भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कथित रूप से पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की दो तस्वीरें ट्वीट की गईं थी। बायीं ओर की तस्वीर से बंजर जमीन को दिखलाया गया था, जबकि दाहिनी ओर की तस्वीर से यह दिखलाने का प्रयास किया गया था कि कैसे यह पूर्णतया कार्यरत एक्सप्रेसवे में बदल गया है। भाजपा ने इन तस्वीरों को #5YearChallege (#5साल की चुनौती) “तय समय-सीमा में विश्वस्तरीय संरचना उपलब्ध कराता पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे चालू हुआ”- (अनुवादित) कैप्शन के साथ ट्वीट किया।

एक ट्विटर यूजर कपिल (@kapsology) ने ट्वीट किया कि ये तस्वीरें पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की नहीं हैं, जैसा भाजपा ने दावा किया है। उन्होंने लिखा, “बायीं ओर की तस्वीर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की है (2015) जिसे अखिलेश यादव ने 22 महीने में पूरा करवाया था। दाहिने तरफ की तस्वीर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के 10 किमी विस्तार की है जिसका मोदी ने 100 टीवी कैमरों के साथ उद्घाटन किया था।” -(अनुवाद)

कपिल के ट्वीट के बाद भाजपा ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया।

सच क्या है?

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि कपिल के ट्वीट में दी गई जानकारी वास्तव में सही थी। दोनों तस्वीरों की रिवर्स सर्च करने पर हमने पाया कि बायीं ओर वाली आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की है। अमरीकन स्टॉक फोटो एजेंसी शटरस्टॉक ने निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे की ऐसी ही तस्वीर यह विवरण देते हुए अपलोड की थी — “लखनऊ; उत्तर प्रदेश; भारत 17 मार्च, 2015, निर्माणाधीन नए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का हवाई दृश्य, निर्माण स्थल पर भारी उपकरणों के साथ चलता कार्य” – (अनुवाद)

दाहिनी ओर की तस्वीर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को चित्रित करती है, जिसे पिछले साल भाजपा सांसद विजय गोयल ने खुद ट्वीट किया था।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 21 नवंबर, 2016 को UP के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी चुनावों से पहले किया था। मीडिया में इसकी व्यापक खबर हुई थी। फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने खबर दी थी कि इसे 23 महीनों में बनाया गया था।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे तीन चरणों में विभक्त निर्माणाधीन परियोजना है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष मई में इस एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया था। द वायर के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय उच्चपथ प्राधिकरण (NHAI) के परियोजना निदेशक आरपी सिंह ने कहा, “पहला चरण पूरी तरह पूर्ण हो गया है। दूसरा चरण 15% पूर्ण है। जबकि दूसरा और तीसरा चरण 60% और 3% पूर्णता के स्तर पर हैं।”

पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन पीएम मोदी ने 19 नवंबर, 2018 को, इसके निर्धारित समय-सीमा के नौ वर्ष बाद किया था। इस परियोजना की शुरुआत यूपीए-1 के तहत हुई थी।

भाजपा के कई हैंडल्स ने भ्रामक तस्वीरों को झूठे संदेश के साथ ट्वीट किया।

भाजपा आईटी सेल की सक्रियता

हालांकि, भाजपा के मुख्य हैंडल ने ट्वीट को डिलीट कर दिया, लेकिन, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वही #5YearChallege वाली तस्वीरों को — यह दावा करते हुए कि वे पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की पहले और बाद की तस्वीरें हैं — भाजपा के ही 20 से अधिक हैंडल्स ने ट्वीट किया: झारखंड भाजपा, नागालैंड भाजपा, उड़ीसा भाजपा, भाजयुमो चंडीगढ़, दिल्ली भाजपा, उत्तराखंड भाजपा, त्रिपुरा भाजपा, सिक्किम भाजपा, पुडुचेरी भाजपा, छत्तीसगढ़ भाजपा, हिमाचल भाजपा, दमण और दीव भाजपा, चंडीगढ़ भाजपा, बंगाल भाजपा, आंध्र प्रदेश भाजपा, अंडमान निकोबार भाजपा, आरामबाग भाजपा, सिलीगुड़ी भाजपा, भाजपा लाइव, भाजपा आईटी सेल अंडमान, भाजपा किसान मोर्चा, भाजपा उड़ीसा लाइव, लक्षद्वीप भाजपा

भाजपा ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की तस्वीरों का उपयोग यह दावा करने के लिए किया कि वे पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को चित्रित करती हैं। पहले भी, आधारभूत संरचनात्मक विकास का खुद को श्रेय देने के लिए, भाजपा को गलत तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए देखा गया है। छत्तीसगढ़ भाजपा ने गुजरात और विदेश की तस्वीरों का उपयोग विकसित हाईवे दिखलाने के लिए किया था और अहमदाबाद की मेयर ने साबरमती रिवरफ्रंट दिखलाने के लिए सिओल की तस्वीर ट्वीट की थी। ऐसे कई और उदाहरण हैं। लेकिन यह केवल भाजपा ही नहीं है जिसने इस प्रकार भ्रामक सूचना फैलाई थी। ‘आम आदमी पार्टी’ ने नीदरलैंड्स के एक पुल को दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज के रूप में दिखाने का प्रयास किया था।

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.