रूस के हमले के बाद हज़ारों भारतीय छात्र यूक्रेन में फंस गए थे. ऐसे समय में कई छात्रों ने अपने यूनिवर्सिटीज़ से वीडियो बनाए और कुछ ने घर लौटने के बाद सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया में देरी की आलोचना की. इसके बाद सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया पर कई तरह की ग़लत जानकारी और प्रोपगेंडा को बढ़ावा दिया गया है. छात्रों की मुसीबत का कसूरवार उन्हें ही ठहराने की कोशिश की जा रही है. ऑल्ट न्यूज़ ने एक ऐसे वीडियो की पड़ताल की थी जिसमें एक छात्रा का मज़ाक उड़ाने के लिए उसका ग़लत बयान शेयर किया जा रहा था. एक और ऐसा मामला सामने आया था जिसमें एक छात्रा पर यूक्रेन में होने के ‘नाटक’ करने का ग़लत आरोप लगाया गया था.
हाल में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें छात्रों को न्यूज़ मीडिया द्वारा हमले की घटनाओं के कवरेज का मज़ाक उड़ाते हुए देखा जा सकता है. इसमें कुछ छात्रों को युद्ध की संभावना से इनकार करते हुए सुना जा सकता है और कुछ को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि रूस ने अपने कुछ सैनिक वापस बुला लिए हैं. सोशल मीडिया पर इसे शेयर करते हुए ये दावा किया जा रहा है कि 24 फ़रवरी को रूस के हमले से पहले सरकार ने ‘पर्याप्त चेतावनी’ जारी की थी, लेकिन छात्रों ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया.
There were enough warnings before the war broke out but students did not take them seriously as you can see in video
What this Govt has done for their return is unprecedented. Modi has again proven his commitment to each of 135 Cr Indians.
It pains to see ppl being thankless💔 pic.twitter.com/zCA3nAna4B
— 𝚂𝚞𝚍𝚑𝚒𝚛🏌️♂️🇮🇳 (@seriousfunnyguy) March 3, 2022
There were enough warnings before the war broke out but students did not take them seriously as you can see in video
pic.twitter.com/JXAG1A1I97— Saffron Soul 2.0 🚩 (@SaffronS0ul) March 3, 2022
Students who were making fun of the issued advisory from government & now sending SOS 🤦♀️ Inlogo ko airport par chaar jooten lagana chahiyehttps://t.co/Zq9vz3RYZv pic.twitter.com/HUq963n9gH
— Prisha (@MeetPrisha) March 3, 2022
कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये वीडियो शेयर किया है.
भ्रामक
हमने उन ट्वीट्स के कमेंट्स चेक किये जहां ये वीडियो अपलोड लिया गया था. हमें ऐसे कई लिंक्स मिले जिनसे पता चला कि असली वीडियो 16 फ़रवरी को यूट्यूब पर पोस्ट किया गया था.
वीडियो की शुरुआत में मीडिया चैनलों के अलग-अलग क्लिप्स उठाये गए हैं. एक क्लिप में न्यूज़ एंकर ये कहते हुए दिखता है कि युद्ध शुरू होने में ‘सिर्फ 1 घंटा 23 मिनट बचा है.’ शुरुआत से ही इसमें बोलने का अंदाज़ मज़ाकिया है कि किस तरह से मीडिया चैनल नाटकीय रूप से घटनाओं को पेश करते हैं. 2 मिनट 33 सेकेंड पर इंटरव्यू ले रहा सौरव हंसते हुए कहता है कि रूस 1 घंटे 20 मिनट में हमला करने जा रहा है.
पूरे वीडियो के कुछ हिस्से को ये दिखाने के लिए शेयर किया जा रहा है कि छात्रों ने रूस के हमले की धमकी को गंभीरता से नहीं लिया, जबकि भारत सरकार ने ‘पर्याप्त चेतावनी’ जारी की थी.
