13 जनवरी को माय नेशन ने “दुबई में छोटी लड़की के सवालों के सामने राहुल चुप्पी साधने के लिए मजबूर हुए ” शीर्षक से एक कहानी चलाई, जिसमें इस मीडिया संगठन ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष अपनी हालिया दुबई यात्रा के दौरान एक 14-वर्षीया-लड़की द्वारा उठाए गए सवालों से स्तब्ध रह गए। एक नाबालिग लड़की की तस्वीर समेत यह लेख भ्रामक सूचनाओं से भरा था। लड़की की तस्वीर मुंबई के संत जोसेफ हाई स्कूल में तीन साल पहले शूट किए गए वीडियो से ली गई थी।
इस कहानी पर ऑल्ट न्यूज़ की विस्तृत जांच यहां पढ़ी जा सकती है।
पोस्टकार्ड न्यूज़ और राइट लोग जैसे दूसरे पोर्टल्स ने भी माय नेशन के दावों पर आधारित खबरें चलाईं। इन झूठे दावों ने मुख्यधारा मीडिया में भी अपनी जगह बना ली।
Rahul Gandhi stumped by 14 year old girl fake news is now mainstream. Dinakaran a Tamil daily carried this news today. pic.twitter.com/b5DBCI29d1
— Jeevanand 🇮🇳 (@R_Jeevanand) January 14, 2019
माय नेशन की रिपोर्ट खारिज होने के बाद इस संगठन ने लड़की की तस्वीर हटा ली (हालांकि इस लेख के हिंदी संस्करण में यह तस्वीर अभी भी है)।
समाचार संगठन न्यूज़ लांड्री ने इस सवाल पर लड़की के परिवार से बात की। बच्ची के पिता ने पुष्टि की कि उनकी बेटी की तस्वीर बिना उनकी अनुमति या जानकारी के इस्तेमाल की गई थी।
कांग्रेस द्वारा दुबई में राहुल गांधी के विभिन्न संबोधनों के वीडियो अपलोड किए गए हैं। इन कार्यक्रमों में से आईएमटी दुबई विश्वविद्यालय में हुए एक कार्यक्रम में एक लड़की ने गांधी से कुछ सवाल जरुर पूछे थे (नीचे दिए वीडियो में 28:22वें मिनट से)। लेकिन, ये वो सवाल नहीं थे जिनका माय नेशन ने दावा किया और न ही गांधी उन सवालों पर चुप हो गए।
उपरोक्त वीडियो में दिख रही यह लड़की ग्रेड 10 की छात्रा अमाला बाबू थॉमस है। गांधी से सवाल करने वाली वह सबसे छोटी लड़की थी। भाषण को लेकर झूठे दावों सामने आने के बाद, उसके पिता ने — उसके द्वारा पूछे गए सवालों को दोहराते हुए और यह स्पष्ट करते हुए कि मीडिया के एक खास वर्ग ने कांग्रेस अध्यक्ष के साथ उसके संवाद को लेकर गलत सूचना फैलाई — उसका एक वीडियो अपलोड किया।
अमाला ने गांधी से निम्नांकित सवाल पूछे — “कांग्रेस, डॉ एनी बेसेंट के समय से लेकर केंद्रीय राजनीति में विपरीत-लिंग को शामिल किए जाने तक, 188 वर्षों से सफल रही है। मेरा सवाल है कि भारत का दिल, ग्रामीण भारत, की महिलाओं को, हमारी केंद्रीय राजनीति की महिलाओं की तुलना में पर्याप्त अवसर या ध्यान नहीं मिला। ग्रामीण महिलाओं को केंद्रीय राजनीति के ध्यान में लाने के लिए आपके क्या कार्य होंगे ?- (अनुवादित )”
उसने आगे कहा, “मैं यह भी जानना चाहूंगी — भारत में अधिकांश बच्चे बाल-दुर्व्यवहार और बाल-मृत्यु के शिकार हैं। अगर आप भारत के प्रधानमंत्री बन गए तो इसे कैसे बदलेंगे ?- (अनुवादित )”
इन सवालों में से कोई भी, माय नेशन के दावे के अनुसार राहुल गांधी से पूछे गए सवालों से, मेल नहीं खाते हैं। उस दावे के अनुसार, पहला सवाल था — “राहुल गांधी जो कि लगातार जातीय और सामाजिक विभेद के खिलाफ आवाज उठाते हैं, वह गुजरात में अपने माथे पर भस्म लगाते हैं और कश्मीर का दौरा करते समय कुफ़ी (पारंपरिक मुस्लिम टोपी) पहनते हैं क्यों ?” और दूसरा सवाल था — “कांग्रेस गर्व करती है कि उसने कई दशकों तक भारत पर राज किया। तब जो विकास और कल्याण के काम नहीं हो पाए थे, क्या वह अब किए जाएंगे ?”
