एक फ़िलिस्तीनी महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें वो कथित तौर पर अरबी में ये कह रही है कि वो ‘यहूदियों को पसंद करती है.’ वीडियो में अंग्रेजी में लिखे कैप्शन से पता चलता है कि महिला ‘हमास की कैदी’ होने का दावा करती है. वायरल वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “मुझे मरने का मन नहीं है. हमने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने (हमास) हमें यहां रहने के लिए मजबूर किया. कहा कि वो मेरा पेट काट देंगे, अगर मैं बच जाऊंगी तो मुझे मार डालेंगे. और बस. हम यहां फंस गए हैं… हम हमास के कैदी हैं.. मैं यहूदियों को पसंद करती हूं. मेरी देखभाल कौन करेगा? उनमें से किसी को भी (आतंकवादियों को) परवाह नहीं है.” वेरिफ़ाईड यूएस-बेस्ड अकाउंट ‘@itismenewtown’ ने वीडियो ट्वीट किया और ‘इन लोगों को बचाने’ के लिए इज़रायली रक्षा बल को ‘धन्यवाद’ दिया. (आर्काइव लिंक)

संयुक्त राज्य अमेरिका में इज़राइल दूतावास के ऑफ़िशियल X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) अकाउंट ने वीडियो शेयर किया. बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. (आर्काइव)

यूज़र ‘@GedaliahBorvick’ ने भी ये वीडियो इसी कैप्शन के साथ ट्वीट किया. (आर्काइव)

वेरिफ़ाईड यूज़र ‘@MichalZach1′,@Netanel_baruch‘,  और ‘@UnfoldingTimes‘ सहित कई और यूज़र्स ने ये वीडियो ट्वीट किया है. 

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

वायरल ट्वीट्स के नीचे कई कमेंट्स देखे जिसमें बताया कि अंग्रेजी कैप्शन में महिला के शब्दों का ग़लत अनुवाद किया गया था. यूज़र्स ने बताया कि महिला दरअसल ये कह रही थी कि उसने इज़रायली सेना द्वारा मारे गए अपने बेटे को उसकी बेल्ट से पहचान लिया है.

हमने इंस्टाग्राम यूज़र ‘@a7mhisham‘ के अकाउंट पर इस वीडियो का लंबा वर्ज़न चेक किया. हमने एक फ़िलिस्तीनी पत्रकार से कॉन्टेक्ट किया जिसने हमें वीडियो में महिला द्वारा कही जा रही बातों का सटीक अनुवाद बताया.

नीचे इसका ट्रांसक्रिप्शन है:

“मेरा बेटा 10 दिन पहले मर गया. मैं उसे वापस लाने के लिए हर दिन नेटज़ारिम जाती थी. मेरे बच्चे लाशों को वापस लाने से डर रहे थे. मैंने अपनी मर्जी से काम किया और मुझे इसकी परवाह नहीं थी कि मुझे मार दिया जाएगा. मैं अंदर गई और मैंने अपने बेटे को देखा, मैं उसे उसकी बेल्ट और मोबाइल फ़ोन से पहचान गई. जब मैं अंदर गई तो मैंने इज़रायली सैनिकों को देखा. वहां बहुत सारे शव थे और कोई भी उन्हें वापस नहीं लाया. मैंने देखा कि शव बहुत बुरी हालात में थे. अगर मेरे पास मेरे बेटे का शव नहीं होता तो मैं और ज़्यादा लाती.” उनसे पूछा गया कि उन्होंने कितने शव देखे, तो उन्होंने जवाब दिया, “सड़क के किनारे चार शव बचे थे.”

“हां, वहां बहुत से इजराइली सैनिक थे. जब उन्होंने मुझे देखा तो वे अपने टैंक से बाहर निकल आये. मैं उनकी ओर हाथ हिलाने लगी, तो उन्होंने मुझे शव ले जाने दिया. मैंने अपने बेटे को कंबल में लपेटा और… उसे बाहर निकाला. इजराइली सैनिकों के ठीक सामने ताकि उन्हें पता चले कि मैं अपने बेटे के लिए आयी हूं. जब वो जिंदा था तब की तुलना में उसका वजन बहुत कम था इसलिए मैं उसे उठाने में कामयाब रही.”

जैसा कि साफ़ है, महिला ने किसी भी पॉइंट पर हमास की कैदी होने के बारे में बात नहीं की या ये भी नहीं कहा कि वो ‘यहूदियों को पसंद करती है.’ वायरल वीडियो में वो बता रही थी कि कैसे वो अपने मरे हुए बेटे की लाश अपने घर वापस लाई थी.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.