इस वीडियो के यूट्यूब पर अपलोड होने से पहले भारतीय दूतावास ने एक एडवाइज़री जारी की थी. इसे शायद ही ‘पर्याप्त चेतावनी’ कहा जा सकता है. इसके अलावा, एडवाइज़री में भारतीय नागरिकों से तुरंत यूक्रेन छोड़ने का आग्रह नहीं किया गया था. कॉमर्शियल विकल्प मौजूद थे. हालांकि, ये कहा गया था कि जिनका रहना ‘गैर-ज़रूरी’ है, वे अस्थायी तौर पर यूक्रेन छोड़ने का विचार कर सकते हैं.
ADVISORY FOR INDIAN NATIONALS IN UKRAINE.@MEAIndia @DrSJaishankar @PIB_India @DDNewslive @IndiainUkraine @IndianDiplomacy @OIA_MEA pic.twitter.com/huitNLnSS3
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) February 15, 2022
इसके अलावा, ब्लॉग में 2 मिनट 10 सेकंड पर एक छात्र कहते हुए दिखता है कि रूस ने अपने कुछ सैनिकों को वापस ले लिया है. ये बात सही है. 15 फ़रवरी को रूस ने असल में कहा था कि वो अपने कुछ सैनिकों को यूक्रेन की सीमा से वापस ले रहा है. इस ख़बर को कई मीडिया आउटलेट्स ने रिपोर्ट किया था.
उस स्तिथि में हर कुछ घंटों में रिपोर्ट अपडेट किए जाने के साथ, हमले से कम से कम आठ दिन पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो के आधार पर ये कहना ठीक नहीं होगा कि इन छात्रों ने अपनी सुरक्षा की परवाह नहीं की.
यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास ने 20 फ़रवरी तक छात्रों से कहा था कि वे न ‘घबराएं’.
16 फ़रवरी को भारतीय दूतावास ने छात्रों के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न जारी किए जहां उन्हें कहा गया कि वे न घबराएं. FAQ पर पहला सवाल ओवरबुक्ड उड़ानों के संबंध में किया गया था.
ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि यूक्रेन से दिल्ली के लिए सिर्फ एक डायरेक्ट फ़्लाइट थी और बाकी कनेक्टिंग फ़्लाइट्स थीं.
उसी दिन यानी, 16 फ़रवरी को भारतीय दूतावास द्वारा एक और सूचना जारी की गई जिसमें छात्रों को फिर से कहा गया कि वे न घबराएं.
@meaindia @PIB_India @DDNewslive pic.twitter.com/DnhFlIlkmY
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) February 16, 2022
18 फ़रवरी को एयर इंडिया की तीन विशेष फ़्लाइट्स की घोषणा की गई जो ’22, 24 और 26 फ़रवरी’ को उड़ान भरने वाली थीं.
#FlyAI : Air India will operate 3 flights between India-Ukraine (Boryspil International Airport) India on 22nd, 24th & 26th FEB 2022
Booking open through Air India Booking offices, Website, Call Centre and Authorised Travel Agents.@IndiainUkraine
— Air India (@airindiain) February 18, 2022
इसके अलावा, छात्र शिकायत कर रहे थे कि फ़्लाइट्स जल्दी बिक रही हैं और कई छात्र इतना ज़्यादा किराया को देने में भी असमर्थ हैं.
20 फ़रवरी को दूतावास ने एक दूसरी एडवाइजरी जारी की जिसमें उपलब्ध कॉमर्शियल या चार्टर फ़्लाइट्स से उन सभी छात्र और नागरिक, जिनका वहां रुकना ज़रूरी नहीं है, उन्हें यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा गया. एडवाइज़री में ‘न घबराएं’ की जगह अब ‘यूक्रेन छोड़ दें’ लिखा जाने लगा.