ऑल्ट न्यूज़ ने इसकी पुष्टि के लिए — कि शायद अमाला के आयु-वर्ग के किसी अन्य बच्चे ने भी माय नेशन द्वारा दावा किए गए सवालों को उठाया हो — इस 43-मिनट लंबे भाषण का पूरा वीडियो देखा। हमने किसी अन्य स्कूली विद्यार्थी को गांधी से संवाद करते नहीं पाया।
अपनी कहानी में संशोधन करते हुए माय नेशन ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में खुद सवाल किया — “अगर आप प्रधानमंत्री हो जाओ तो आप क्या करोगे ?- (अनुवादित )”
हमने पाया कि गांधी ने एक लड़की से इससे मिलता हुआ सवाल किया था — “आप अगर भारत की प्रधानमंत्री बन जाओ तो आपके विशेष ध्यान के तीन क्षेत्र क्या होंगे ?- (अनुवादित )” मगर वह लड़की 14-16 वर्ष के आयु-वर्ग की नहीं है, क्योंकि उसने अपना परिचय एमबीए छात्रा के रूप में दिया था।
माय नेशन ने एक नाबालिग की तस्वीर का उपयोग किया और बाद में बिना किसी गलती स्वीकार किए, अपनी रिपोर्ट से इसे हटा दिया। उस लड़की ने, जिसने वास्तव में गांधी से संवाद किया था, अपने वीडियो-बयान के द्वारा यह स्पष्ट भी किया कि उसने उनसे सोशल मीडिया में वायरल सवाल नहीं किए। इन तथ्यों के बावजूद, माय नेशन के संपादक अभिजीत मजूमदार अपने संगठन की खबर पर टिके हैं। उन्होंने न्यूज़ लांड्री से कहा, “विश्वसनीय सूत्रों से हमारे द्वारा हासिल सूचना के आधार पर हमने यह रिपोर्ट की है। कांग्रेस की विदेश सचिव आरती कृष्णन और उनके कार्यालय से हमने इसकी पुष्टि की है। हमारे पास इसका वीडियो नहीं होने के बावजूद, अपनी कहानी का बचाव करने के लिए हमें जितने की जरूरत है, उतने फोन और दूसरी बातचीत हमारे पास हैं। माय नेशन अपनी कहानी पर कायम है – (अनुवादित)।”
मजूमदार द्वारा उल्लिखित ‘पुष्टि’ को कहानी के स्रोत — कांग्रेस की विदेश सचिव आरती कृष्ण — ने खुद खंडन किया, जिन्होंने ट्वीट किया कि इस संगठन द्वारा उन्हें गलत उद्धृत किया गया था।
I have been misquoted. I’d like to reiterate, no such question was asked at the interaction. @INCIndia @INCOverseas https://t.co/4rNPrDhfKy
— Dr Arathi Krishna (@arathikrishna68) January 14, 2019
यह साफ है कि माय नेशन की कहानी — “14-वर्षीया-लड़की के सवालों से राहुल गांधी स्तब्ध” — तथ्यों की जांच पर खड़ी नहीं उतरती है। फिर भी, उनकी कहानी के झूठे होने के निर्विवाद सबूत के वावजूद, इसे वापस लेने की मीडिया संगठन की अनिच्छा, बड़ी चिंता की बात है।
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