पूर्व सेनाधिकारी और रिपब्लिक टीवी के शो ‘पेट्रियट’ के होस्ट मेजर गौरव आर्या ने 14 मार्च को एक वीडियो ट्वीट किया। इस वीडियो में, आंखों पर पट्टी बंधे कुछ सैनिकों, जिनके हाथ उनकी पीठ पीछे बंधे हैं, उन्हें दो वर्दीधारी कर्मियों द्वारा बुरी तरह पीटते हुए दिखलाया गया है। इस वीडियो के साथ दिए गए संदेश में कहा गया है, “27 फरवरी को बलोच रिपब्लिकन आर्मी के स्वतंत्रता सेनानियों ने बलोचिस्तान में केच जिले के मंड क्षेत्र में सेना की 3 चौकियों पर हमला किया। यह हमला इतना भयंकर था कि फ्रंटियर कोर के सैनिक भाग खड़े हुए। वे पाक आर्मी एसएसजी द्वारा पकड़ लिए गए और क्रूरतापूर्वक पीटे गए।” -( अनुवाद)
On 27 Feb freedom fighters of Baloch Republic Army attacked 3 Pak Army posts in Mand area, Distt Kech, Balochistan. So ferocious was the attack that soldiers of Frontier Corps ran away. They were caught by Pak Army SSG & thrashed brutally. See Pak Army without clothes 👇 pic.twitter.com/9faFdSV8gz
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) March 14, 2019
आर्या के संदेश के अनुसार, 27 फरवरी को बलोच रिपब्लिकन आर्मी के स्वतंत्रता सेनानियों ने सेना की तीन चौकियों पर हमला किया था, जिसके बाद फ्रंटियर कोर के सैनिक उस स्थान से भाग खड़े हुए। बाद में फ्रंटियर कोर के ये सैनिक पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) के द्वारा पकड़े और पीटे गए। अगर आर्या के संदेश पर विश्वास किया जाए, तो वीडियो में दिखलाई गई घटना 27 फरवरी को जब सैनिक भागे थे, उसके बाद हुई होगी।
SSG कमांडो प्रशिक्षण का पुराना वीडियो
आल्ट न्यूज़ ने पाया कि यही वीडियो यूट्यूब पर 5 फरवरी 2019 को पोस्ट किया गया था, जो सैनिकों के चौकी छोड़ने की कथित घटना से कम से कम 22 दिन पहले है। इससे यह साबित होता है कि यह वीडियो उस घटना का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता जो कथित रूप से 27 फरवरी 2019 के बाद घटित हुई थी, क्योंकि यह 5 फरवरी 2019 से ही मौजूद है।
इस वीडियो का एक करीबी विश्लेषण, यह भी पुष्टि करता है कि यह वीडियो पाकिस्तान के SSG द्वारा किए जाने वाले ‘यातना सहने के अभ्यास’ से संबंधित है। इस वीडियो के एक-एक फ्रेम को देखने पर, कोई भी, एक कर्मी की टी-शर्ट के पीछे “इंस्ट्रक्टर (instructor)” शब्द लिखा हुआ देख सकता है, जो एक तात्कालिक संकेत है कि यह एक प्रशिक्षण प्रक्रिया है। इसका धीमी गति (slow motion) वीडियो नीचे देखा जा सकता है। इस बारे में आप हमारी विस्तृत तथ्य-जांच यहां पढ़ सकते हैं।
साफ़ इनकार
एक अन्य ट्वीट में, जब कई सोशल मीडिया यूजर्स ने वीडियो के पाकिस्तान के SSG प्रशिक्षण से संबंधित होने की ओर ध्यान दिलाया, मेजर गौरव आर्या ने इससे जोरदार तरीके से इनकार किया।
Clueless Pakistanis commenting on the video in my Tweet below 👇are saying this is SSG training. It’s not. Training to resist torture is a highly technical process & involves immense psychological, physical & emotional stress. It’s not like this – danda liya aur thok diya 😂
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) March 14, 2019
माय नेशन का लेख
माय नेशन ने भी इस वीडियो पर इसी संदेश के साथ एक लेख प्रकाशित किया था।
पूर्व सेनाधिकारी ने अलग संदेश से पोस्ट किया
12 मार्च को, एक अन्य पूर्व सेनाधिकारी, मेजर सुरेंद्र पूनिया ने यही वीडियो ट्वीट किया था, लेकिन एक अलग संदेश के साथ कि पाकिस्तान सेना की SSG, बलूच स्वतंत्रता सेनानियों को सजा दे रही थी। मेजर सुरेंद्र पूनिया ने अपना यह ट्वीट अब डिलीट कर लिया है लेकिन इसका आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
जैसा कि पहले भी कहा गया है, यह विडंबना ही है कि वीडियो के अनुसार आर्या जिस घटना का दावा करते हैं वह 27 फरवरी को या उसके बाद हुई है, जबकि यह वीडियो यूट्यूब पर दावे वाले दिन से कम से कम 22 दिन पहले से उपलब्ध था। आर्या ने, उनके ट्वीट की प्रतिक्रिया में कई सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा हमारे पिछले तथ्य-जांच लेख का हवाला देने के बावजूद, अपना ट्वीट हटाने से मना कर दिया है।
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