कोलकता और उसके पास ही हावड़ा में 8 अक्टूबर को भाजपा के यूथ विंग, भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित किये गए ‘नबन्ना चलो’ मार्च के दौरान हिंसा भड़क उठी. ये प्रदर्शन रैली पश्चिम बंगाल में हाल में हुई भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ़ आयोजित हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिसवालों पर देसी बमों से हमला किया गया. भाजपा ने इससे साफ़ इनकार किया. पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए वॅाटर कैनन, आंसू गैस के गोले और लाठी चार्ज का इस्तेमाल किया. पार्टी ने पुलिस की इजाज़त के बिना 4 रैलियां आयोजित की थी.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस हिंसा के दौरान बनाया गया एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि कोलकता पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर छतों से बम फेंका है.
भाजपा के आंदोलन पर कोलकाता पुलिस ने #TMC के गुंडों की तरह बर्ताव किया और भाजपा कार्यकर्ताओं पर छतों से बम फेंके! पुलिस की ये कार्रवाई सरकार की शह पर हुई है! पुलिस के ऐसे हमलों की वजह से इस आंदोलन में 1500 से ज्यादा कार्यकर्ता घायल हुए!#NabannoCholo pic.twitter.com/tkmHYS1mw2
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) October 8, 2020
इसे भाजपा के स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) के ऑल इंडिया जॉइंट ऑर्गेनाइज़िंग सेक्रेटरी गुन्था लक्ष्मण ने भी शेयर किया.
What a barbaric rule in W.B under the leadership of Mamatha Benarjee. police throwing bomb on a massive rally organised by BJYM under the leadership of its President and MP Tejaswi Surya. Seems to be count down started for Bengal Didi. Violence cannot survive for a long time. pic.twitter.com/20yyKgKqe6
— Laxman G (@iLaxmanG) October 8, 2020
अपने ट्विटर बायो में ‘BJP/RSS’ लिखने वाली रूपा मूर्ति ने भी ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि पुलिस ने भाजपा रैली पर देसी बम फेंका.
Mamata Banerjee government inadvertently showing India what murderous fascism is, by directing West Bengal police to hurl crude bombs at the BJP rally in WB earlier today. pic.twitter.com/VpAoxVmmHF
— Rupa Murthy (@rupamurthy1) October 8, 2020
अन्य यूज़र्स Know The Nation, @ExSecular और @BefittingFacts ने भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया.
फै़क्ट-चेक
ये घटना हावड़ा मैदान की है. जिस छत पर पुलिस की तैनाती थी, टाइम्स नाउ की पत्रकार श्रेयसी डे वहीं से लाइव रिपोर्टिंग कर रही थीं. उन्होंने ट्वीट किया, “ये वीडियो अभी न्यूज़ चैनलों पर आ रहा है. ये आज हावड़ा मैदान से लाइव रिपोर्टिंग करती मैं और मेरे कैमरामैन हैं. इस वीडियो में नज़र आ रहा है कि बैरिकेड तोड़ने और पथराव करने पर पुलिस भीड़ को हटाने के लिए धुएं वाले बम का इस्तेमाल कर रही है.”
Since this video is running on news channels, that’s my Cameraperson & I reporting live from Howrah Maidan today, what is seen in the video is cops using smoke bombs to disperse the crowd as barricades were breached and stones were hurled. We were airing live visuals. https://t.co/k8oFwWLMp2
— Sreyashi Dey (@SreyashiDey) October 8, 2020
श्रेयसी डे के ट्वीट को हावड़ा सिटी पुलिस ने शेयर किया और कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के बैरिकेड तोड़ने और पथराव करने के बाद उनपर आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया.
A video of police throwing Tear Smoke Munitions yesterday in Howrah is being misrepresented in social media.A police team was stationed at rooftop which used Tear Smoke only when d agitators breached d barricade & started pelting https://t.co/nGWHSYeVHG persons were present there pic.twitter.com/fnglSAgObw
— Howrah City Police (@hwhcitypolice) October 9, 2020
मौके पर मौजूद एक पत्रकार ने ऑल्ट न्यूज़ से बात की. उन्होंने हमें बताया, “पुलिस बम का इस्तेमाल नहीं कर सकती थी. अगर आप ध्यान से देखें, उनके हाथ में जो चीज़ है वो सिलिंडर के आकार की है, जैसा कि एक स्मोक बम या आंसू गैस का गोला होता है.”
उन्होंने आगे बताया, “उन्होंने उसे फेंका नहीं बल्कि अंडरआर्म बोलिंग की तरह हवा में उछाला. एक बम को किसी सतह के संपर्क में आते ही फटने के लिए एक निर्धारित तेज़ी के साथ फेंकना होता है. मैंने इतने हिंसक टकरावों में रिपोर्टिंग की है कि ये कह सकता हूं कि पुलिस वालों ने जो फेंका वो बम नहीं था.”
कोलकता के अन्य पत्रकार ने नाम न उजागर करने की शर्त पर हमसे बात की. जहां वो वीडियो शूट किया गया, ये उसी ईमारत के नज़दीक थे और उन्होंने पुष्टि की कि पुलिस ने देसी या पेट्रोल बम नहीं फेंका. उन्होंने घटनाक्रम को विस्तार से बताते हुए कहा, “पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गयी थी लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिया और पथराव करने लगे. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया लेकिन जब इसका फायदा नहीं हुआ तो आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया. ये घटना हावड़ा मैदान के GT रोड की है.” रिपोर्टर ने कहा कि देखने से लग रहा था कि पुलिस ने स्मोक बम ही फेंका था.
नीचे दिख रहे ब्रॉडकास्ट में 4:30 मिनट पर ईमारत की छत से श्रेयसी डे को रिपोर्टिंग करते हुए देखा जा सकता है. वो ग्राउंड रिपोर्टिंग के ज़रिये हालात को नज़दीक से दिखा रहीं हैं. पुलिस ने रोड पर बैरिकेड लगा दिया और वॉटर कैनन और रायट व्हीकल के साथ तैयार हैं. दूसरी तरफ़ भाजपा कार्यकर्ता रैली करने के लिए इकट्ठे हो रहे हैं.
कुछ अन्य वीडियो में भी प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड तोड़ते और पुलिसवालों को आंसू गैस के गोले फेंकते हुए देखा जा सकता है.
इस हिंसा पर अन्य विज़ुअल्स में भी ऐसे ही दृश्य नज़र आ रहे हैं.
ये दावा कि पुलिसवालों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर बम फेंका, न ही विज़ुअल से साबित होता है और न ही ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों ने ऐसा कुछ कहा.
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