2 मार्च को उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि 23 फ़रवरी को आगरा से अगवा हुई युवती को तिलक नगर, नई दिल्ली से सकुशल बरामद किया गया. इस प्रेस नोट में लिखा है, “लड़की एक साल से ग्वालियर के दिव्यांशु के संपर्क में थी और फ़ोन पर बातचीत होती थी. दिव्यांशु 23 फ़रवरी को एक गाड़ी किराये पर लेकर दिल्ली आया और अपने सहयोगी रिंकू द्वारा लड़की को बुर्का पहनवाकर ले गया. रिंकू पहचान छुपाने और भ्रमित करने के लिए सिर पर काली टोपी और पठानी सूट पहना था.”
रिपोर्ट के अनुसार, लड़की ने मेहताब राणा को सबक सिखाने के लिए ये साज़िश रची थी. 2018 में लड़की ने मेहताब पर रेप और अगवा करने का केस दर्ज किया था. इस केस में मेहताब को 1 साल की सज़ा हुई थी. 2019 में उसे पेरोल पर ज़मानत मिल गयी थी. 3 मार्च को इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक ख़बर के मुताबिक लड़की ने हालिया मामले में मेहताब के किसी रोल से इनकार किया है. 1 मार्च को पुलिस ने मेहताब की बीवी और दो भाभियों को लड़की को भागने के आरोप में गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था. 4 मार्च को इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस ने मेहताब और उसके परिवार के ख़िलाफ़ अगवा करने का केस वापस ले लिया. रिपोर्ट में लड़की के हवाले से बताया गया है कि उसने मेहताब को फंसाने के लिए साज़िश रची थी क्यूंकि मेहताब उसे 2018 के केस में अपना बयान बदलने के लिए धमका रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक मेहताब की बीवी और दो भाभियों को पुलिस ने अभी भी हिरासत में रखा है. उनपर पुलिस ने 2018 के केस में साथ देने के आरोप लगाया है.
आगरा पुलिस ने मीडिया से बातचीत का वीडियो भी जारी किया.
न्यू आगरा क्षेत्र में पीड़िता को साथ ले जाने की घटना में #आगरा_पुलिस द्वारा पीड़िता को सकुशल बरामद किए जाने के संबंध में श्रीमान अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक @igrangeagra द्वारा बाइट @Uppolice @UPNBT @JagranNews @AmarUjalaNews @TOIIndiaNews @WeUttarPradesh @BharatMediaa pic.twitter.com/sCOe6zAwo5
— AGRA POLICE (@agrapolice) March 2, 2021
इससे पहले 26 फ़रवरी को पुलिस ने CCTV फ़ुटेज के आधार पर बताया था, “वर्ष 2018 में इसी अभियुक्त के द्वारा पीड़िता को ले जाया गया था. पीड़िता की बरामदगी करते हुए अभियुक्त को जेल भेजा गया था। पुनः 23 फ़रवरी को उसी अभियुक्त के साथ पीड़िता का जाना बताया गया है.”
पीड़िता के पिता एवं अभियुक्त पूर्व में साथ काम करते थे। वर्ष 2018 में इसी अभियुक्त के द्वारा पीड़िता को ले जाया गया था। पीड़िता की बरामदगी करते हुए अभियुक्त को जेल भेजा गया था। पुनः 23 फरवरी को उसी अभियुक्त के साथ पीड़िता का जाना बताया गया है। मुकदमा दर्ज कर टीमें रवाना की गई है। pic.twitter.com/XXsQIwloAV
— AGRA POLICE (@agrapolice) February 26, 2021
पुलिस के गैर ज़िम्मेदाराना रवैया की वजह से मामले को सांप्रदायिक रंग दिया गया
25 फ़रवरी को एक CCTV फ़ुटेज सामने आने के बाद कई मीडिया हाउस ने इसे कवर किया. वीडियो में लाल रंग का कुर्ता पहने शख्स बुर्के में दिख रही एक लड़की को पकड़ कर ले जा रहा है. ख़बर में बताया गया कि मेहताब नाम के आरोपी ने इस नाबालिग़ लड़की को बुर्का पहनाकर अगवा कर लिया. भारत समाचार ने इसे लव-जिहाद का मामला बताया. (आर्काइव लिंक)
➡एक बार फिर लव जिहाद का मामला
➡नाबालिग को अपने साथ ले गया मेहताब
➡इसी किशोरी के अपहरण में जा चुका जेल
➡रेप के मामले में जेल जा चुका है मेहताब
➡बुर्का पहनाकर अपने साथ ले गया मेहताब
➡सीसीटीवी में दोनों एक साथ जाते दिखे
➡पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया pic.twitter.com/oE2mTRhFN4
— भारत समाचार (@bstvlive) February 25, 2021
हिंदुस्तान अख़बार ने 26 फ़रवरी को ये ख़बर छापते हुए शीर्षक लिखा, “मेहताब ने तीसरी बार किया है किशोरी को अगवा”.
