कुछ भाजपा समर्थक फ़ेसबुक पेज ने 2 ट्वीट्स की तुलना करते हुए एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इस स्क्रीनशॉट में NDTV का एक ट्वीट दिख रहा है. जबकि दूसरा ट्वीट कथित रूप से अल जज़ीरा का है. नीचे फ़ेसबुक पेज ‘India272+’ का पोस्ट शेयर किया गया है. पोस्ट कहता है – “तालिबान प्रेमी NDTV”.
ध्यान दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र नरेंद्र मोदी ने ‘India272+’ नाम का एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया था. सरकार बनाने के लिए 272 सीटों का होना ज़रूरी होता है.
स्क्रीनशॉट में दोनों ट्वीट्स के ऊपर लिखा है, “NDTV बना तालिबान का नया मीडिया पार्टनर!”. इसके अलावा, NDTV के ट्वीट में दिखाया गया है कि तालिबान अब पहले जैसा हिंसक नहीं है. जबकि अल जज़ीरा के कथित ट्वीट के नीचे लिखा है कि तालिबान नाबालिग लड़कियों को अगवा कर रहे हैं और विरोध जताने वाली लड़कियों को मार दिया जा रहा है.
सोशल तमाशा, @Being_Humor और मोदी भरोसा ने भी ये ग्राफ़िक शेयर किया है.
फ़ेसबुक पर ये ग्राफ़िक काफ़ी शेयर किया जा रहा है.
एडवोकेट शुभेन्दु ने भी अल जज़ीरा का ये कथित स्क्रीनशॉट शेयर किया है.
फ़ैक्ट-चेक
अल जज़ीरा
सबसे पहले बात करते हैं अल जज़ीरा के कथित स्क्रीनशॉट की. अगर कोई ध्यान से देखे तो मालूम होगा कि स्क्रीनशॉट में मीडिया आउटलेट का नाम ‘Al Jajeera’ लिखा है जबकि असल में वो Al Jazeera है. वहीं ट्विटर हैंडल नेम ‘@AJENews’ है.
यूज़र नेम सही है. ये अल जज़ीरा ब्रेकिंग न्यूज़ का हैंडल है. लेकिन जो लोगो इस्तेमाल किया गया है, वो अल जज़ीरा इंग्लिश का है. इससे साफ़ होता है कि ये स्क्रीनशॉट फ़र्ज़ी है.
और जहां तक स्क्रीनशॉट में शेयर किये गए दावे की बात की जाए तो डेली मेल के आर्टिकल के मुताबिक, तालिबान घर-घर जाकर लड़कियों को ज़बरदस्ती उठा रहे हैं. उनमें से कुछ लड़कियां 12 साल की भी है जिन्हें तालिबानी लड़ाकों का सेक्स स्लेव बना दिया जायेगा.
तालिबान ने इस दावे का खंडन किया है. लेकिन इस दावे के बारे में और भी कुछ रिपोर्ट्स हैं.
NDTV
NDTV के स्क्रीनशॉट में तालिबान के हवाले से बताया गया है कि अब तालिबान “पहले जैसा आतंकी संगठन नहीं रहा”. चैनल ने अपनी ओर से ऐसा दावा नहीं किया था कि तालिबान अब उदारवादी हो गया है. NDTV के वायरल स्क्रीनशॉट में चैनल की स्टोरी को गलत तरीके से दिखाया गया है.
एंकर श्रीनिवासन जैन ने कार्यक्रम के दौरान बताया था कि तालिबान ने ये सुझाव देने का प्रयास किया है कि अब वो पहले के जैसा हिंसक नहीं है. रियेलिटी चेक नाम के कार्यक्रम में बताया गया कि तालिबान ने कहा था कि महिलाएं अपनी शिक्षा पूरी कर सकती हैं और वो नौकरी भी कर सकती हैं. साथ ही महिलाएं सरकारी पदों पर भी काम कर सकती है.
.@OnReality_Check | 48 hours since the Taliban has seized power by the barrel of the gun in Afghanistan, it has attempted to suggest it is no longer the dreaded near-medieval terror outfit of old. pic.twitter.com/Bn8AekSROE
— NDTV (@ndtv) August 18, 2021
श्रीनिवासन ने कार्यक्रम के दौरान, द न्यू यॉर्क टाइम्स मैगज़ीन में काम करने वाली अज़मत खान से भी पूछा कि उनके विचार तालिबान के इस दावे को लेकर क्या है? उन्होंने इस मामले में अपनी राय रखते हुए बताया कि भविष्य को लेकर फ़िलहाल कोई दावा नहीं किया जा सकता है. पहले भी तालिबान ने अपने वादे तोड़े थे. उनके अनुसार, पूरी दुनिया की नज़र अफ़ग़ानिस्तान पर होने के कारण तालिबान ने अपनी ‘उदारवादी’ छवि दिखाने की कोशिश की होगी, लेकिन मीडिया का ध्यान हटते ही तालिबान अपने असली रूप में वापस आ सकता है.
कुल मिलाकर, अल जज़ीरा का फ़र्ज़ी ट्वीट सोशल मीडिया पर NDTV के स्क्रीनशॉट के साथ शेयर किया गया. इसके अलावा, NDTV के स्क्रीनशॉट से मीडिया संगठन के बारे में गलत राय बनाने की कोशिश की गई कि NDTV तालिबान के पक्ष में बोल रहा है.
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