हालिया वैश्विक भूख सूचनांक के अनुसार, भारत का स्थान 117 देशों में नीचे गिरकर 102 तक पंहुचा है, जिसे ‘गंभीर’ देशों के वर्ग में रखा गया है। भारत का GHI स्कोर 30.3 है, जो पिछले वर्ष (31.1) से थोड़ा बेहतर है। इस तथ्य के बावजूद यह एक गंभीर चिंता का कारण है, कुछ वर्गों ने इसपर टिप्पणी करते हुए दावा किया कि 2014 के बाद से भारत की रैंकिंग गिरी है, जब सबसे उच्चतम 55वें स्थान पर था, बाद में 2015 में 80, 2016 में 97, 2017 में 100 और 2018 में 103 तक गिर गया।
India’s slide in the Global Hunger Index continues under the Modi regime. From ranking 55th in 2014, we stand at 103 among 119 with the highest child wasting rate over 20% in 2019.With the poverty, malnutrition and hunger rising like never before, the Govt remains in denial mode. pic.twitter.com/8yiM1EehRG
— Surjya Kanta Mishra (@mishra_surjya) October 16, 2019
उपरोक्त ट्वीट पश्चिम बंगाल के CPI(M) नेता, सुर्ज्या कांता मिश्रा की है। प्रकाश आंबेडकर ने भी समान दावे से ट्वीट किया है –“पांच वर्ष पहले 55 रैंक था”-अनुवाद।
India is ranked 102nd in the global hunger index, out of 117 countries. We are ranked in between Niger & Sierra Leone. We are the lowest ranked South Asian country. Bangladesh is ranked 88th and Pakistan 94th. They have only recently overtaken us. Our rank was 55,only 5 years ago
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) October 16, 2019
फेसबुक पर भी समान दावा किया गया कि 2014 में भारत की 55 रैंकिंग तेज़ी से गिरते हुए 2018 में 103 तक पहुंच गयी।
India’s Global Hunger Index…
2011: 67th rank
2012: 66th rank
2013: 63rd rank
2014: 55th rank (Anpadh arrives)
2015: 80th rank
2016: 97th rank
2017: 100th rank
2018: 103rd rank
2019: Awaited#VIKAS
Posted by Rajiv Tyagi on Sunday, 13 October 2019
यह दावा कितना सही है, कि भूख का सामना नहीं कर पाने की वज़ह से भारत का स्तर 2014 के बाद से काफी ख़राब तरीके से नीचे गिरा है?
तथ्य जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे को गलत पाया कि भारत का स्थान वैश्विक भूख सूचनांक में 2014 के 55 से गिरकर 2019 में 102 तक पहुंच गया है। यह अंतर 2015 तक सूचनांक द्वारा कार्यप्रणाली के अंतर का कारण है। 2014 तक, जिन देशों का GHI स्कोर 5 से कम था (स्कोर कम, बेहतर प्रदर्शन) उन्हें मुख्य टेबल में नहीं बल्कि एक अतिरिक्त टेबल में रखा गया था, जिसमें 44 देशों को रखा गया था। 2014 का GHI सूचकांक नीचे पोस्ट किया गया है।
जैसा कि दाई कॉलम में देखा जा सकता है, ‘वह देश जिनका GHI स्कोर 5 से कम था’ उन्हें अलग कॉलम में रखा गया है, और वह देश मुख्य कॉलम में मौजूद नहीं है। 2015 की GHI रिपोर्ट में भी समान टेबल को प्रदर्शित किया गया था, जिसमें 13 देश जिनके GHI स्कोर 5 से कम थे, उन्हें अलग से रखा गया है। हालांकि, 2016 से,5 से नीचे के GHI स्कोर वाले देशों को मुख्य टेबल में रखा गया था, इस प्रकार राष्ट्रों की रैंकिंग में भारी बदलाव आया। 2014 में भारत की रैंकिंग 55 से गिरकर 2016 में 97 हो गई थी।
