10 जून को मध्यप्रदेश स्टेट वुमन कमीशन की चेयरमैन शोभा ओझा ने ट्वीट कर लिखा, “मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शराब की बिक्री के लिए महिलाओं को ड्यूटी पर लगाने का शर्मनाक फ़ैसला नारी की अस्मिता, सुरक्षा और उसके सम्मान के खिलाफ है।” (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

ये ट्वीट राज्य में सरकार द्वारा शराब की दुकानें चलाने के फैसले के संबंध में की गई है. दरअसल कोरोना वायरस महामारी के कारण शराब की बिक्री में गिरावट आई थी जिस वजह से 70 प्रतिशत दुकानदारों ने दुकानें खोलने से मना कर दिया था. इसके बाद राज्य सरकार शराब की दुकानें चलाने के लिए सामने आई थी. राज्य के एक्साइज़ डिपार्ट्मन्ट ने शराब की दुकानें खोलने और चलाने की प्रक्रिया पर निगरानी रखने काम हाथ में लिया है.

कांग्रेस सांसद ने शराब की दुकान पर बैठी खाखी वर्दी पहनी महिला अफ़सर की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “यह तस्वीर लज्जित करती है, शराब बेचने को आतुर शिवराज सरकार ने अब महिलाओं को शराब की दुकानों पर बिठाकर हमारी बहन-बेटियों के प्रति अपनी घृणित और कुत्सित सोच का प्रदर्शन किया है।” (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

शराब की दुकानों पर महिला अफ़सरों को बिठाने का विरोध करते हुए 12 जून को कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद ने शराब की दुकानों पर दूध के पैकेट बांटे थे. उन्होंने कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “#बेटियों से शराब बिकवाने के विरोध में शराब की दूकान पर विधायक आरिफ मसूद ने बाटें #दूध के पैकेट !” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

कांग्रेस सदस्य अरुण यादव ने शराब की दुकानों को चलाने के सरकारी ऑर्डर और शराब की दुकान पर तैनात लोगों के नाम की एक लिस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “मप्र में पहले महिला पुलिसकर्मियों ने बेंची शराब और अब शिक्षक बेचेंगे शराब” (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

इसके अलावा, शराब की दुकानों पर बैठी महिलाओं की तस्वीर के साथ 2 सरकारी फ़रमान की तस्वीरें भी शेयर हो रही हैं. इन ऑर्डर्स में से एक पर 9 जून की तारीख लिखी हुई है और जबकि दूसरे ऑर्डर लेटर पर कोई तारीख नहीं लिखी हुई है. एक जैसे दिखनेवाले इन दोनों फ़रमानों में शराब की दुकानों के नाम दिए गए हैं. इन डॉक्युमेंट्स में टीम मेम्बर्स के नाम और उनके पद लिखे गए हैं. टीम मेम्बर्स में महिलाएं भी शामिल हैं लेकिन उन्हें शराब की बिक्री का काम नहीं सौंपा गया है.

12 जून को पब्लिश की गई डेक्कन हेरल्ड की रिपोर्ट में भी मध्यप्रदेश सरकार पर महिला अफ़सरों से शराब की बिक्री करवाने का आरोप लगाया गया है. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

जब ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की जांच की तो पाया कि ये दावा सरासर ग़लत है. पत्रिका की न्यूज़ रिपोर्ट को अगर आप ध्यान से देखें तो वीडियो में महिला अफ़सर प्रशासनिक काम करती हुई दिख रही है. वीडियो के साथ बताया गया है, “आबकारी महिला अधिकारी करवा रही काउंटिंग भोपाल में आज शाम खुल सकती हैं दुकान.”

 

शराब की दुकान खोलने की तैयारी

दुकान की साफ सफाई शुरू

आबकारी महिला अधिकारी करवा रही काउंटिंग
भोपाल में आज शाम खुल सकती हैं दुकान

Posted by Patrika Bhopal on Tuesday, 9 June 2020

इस मामले की तह तक जाने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने महिला एक्साइज़ अफ़सर से कॉन्टैक्ट किया. भोपाल एक्साइज़ कंट्रोल रूम में काम करने वाली इन महिला अफ़सर ने हमें भोपाल एक्साइज़ कंट्रोल रूम के डिप्टी कंट्रोलर अतुल दुबे से संपर्क करवाया.