ADVISORY FOR INDIAN NATIONALS IN UKRAINE.@MEAIndia @DrSJaishankar @PIBHindi @DDNewslive @DDNewsHindi @IndianDiplomacy @PTI_News @IndiainUkraine pic.twitter.com/i3mZxNa0BZ
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) February 20, 2022
अगले दिन 21 फ़रवरी को एयर इंडिया की तीन और फ़्लाइट्स की घोषणा की गई – 25 फ़रवरी को एक और 27 फ़रवरी को 2 फ़्लाइट्स.
Advisory on Flights between India-Ukraine
as on 21 February 2022Kind attention: Students/Indian Nationals in Ukraine @MEAIndia @PIB_India @DDNewslive @IndianDiplomacy @PIBHindi pic.twitter.com/wUrI80IKVs
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) February 21, 2022
22 फ़रवरी को एयर इंडिया ने निर्धारित समय के अनुसार, एक फ़्लाइट से 242 भारतीय नागरिकों को वापस लाया. उसी दिन, दूतावास ने एक और एडवाइज़री जारी करते हुए छात्रों को ऑनलाइन क्लास के संबंध में विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कंफ़र्मेशन की प्रतीक्षा करने के बजाय ‘तुरंत यूक्रेन छोड़ने’ के लिए कहा.
ADVISORY TO INDIAN STUDENTS IN UKRAINE.@MEAIndia @PIB_India @IndianDiplomacy @DDNewslive @PTI_News @IndiainUkraine pic.twitter.com/7pzFndaJpl
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) February 22, 2022
24 फ़रवरी को एयर इंडिया द्वारा निर्धारित दूसरी फ़्लाइट को भारत वापस लौटना पड़ा क्योंकि यूक्रेन ने कॉमर्शियल फ़्लाइट के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था. इस समय तक रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की घोषणा कर दी थी.
इन घटनाओं की टाइमलाइन देखकर, ये कहा जा सकता है कि छात्रों ने पूरी तरह युद्ध की आशा नहीं की थी. वे उम्मीद कर रहे थे कि ऑनलाइन क्लासेज़ की घोषणा की जाएगी और वे समय पर निकल जायेंगे. सरकार की पहली कुछ एडवाइज़री में छात्रों को एहतियात के तौर पर यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा गया. भारतीय दूतावास ने नागरिकों से ‘यूक्रेन तुरंत छोड़ने’ की सलाह 22 फ़रवरी को दी थी.
इसकी तुलना में, अमेरिकी विदेश विभाग ने 23 जनवरी को सिफारिश की थी कि यूक्रेन में सभी अमेरिकी नागरिकों को तुरंत देश छोड़ देना चाहिए. अमेरिका ने 24 फ़रवरी तक 10 से ज़्यादा नोटिस जारी किए, जिसमें नागरिकों को रूस के संभावित हमले से बढ़ने वाले खतरे के बारे में सूचित किया गया और कॉमर्शियल फ़्लाइट्स के विकल्प उपलब्ध होने पर उन्हें वहां से निकलने की सलाह दी गई. 11 फ़रवरी को बायडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “जो अमेरिकी यूक्रेन में है उन्हें जल्द से जल्द वहां से निकल जाना चाहिए. अगले 24 से 48 घंटों में कोई भी घटना हो सकती है.”
इस मुसीबत के दौरान भारत सरकार को अपनी प्रतिक्रिया के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. ऑनलाइन और मेनस्ट्रीम मीडिया में एक नया पैटर्न उभरा है, जिसमें छात्रों को मुसीबत में फंसे होने के लिए उन्हें ही ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश की जा रही है. इस तरह न सिर्फ सरकार द्वारा देरी से किए गए उपायों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, बल्कि छात्रों का मज़ाक उड़ाया जा रहा है, उन्हें ट्रोल किया जा रहा है और उन्हें प्रशासन से अनुचित अपेक्षा रखने वाले “एंटाइटिल्ड मिलेनियल्स” के रूप में दर्शाया जा रहा है.
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