यह ध्यान देने लायक है कि 2014 में 44 देशों को ‘GHI स्कोर 5 से नीचे’ श्रेणी में रखा गया था। यह 2015 में घटकर मात्र 13 रह गया। इस संबंध में एक संभावित स्पष्टीकरण 2015 में पेश किया गया कि GHI सूचनांक की गणना के सूत्र में एक नया संसोधन है। यह 2014 में भारत की रैंक 55 से घटकर 2015 में 80 होने के पीछे का कारण है।
2019 का टेबल नीचे पोस्ट किया गया है। जैसा कि देखा जा सकता है, जिन देशों (संख्या में 17) का GHI स्कोर 5 से कम हो, उन्हें मुख्य टेबल में रखा गया है और ये सर्वेक्षण किए गए देशों के बीच शीर्ष रैंकिंग बनाते हैं।
सीधे शब्दों में कहें तो 5 से कम GHI स्कोर वाले देशों को 2016 से पहले मुख्य टेबल में रखा गया था, जिसके कारण भारत का रैंक 2014 में 55 + 44 = 99 रहा होगा, और 2015 में रैंक 80 + 13 = 93 होगा।
GHI रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है, “इस टेबल से रैंकिंग और सूचकांक स्कोर पिछली रिपोर्टों से रैंकिंग और सूचकांक स्कोर की तुलना में सही नहीं हो सकते हैं।”
भारत के GHI रैंक से संबंधित गलत खबर
2018 में, कुछ मीडिया संगठनों ने गलत सूचना दी थी कि GHI सूचकांक में भारत की रैंकिंग 2014 में 55 से गिरकर 2018 में 103 पर आ गई है।
भारत में भुखमरी: इस मामले में पूरी तरह फेल हुई मोदी सरकार, 4 साल में 55 से 103वें पायदान पर पहुंचा देश, नेपाल-बांग्लादेश भी हमसे आगे https://t.co/FWjoRTNx9H
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) October 14, 2018
यह समान गलत सूचना 2017 में भी प्रसारित हुई थी, जिसे मुख्यधारा के मीडिया संगठन के साथ-साथ सोशल मीडिया में भी साझा किया गया था।
2015 से भारत का प्रदर्शन
2015 के बाद, भारत कैसे आगे बढ़ा है जब GHI ने सूचनांक के लिए नए सूत्र का संसोधन किया? भारत के पिछेल पांच वर्षों के प्रदर्शन, जिसमें 2015 से 2019 तक हर साल GHI स्कोर के साथ नीचे टेबल में दर्शाया गया है।
YEAR | GHI SCORE OF INDIA | RANK |
2014 | 17.8 | 55/76 |
2015 | 29.0 | 80/104 |
2016 | 28.5 | 97/118 |
2017 | 31.4 | 100/119 |
2018 | 31.1 | 103/119 |
2019 | 30.3 | 102/117 |
जैसा कि देखा जा सकता है, 2015 में, GHI स्कोर 29.0 था जो 2016 में 28.5 तक बढ़ा था। अगले साल स्कोर 31.4 पर पंहुचा था। इसके बाद 2018 में 31.1 और 2019 में पिछले साल से कम 30.3 यानि सुधार हुआ। कृपया ध्यान दें कि स्कोर जितना अधिक होगा, प्रदर्शन उतना ही खराब होगा।
2019 में GHI प्रदर्शन
2017 और 2018 से भारत के प्रदर्शन में मामूली सुधार हुआ है लेकिन देश को ‘गंभीर‘ की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। इसके अलावा, भारत अन्य दक्षिण एशियाई देश जैसे कि पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पीछे है।
दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि ‘पांच साल से कम उम्र की बच्चों की कुपोषण की स्थिति’ में पिछले दशक में बढ़ा हुआ देखने को मिला है।
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