दुबे ने हमें बताया, “ये बात कहना कि महिलाएं शराब बेचने के काम में शामिल हैं, ग़लत होगा. ज़्यादातर कॉन्ट्रैक्टरों ने अपने टेंडर्स छोड़ दिए हैं जिस कारण एक्साइज़ अफ़सर को शराब की दुकानें चलाने का काम दिया गया है. इस काम के लिए चुनी गई सभी महिलाओं का काम सिर्फ़ निगरानी रखने का है. ये काम बिना किसी पक्षपात के एक्साइज़ अफ़सरों को दिया गया है जो कि उनका कर्तव्य भी है.” उन्होंने ये बात भी स्पष्ट की कि जिस सरकारी फ़रमान पर तारीख दी गई है वो सही है जबकि दूसरा फ़रमान ग़लत है. उन्होंने आगे बताया कि जब एक बार टेन्डर का मसला सुलझ जाएगा तो एक्साइज़ अफ़सर को शराब की दुकानों पर काम करने की ज़रूरत नहीं होंगी.

इसके अलावा हम स्वतंत्र रुप से बिना तारीख वाले सरकारी ऑर्डर के बारे ज़्यादा कुछ पता नहीं लगा पाए हैं. ये बात गौर करने लायक है कि दोनों डॉक्युमेंट्स एक जैसे ही दिखाई दे रहे हैं. इन्हें टीवी9 भारतवर्ष ने भी रिपोर्ट किया है.

हमें वायरल तस्वीर में दिखने वाली महिला अफ़सर की कुछ और तस्वीरें भी मिलीं. इसे देखने पर कहीं भी ये नहीं लग रहा है कि ये महिला अफ़सर शराब की बिक्री का काम कर रही है. नीचे दिए गए तस्वीरों के कोलाज में बाईं ओर की तस्वीर में महिला अफ़सर डेस्क पर बैठकर कुछ काम करती हुई दिखाई दे रही हैं जबकि दाईं ओर की तस्वीर में महिला अफ़सर को दुकान के काउन्टर से काफ़ी दूर खड़े हुए देखा जा सकता है. इसके अलावा, दाईं ओर की तस्वीर में एक व्यक्ति काउन्टर पर शराब की बिक्री करता हुआ दिख रहा है.

दुबे ने आगे बताया, “ये काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि अपनी ड्यूटी कर रही महिला एक्साइज़ अफ़सर की तस्वीर शेयर कर झूठा दावा फैलाया जा रहा है कि वो महिला अफ़सर शराब बेचने का काम कर रही है. ये बात सभी को समझनी चाहिए कि बिना किसी भेदभाव के हमारे सारे अफ़सरों को अपना काम करने के लिए ट्रेन किया जाता है. तस्वीर में दिखने वाली अफ़सर पिछले कई दशकों से देश के लिए काम कर रही है. महिला अफ़सरों को कई बार रेड करने या किसी बड़े क्राइम के केस को हैन्डल करने के लिए कहा जाता है. कई बार महिला अफ़सरों को ऐसी जगह भी काम करना पड़ता है जहां टॉइलेट्स तक नहीं होते हैं.”

एमपी स्टेट वुमन कमीशन की चेयरमैन शोभा ओझा और एमपी कांग्रेस द्वारा किया गया दावा कि महिला अफ़सरों को शराब की दुकानों पर बिक्री करने के लिए बिठाया गया है, भ्रामक है. इसके अलावा ये दावा सेक्सिस्ट भी है.

सोशल मीडिया में महिला अफ़सरों को शराब की दुकान पर देखने के बाद चलाए जा रहे दावों के बाद एमपी स्टेट एक्साइज़ डिपार्ट्मन्ट ने ज़िलों के कलेक्टर को लेटर लिख कर ये निर्देश दिया कि शराब की दुकानों पर विक्रयकर्ता और चौकीदार के तौर पर सिर्फ़ पुरुष अफ़सरों को ही चुना जाएगा.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.