कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने 8 फ़रवरी को संसद में धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान गृहमंत्री को लेकर एक दावा किया. उन्होंने कहा कि अमित शाह शांति निकेतन के दौरे के समय बांग्ला कवि और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रबीन्द्रनाथ ठाकुर की कुर्सी पर बैठ गए. उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह ने कहा कि रबीन्द्रनाथ का जन्म शांति निकेतन में हुआ था.
नीचे उनके पूरे भाषण का वीडियो लगा है जिसे कांग्रेस ने लाइव स्ट्रीम किया था. इसमें 21 मिनट 20 सेकंड पर वो कहते सुने जा सकते हैं, “हम ये कहना चाहते हैं कि बीजेपी पार्टी के नेता अमित शाह जी, बीजेपी पार्टी के नेता नड्डा साहब, चुनाव आया है, बंगाल जा रहे हैं. रबीन्द्रनाथ टैगोर जी के शांतिनिकेतन में जा रहे हैं. कह रहे हैं हिंया (यहां) उनका जनम हुआ है. अरे, अजीब बात है, पहले तो पढ़कर जाइये कि कहां उनका जनम हुई या नहीं. अब अचानक कह रहे हैं शांति निकेतन में जनम हुई है, लोग हंस रहे हैं. हमें बुरा लगता है… हमारे अमित शाह जी, रबीन्द्रनाथ ठाकुर की जो चेयर है, उसपर जाकर बैठ जाते हैं. लोग आपको क्या कहते हैं, पता नहीं. आप जाकर बैठ जाते हैं. ये असम्मान है.”
फ़ैक्ट-चेक
हम इस आर्टिकल में दो दावों का फ़ैक्ट-चेक कर रहे हैं:
- क्या अमित शाह रबिन्द्र भवन में रबीन्द्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठे थे?
- क्या अमित शाह या जेपी नड्डा ने कहा था कि टैगोर का जन्म शांति निकेतन में हुआ था
अमित शाह पिछले साल दिसम्बर में पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे. उन्होंने शांति निकेतन में स्थित रबीन्द्र भवन में कवि रबीन्द्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित की थी.
20 दिसम्बर, 2020 को उन्होंने इस मौके के बारे में बात करते हुए एक ट्वीट भी किया था. उन्होंने मौके की 4 तस्वीरें शेयर कीं. इनमें से एक तस्वीर में वो एक दीवान पर बैठकर एक किताब में कुछ लिखते नज़र आ रहे हैं. और एक अन्य तस्वीर में एक कुर्सी पर फूल अर्पित करते हुए दिख रहे हैं.
उनके दौरे के बाद से ही ये दावा वायरल है कि वो रबीन्द्र भवन में टैगोर की कुर्सी पर बैठ गए थे जहां आजतक कोई और नहीं बैठा.
गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के बाद इस पवित्र स्थान पर आजतक कोई नहीं बैठा। दुनिया के तमाम विशिष्ट अतिथि यहां आते रहते हैं…
Posted by Subhash Lall on Thursday, December 24, 2020
असलियत ये है कि जिस कुर्सी में अमित शाह बैठे हैं, वो रबीन्द्रनाथ टैगोर की कुर्सी नहीं है. गृह मंत्री इस तस्वीर में विज़िटर्स बुक साइन कर रहे हैं. यहां अतिथियों के बैठने की व्यवस्था की गयी है.
गवर्नमेंट वेबसाइट पर मौजूद एक अन्य तस्वीर में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी विज़िटर्स बुक में साइन करती दिख रही हैं. ये तस्वीर 25 मई, 2018 की है. इस दिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शांति निकेतन में बांग्लादेश भवन का उद्घाटन किया था. साथ ही दोनों नेताओं ने विश्व भारती यूनिवर्सिटी के कॉन्वोकेशन में भी शिरकत की थी.
अमित शाह का रबीन्द्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठने वाला दावा उनके बंगाल दौरे के बाद से ही वायरल है. न्यूज़ मोबाइल और विश्वास न्यूज़ ने दिसम्बर 2020 में इस दावे का फ़ैक्ट-चेक किया था. इसके बावजूद कई लोगों ने ये ग़लत दावा शेयर करना जारी रखा. और अब कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को संसद में यही बात कही.