गौर करने वाली बात है कि हिंदुस्तान अख़बार ने इस मामले पर अपडेट छापते हुए मेहताब का नाम हेडिंग में रखा था. जैसे, 27 फ़रवरी को छपी खबर की हेडिंग थी, “मेहताब की बीवी और दो भाभी गिरफ़्तार, भाई हिरासत में.” लेकिन 3 मार्च को ख़बर की हेडिंग में मेहताब का नाम नहीं है, तबतक पुलिस ने ये साफ़ कर दिया था कि अगवा करने वाला शख्स मेहताब नहीं किया था बल्कि लड़की अपने दोस्त रिंकू के साथ गयी थी. हिंदुस्तान की हेडिंग थी, “दयालबाग से अगवा किशोरी दिल्ली से बरामद“.
सुदर्शन न्यूज़ ने CCTV फ़ुटेज शेयर करते हुए मेहताब के बारे में बात की थी.
जाट समुदाय की लड़की अचानक ही जींस से आ गई बुर्के में और फिर अंतिम बार वो महताब के साथ दिखी.. घटना आगरा, UP की.
मेहताब उसे कहाँ ले गया ये अभी तक किसी को नहीं पता..
फिलहाल इस मामले पर टिकैत अब तक चुप हैं..@agrapolice @adgzoneagra @igrangeagra @myogiadityanath @CMOfficeUP pic.twitter.com/fUMqzracog
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) February 26, 2021
ऑप इंडिया ने इस मामले पर 26 फ़रवरी और 27 फ़रवरी को दो आर्टिकल छापे थे. पहले का शीर्षक था, “फिल्मी स्टाइल में एक ही लड़की की शादीशुदा मेहताब ने की तीसरी बार किडनैपिंग, CCTV में बुर्का पहनाकर ले जाता दिखा” और दूसरे का टाइटल था, “नाबालिग को बुर्का पहनाकर अगवा करने वाले 6 बच्चों के बाप मेहताब की बीवी-भाभी गिरफ्तार, भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू.” दैनिक जागरण ने 1 मार्च को लिखा था, “न्यू आगरा क्षेत्र से किशोरी का अपहरण करने के मामले में पुलिस आरोपित के करीब पहुंच गई है। उसकी दो भाभी और पत्नी जेल जा चुकी हैं. भाई भी पुलिस की हिरासत में है। अब महताब पर शिकंजा कसकर पुलिस उसके करीब पहुंच गई है.” हिंदुस्तान ने 1 मार्च को एक आर्टिकल में लिखा, “मुख्य आरोपित मेहताब राणा के भाई गुलफाम ने पुलिस को उलझा दिया है. सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद उसका कहना है कि यह भाई नहीं है.”
आज तक की एक रिपोर्ट में लिखा है, “एसएसपी आगरा बबलू कुमार ने बताया कि पीड़िता ताजगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली है, 2018 में भी आरोपी मेहताब ने पीड़िता का अपहरण किया था, जिसे स्थानीय थाना पुलिस ने बरामद कर लिया था, मेहताब के डर की वजह से लड़की अपना घर छोड़कर अपने रिश्तेदार के घर न्यू आगरा थाना क्षेत्र में रह रही थी.”
कुश्ती खिलाड़ी योगेश्वर दत्त ने भी एक ट्वीट में मेहताब को दोषी बताया और सख्त सज़ा की मांग की.
आगरा में हुई इस बेटी के साथ हुई घटना निंदनीय है। मेहताब नाम के इस दोषी को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए और सख्त सजा मिलनी चाहिए।#JusticeForAgraKiBeti pic.twitter.com/wRtawAgn8q
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) February 26, 2021
पुलिस ने सिर्फ़ शक के आधार पर मेहताब राणा के घरवालों पर मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ़्तार कर लिया जबकि FIR में कहीं भी उन लोगों का ज़िक्र नहीं था.
ये ग़लतफ़हमी क्यों हुई?
इस मामले में दर्ज की गयी सबसे पहली FIR की कॉपी ऑल्ट न्यूज़ को मिली. ये 23 फ़रवरी की है. इसमें लड़की के पिता ने शिकायत दर्ज करते हुए लिखा, “मेरी बेटी को 20/6/2018 में मेहताब राणा नाम का आदमी अपहरण करके लेकर गया था. मुझे पूरा यकीन है वह ही लड़का आज उसे उठाकर लेकर गया है.”
इसके बाद से मीडिया चैनल सहित सोशल मीडिया यूज़र्स भी ये दावा करने लगे कि मेहताब ने युवती को नशीला पदार्थ सुंघाकर अगवा कर लिया. पिता के शक के आधार पर पुलिस ने मेहताब की बीवी और उसकी भाभियों को गिरफ़्तार कर लिया था. इस आर्टिकल के लिखे जाने तक वो जेल में हैं.
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