हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया में इस दावे के साथ प्रसारित किया जा रहा है कि कांग्रेस ने अपने आयोजन में खालिस्तान प्रदर्शनकारियों को आने दिया, जहां इन अलगाववादियों ने भारत विरोधी नारे लगाए। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने यह क्लिप शेयर की है, जिनमें गौरव प्रधान शामिल हैं, जिन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से अक्सर ही भ्रामक पोस्ट शेयर करते हुए पाया गया है। उन्होंने जो क्लिप प्रसारित की उसमें खालिस्तान समर्थकों को कथित रूप से “कांग्रेस ज़िंदाबाद, हिंदुस्तान मुर्दाबाद” कहते हुए सुना जा सकता है।

फिर से दोहराई गई झूठी खबर

लंदन में राहुल गांधी के आयोजन में कांग्रेस ने खालिस्तान समर्थकों को भारत विरोधी नारे लगाने दिए, यह वह भ्रामक सूचना है जो हर कुछ महीनों में सामने आती है। ऑल्ट न्यूज़ ने पहले इस झूठी खबर को, जब भाजपा के पदाधिकारियों ने भी इसे प्रसारित किया था, दो बार खारिज किया है (1,2)।

राहुल गांधी के आयोजन में सिख अलगाववादी सामान्य तौर पर नहीं आए थे, बल्कि इसमें बिन बुलाए घुसे थे। सोशल मीडिया के दावों में भ्रामक रूप से कहा जाता है कि कांग्रेस ने इन प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया।

टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए यूके से खबरें भेजने वाले नाओमी केंटन के अनुसार, यह आयोजन चार प्रदर्शनकारियों द्वारा बाधित किया गया था, जो “राहुल गांधी के आयोजन में घुसने के लिए भारी सुरक्षा को चकमा देने में सफल रहे थे… – (अनुवादित)”।

नेशनल सिख यूथ फेडरेशन के प्रवक्ता शमशेर सिंह, जो अपने तीन सहयोगियों के साथ उस आयोजन में बिन बुलाए घुसे थे, ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, “शाम 5.30 बजे जब सुरक्षा शिथिल थी, हम बगल के एक दरवाजे से अंदर चले गए। अंदर एक बार, सुरक्षाकर्मी ने हमसे कुछ सवाल पूछे लेकिन हम विश्वास के साथ चले और हमने कहा कि हम इस आयोजन में आए हैं। हमें एक टेबल मिला और हम बैठ गए – (अनुवादित)।”

इसके अलावा, टेलीविजन न्यूज़ चैनलों ने खबर दी कि कांग्रेस के जयकारों वाले नारे, बिन बुलाए घुसे सिख अलगाववादियों द्वारा लगाए गए नारों की प्रतिक्रिया में लगाए गए थे।

भ्रामक वीडियो के वायरल होने की सघनता

यह क्लिप फेसबुक और ट्विटर दोनों पर एक जैसे दावों के साथ वायरल है।

इससे ऐसा प्रतीत होता है कि यह व्हाट्सएप्प पर भी प्रसारित हो रहा है।

पुलवामा हमले के बाद भ्रामक सूचनाओं में बढ़ोतरी दिखी है जिनमें गैर-भाजपा दलों को आतंकवाद के समर्थकों के रूप में दिखलाकर उन्हें निशाना बनाया गया है (1, 2, 3, 4, 5)।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.