु मिश्रा ने भी ये वीडियो ट्वीट किया. इसे ABP न्यूज़ और दैनिक भास्कर जैसे मीडिया संगठनों ने भी ट्वीट किया.

शहज़ाद जय हिंद ने भी ये वीडियो ट्वीट करते हुए पूछा कि काफ़िले में पूर्व कांग्रेस सांसद अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास क्यों मौजूद थे?

क्या अंकित दास कांग्रेस समर्थक है?

इस सवाल का जवाब बिल्कुल सीधा है- नहीं. अंकित दास भाजपा समर्थक है. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, 3 अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आगमन पर लखीमपुर में पोस्टर्स लगाए गए थे. इनमें आशीष मिश्रा और अंकित दास भी थे.

अंकित दास को कांग्रेस समर्थक इसलिये बताया जा रहा है क्यूंकि वो अखिलेश दास के भतीजे हैं. अखिलेश दास UPA-I में इस्पात मंत्री थे. उन्होंने 2008 में कांग्रेस छोड़कर बहुजन समाज पार्टी जॉइन कर ली थी जहां वो 2014 तक बने रहे. इसके बाद, 2017 की शुरुआत में वो दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए और अप्रैल 2017 में ही उनकी मृत्यु हो गयी.

अंकित दास की भाजपा नेता और राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा से नज़दीकियां दिखती हैं. नीचे अंकित और अजय मिश्रा की तस्वीरों वाला पोस्टर है. अंकित ने केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के जन्मदिन की तस्वीर शेयर की थी. और अजय मिश्रा को अपना गाइड बताया था.

अंकित ने अजय मिश्रा के साथ की कुछ तस्वीरें फ़ेसबुक पर पोस्ट की हैं. इनमें से कुछ तस्वीरों में वो अजय के घर पर भाजपा नेताओं के साथ दिखते हैं. नीचे एक पोस्ट में अंकित ने अजय को ‘प्रिय दोस्त’ बताया है.

This slideshow requires JavaScript.

अंकित ने फ़ेसबुक पर कांग्रेस नेताओं का समर्थन करते हुए कोई पोस्ट नहीं किया है. उनके फ़ेसबुक अकाउंट पर भाजपा के समर्थन में किये गए पोस्ट दिखते हैं. अंकित ने 21 सितंबर को फ़ेसबुक पर पहला पोस्ट किया था. उसके अगले ही दिन उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ़ करते हुए एक पोस्ट किया था.

आशीष मिश्रा और भाजपा लखीमपुर नाम के ट्विटर अकाउंट्स ने बीजेपी के कार्यक्रमों में अंकित के साथ की तस्वीरें शेयर की थीं.

अंकित खुद को अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद का उपाध्यक्ष बताते हैं. ये संगठन खुले तौर पर भाजपा का समर्थन करता है. इस संगठन के कार्यक्रमों में भाजपा पार्टी के नेता भाषण भी देते हैं.

ये कहा जा सकता है कि एक सोचे-समझे तरीके से दावा किया गया कि किसानों पर गाड़ी चढ़ाने वाले लोगों में कांग्रेस नेता शामिल थे. ऑप इंडिया ने आर्टिकल पब्लिश करते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने पुलिस की पूछताछ का अधूरा वीडियो शेयर किया है. आर्टिकल में अंकित दास की भाजपा के साथ की नज़दीकी के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है. जबकि ये बात उनकी राजनीतिक गतिविधियों से साफ़ ज़ाहिर होती है. भाजपा सदस्य और समर्थक, इस बात को हाईलाइट करने में व्यस्त थे कि अंकित पूर्व कांग्रेस नेता अखिलेश दास के भतीजे हैं. अंकित दास और आशीष मिश्रा आपस में दोस्त हैं और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस के मुताबिक़ वो फ़ॉर्च्यूनर गाड़ी अंकित दास के नाम से ही रजिस्टर्ड है.


मीडिया ने राकेश टिकैत का अधूरा बयान दिखाकर कहा कि उन्होंने मीडिया को धमकी दी, देखिये :

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.