इंडिया टुडे की पत्रकार पौलोमी साहा ने विश्व भारती के कुलपति का अधीर रंजन चौधरी के लिए लिखा गया पत्र ट्वीट किया. इस पत्र में लिखा है, “दुर्भाग्यवश आपको ग़लत सूचना मिली है. ये सच नहीं है.” आगे कहा गया है, “पहले भी उत्तरायण में आने वाली शख़्सियत यहां बैठ चुकी हैं. इनमें पूर्व कुलपति, पंडित जवाहरलाल नेहरु, मैडम प्रतिभा पाटिल, श्री प्रणब मुखर्जी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना शामिल हैं. ये जगह वास्तव में एक खिड़की से लगा दीवान है जहां तकिये लगे हैं…मतलब, ये कोई कुर्सी नहीं है, और न ही ये गुरुदेव के बैठने की जगह थी.”
V-C of #Bengal’s Visvabharati University writes to @adhirrcinc and tells him that he misspoke in Lok Sabha suggesting that @AmitShah sat on Rabindranath’s seat during his visit to the University in December.
Fact is others have also sat on what is just the edge of a window. pic.twitter.com/Qd72rzd4kV
— Poulomi Saha (@PoulomiMSaha) February 9, 2021
इसके अगले ही दिन, 9 फ़रवरी को गृहमंत्री ने संसद में अपने ऊपर लगाये गए आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि वो रबीन्द्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर नहीं बैठे थे. अमित शाह ने सदन में कहा कि उन्होंने विश्व भारती के उप कुलपति से सभी फ़ोटोज़ और वीडियोज़ की जांच करके बताने को कहा कि वो कहां बैठे थे. उन्होंने बताया कि उप कुलपति ने ऐसे किसी मौके का ज़िक्र नहीं किया जिसमें वो रवीन्द्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठे थे. जहां वो बैठे थे वो एक खिड़की है. आगे उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु और राजीव गांधी की तस्वीर दिखाई और बताया कि इसमें दोनों ही नेता टैगोर के सोफ़े पर बैठे हैं.
साथ ही गृह मंत्री ने रवीन्द्रनाथ टैगोर के जन्मस्थल वाले दावे को लेकर कहा कि अगर जेपी नड्डा ने ऐसा कहा तो विपक्ष सामने रिकॉर्ड रखे.
इस बाबत अमित शाह ने अपने भाषण का एक हिस्सा बांग्ला में लिखे टेक्स्ट के साथ ट्वीट भी किया.
আমি কবিগুরু রবীন্দ্রনাথ ঠাকুরের চেয়ারে বসি নি,যে জায়গাটি অতিথিদের জন্য সুনির্দিষ্ট ছিল সেখানে বসেছি।
তবে আমি দুটি চিত্র পেয়েছি,
প্রথমটি,যেখানে প্রাক্তন প্রধানমন্ত্রী জওহরলাল নেহেরু গুরুদেবের আসনে বসে লিখছেন।দ্বিতীয়টি,যেখানে গুরুদেবের সোফায় বসে চা পান করছেন রাজীব গান্ধী। pic.twitter.com/jg5NyowUh9
— Amit Shah (@AmitShah) February 9, 2021
आगामी बंगाल चुनावों के प्रचार के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोलकाता में पिछले वर्ष भाषण दिया था. यही कांग्रेस एमपी अधीर रंजन चौधरी के दावे का आधार था. नड्डा पिछले वर्ष 9 और 10 दिसम्बर को पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे. उन्होंने कोलकता के हेस्टिंग्स में भाजपा के वेस्ट बंगाल स्टेट इलेक्शन ऑफ़िस का उद्घाटन किया था.
नीचे लगे वीडियो में वो 44 सेकंड पर कहते हैं, “पश्चिम बंगाल विचारों के आदान-प्रदान के लिए जाना गया है. विश्व भारती यहां है, रवीन्द्रनाथ टैगोर यहां पैदा हुए…” यानी, यहां जेपी नड्डा पश्चिम बंगाल की बात कर रहे थे. इसी के बारे में उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विश्व भारती है और पश्चिम बंगाल में रबीन्द्रनाथ का जन्म हुआ. अधीर रंजन चौधरी का ये दावा भी यहां ग़लत पाया जाता है कि जेपी नड्डा ने रबीन्द्रनाथ के शांति निकेतन में पैदा होने की बात कही थी.
बूमलाइव ने पिछले साल इस दावे की पड़ताल की थी जब भाजपा बंगाल ने नड्डा के बयान को अपने ट्वीट में बदल दिया था. भाजपा बंगाल ने ट्वीट में कहा था कि जेपी नड्डा ने कहा है, “विश्व भारती रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्मस्थल है.” TMC ने इस ग़लत दावे वाले ट्वीट को कोट-ट्वीट करते हुए बताया था कि टैगोर का जन्मस्थल कोलकाता का जोरासंको है.
कुल मिलाकर, बहरामपुर से कांग्रेस एमपी अधीर रंजन चौधरी का भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के बारे में किया गया दावा बिल्कुल ग़लत है.
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